ट्विटर सीईओ जैक डोर्से अपनी म्यांमार यात्रा पर एक ट्वीट कर विवादों में फंस गए हैं. शनिवार को ट्विटर सीईओ जैक ने अपनी 10 दिनों की म्यांमार यात्रा को शानदार बताते हुए लोगों को म्यांमार घूमने की सलाह दी. इसके बाद कई यूजर्स ने ट्विटर सीईओ पर म्यांमार में अल्पसंख्यक मुस्लिम रोहिंग्याओं की दयनीय स्थिति को नजरअंदाज करने का आरोप लगाते हुए आलोचना की.
उन्होंने म्यांमार की तारीफ करते हुए लिखा था, 'लोग खुशहाल हैं और यहां का खाना भी शानदार है. उन्होंने विपश्यना के लिए म्यांमार जाने की सलाह भी दी. ट्विटर सीईओ ने बताया कि म्यांमार की गुफाओं में उन्होंने खुद को टेक्नॉलजी से दूर रखते हुए ध्यान लगाया.
हालांकि, कई लोगों ने म्यांमार को खूबसूरत देश बताने के लिए ट्विटर सीईओ की आलोचना की. लोगों ने कहा कि जैक म्यांमार में सेना द्वारा किए गए कथित नरसंहार पर बोलना भूल गए.
बता दें कि अगस्त में यूएन ने म्यांमार में रोहिंग्या के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की आलोचना की थी. म्यांमार की सेना पर पड़ोसी देश बांग्लादेश के रोहिंग्याओं को बाहर निकालने और महिलाओं से रेप करने का आरोप लगा था.
डोर्से के खुशहाल लोगों वाले ट्वीट पर एक यूजर ने लिखा, 'लोग बहुत खुश हैं! मुझे लगता है कि शायद आप सरकार के जलाए गए गांवों में नहीं गए या फिर म्यांमार से निकाले गिए आपने लाखों रोहिंग्या से बातचीत नहीं की जो बांग्लादेश के शरणार्थी कैंपों में बदहाली में रह रहे हैं. वहां जाकर ध्यान करिए.'
यूरोपियन मीडिया डायरेक्टर फॉर ह्यूमन वॉच एंड्रू स्ट्रेलिन ने लिखा, मैं मेडिटेशन में एक्सपर्ट नहीं हूं लेकिन क्या यह आपको इतना खुदगर्ज बना देता है कि आप यह बताना भूल जाते हैं कि आप एक ऐसे देश में हैं जहां की सेना ने हत्याएं, रेप किए हैं और हजारों लोगों को भागने पर मजबूर कर दिया?
एक अन्य यूजर ने लिखा, जैक लोगों को म्यांमार घूमने जाने की सलाह दे रहे हैं, वे इसे कूल टूरिस्ट डेस्टिनेशन के तौर पर दिखाने की कोशिश कर रहे हैं जबकि इसी देश में हिंसा, रेप और नरसंहार के जरिए रोहिंग्या मुस्लिम अल्पसंख्यकों को देश छोड़कर जाने पर मजबूर किया गया.
ट्विटर पर हुई इस आलोचना पर ट्विटर सीईओ जैक ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
इससे पहले, ट्विटर सीईओ जैक डोरसी की भारत यात्रा के दौरान खींची गई एक तस्वीर को लेकर विवाद हुआ था. इस तस्वीर में वे एक पोस्टर लिए नजर आए थे जिस पर लिखा था- ब्राह्मणवादी पितृसत्ता खत्म करो (Smash Brahminical patriarchy). इसको लेकर काफी विरोध हुआ था.