Advertisement

विश्व

'उइगर मुसलमानों को गुलामों की तरह बेच रहा चीन, नामोनिशान मिटाने में जुटा'

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 20 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 10:12 AM IST
  • 1/11

चीन उइगर मुस्लिमों के खिलाफ हमेशा नया पैंतरा अपनाता रहा है. अब एक रिपोर्ट में सामने आया है कि चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों को काम करने के लिए फैक्ट्रियों में बेचा जा रहा है और इसके लिए बकायदा ऑनलाइन विज्ञापन दिए जा रहे हैं. 

Photo Credit: Getty Images

  • 2/11

स्काई न्यूज की रिपोर्ट के दावे के मुताबिक Baidu पर 50 से 100 के समूह में उइगर मजदूरों को बेचने को लेकर दर्जनों विज्ञापन देखे गए हैं. Baidu चीन की सबसे बड़ी इंटरनेट कंपनी है जो गूगल की तरह ही सर्च इंजन है.  


Photo Credit: Getty Images 

  • 3/11

चीन में इस घटना की कई ब्रिटिश सांसदों ने निंदा की है. इंडिपेंडेंट के मुताबिक ब्रिटेन में कंजर्वेटिव पार्टी की सांसद नुसरत गनी ने चीन के इस कदम की कड़े शब्दों में निंदा की है. ब्रिटेन में वेल्डन की सांसद नुसरत गनी ने कहा कि उइगरों की इस तरह से नीलामी की जा रही है जैसे वे गुलाम हों. यह भयानक है. 

Photo Credit: Getty Images

Advertisement
  • 4/11

वहीं स्काई न्यूज की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कंजर्वेटिव पार्टी के पूर्व नेता इयान डंकन स्मिथ ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि चीनी अधिकारी नरसंहार में लगे हुए हैं. इयान डंकन स्मिथ ने कहा कि यह सच्चाई है कि चीनी अधिकारी नरसंहार में लगे हुए हैं. इसमें अब कोई संदेह रह ही नहीं गया है. वे एक जातीय समूह को मिटाने की कवायद में लगे हुए हैं.

Photo Credit: Getty Images

 

  • 5/11

असल में, एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के इंटरनेट बायडू (Baidu) पर उइगर श्रमिकों के विज्ञापन देखे गए हैं जिनमें 50-100 मजदूरों के श्रम को लेकर सौदा करने की बात कही गई है. 

Photo Credit: Getty Images

  • 6/11

एक एजेंट ने बताया कि शिनजियांग के उइगर स्थानीय प्रशासन की राजनीतिक निगरानी में हैं और काम करने के दौरान उन्हें अर्ध सैन्य प्रबंधन के तहत रखा गया है. शिनजियांग सरकार ने उइगरों से जुड़ी 2019 की अपनी रिपोर्ट में बताया था कि उसका पांच साल के लिए "श्रम हस्तांतरण कार्यक्रम" है जिसके बारे में बायडू पर प्रकाशित हुआ. 

Photo Credit: Getty Images
 

Advertisement
  • 7/11

शिनजियांग सरकार का दावा है कि इस कार्यक्रम का मकसद अधिक से अधिक रोजगार मुहैया कराना है. इस कार्यक्रम से ग्रामीण इलाकों में जो सरप्लस लेबर है, उसे काम मिलेगा. 

Photo Credit: Getty Images

  • 8/11

चीन में शिनजियांग प्रांत का प्रशासन चाहे जो भी कहे लेकिन मानवाधिकार संगठन उइगरों की स्थिति को लेकर हमेशा अपनी चिंता जाहिर करते रहे हैं. मानवाधिकार संगठन लगातार यह बात कहते रहे हैं कि चीन में उइगरों से जबरन काम कराया जाता है.

Photo Credit: Getty Images

  • 9/11

चीन सरकार कहती रहती है कि शिनजियांग में उसने उइगरों के लिए शिक्षा मुहैया कराने के लिए कैम्प लगाए हैं जहां उइगर समुदाय के लोगों को रखा जाता है लेकिन मानवाधिकार संगठन इसे चीन का झूठ करार देते रहे हैं.

Photo Credit: Getty Images

Advertisement
  • 10/11

वॉशिंगटन डीसी स्थित न्यूलाइंस इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजी थिंक टैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि चीन की सरकार "नरसंहार करने की जिम्मेदार" है. चीन की सरकार ने शिनजियांग में उइगरों के प्रति अपने बर्ताव से संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन के सभी नियमों का उल्लंघन किया है. 

Photo Credit: Getty Images

  • 11/11

स्टैनफोर्ड लॉ स्कूल ह्यूमन राइट्स एंड कनफिल्क्ट रिजोल्यूशन क्लिनिक ने उइगरों के साथ चीन के बर्ताव को मानवता के खिलाफ अपराध करार देते हुए बीजिंग की आलोचना की है. ब्रेक द लिनेज, ब्रेक द रूट्स नाम से 53 पेज की रिपोर्ट में उइगरों के उत्पीड़न को उजागर किया गया है.

Photo Credit: Getty Images

Advertisement
Advertisement