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अमेरिका ने इराक-सीरिया में दागे गोले, ईरान को दी ये चेतावनी

aajtak.in
  • वॉशिंगटन,
  • 28 जून 2021,
  • अपडेटेड 11:39 AM IST
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वियना में परमाणु समझौते को लेकर ईरान और छह शक्तिशाली देशों में चल रही वार्ता के बीच में अमेरिका ने इराक और सीरिया में एयरस्ट्राइक को अंजाम दिया है. ये हवाई हमले ईरान समर्थित मिलिशिया गुटों के ठिकानों को निशाना बनाते हुए किए गए हैं. जून की शुरुआत में इराक में रॉकेट हमला हुआ था जिसमें एक अमेरिकी सैनिक और अन्य गठबंधन सैनिक घायल हो गए थे. 

अमेरिका ने जवाबी कार्रवाई के तहत ये एयरस्ट्राइक की है. राष्ट्रपति जो बाइडेन के निर्देश में अमेरिकी सेना ने रविवार को इस हमले को अंजाम दिया. इस हवाई हमले को ईरान को चेतावनी के तौर पर देखा जा रहा ताकि वो अमेरिकी सैनिकों को निशाना बनाने वाले आतंकी गुटों को समर्थन न दे. बाइडेन पहले ही ईरान को संकेत दे चुके हैं कि वो अमेरिका को निशाना बनाने वाले गुटों को समर्थन न दे. 

(फोटो-Getty Images)

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अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने बताया कि मिलिशिया गुट इराक में अमेरिकी सैनिकों को निशाना बनाने के लिए इन ठिकानों का इस्तेमाल कर रहे थे. किर्बी ने कहा कि अमेरिकी सेना ने तीन ऑपरेशनल और हथियार भंडारण केंद्रों को निशाना बनाया है. इनमें दो सीरिया में और एक इराक में है.


(फाइल फोटो-Getty Images)
 

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किर्बी ने अमेरिकी हमलों को अपनी रक्षा में उठाया गया कदम करार दिया है. उन्होंने कहा कि ईरान समर्थित मिलिशिया गुटों के हमलों के जवाब में एयरस्ट्राइक को अंजाम दिया है. पेंटागन के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका ने अपने सैनिकों के खिलाफ जोखिम को कम करने के मकसद से इन हमलों को अंजाम दिया है. यह मिलिशिया गुटों को एक चेतावनी संदेश भी है. 

(फोटो- पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी)
 

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न्यूज एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक इस एयर स्ट्राइक को राष्ट्रपति बाइडेन के निर्देश पर अंजाम दिया गया. बाइडेन ने राष्ट्रपति बनने के 5 महीने के भीतर दूसरी बार ईरान समर्थित मिलिशिया गुटों के खिलाफ जवाबी हमले का आदेश दिए हैं. अभी यह पता नहीं चल पाया है कि इस अटैक में कोई मारा गया है या नहीं. 

(फोटो-Getty Images)

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इस साल फरवरी में इराक में एक रॉकेट हमले में ठेकेदार की मौत हो गई थी जबकि एक अमेरिकी और अन्य गठबंधन सैनिक घायल हो गए थे. उस समय बाइडेन ने कहा था कि ईरान को सीरिया में अमेरिकी हमलों को चेतावनी के रूप में देखना चाहिए. अगर ईरान मिलिशिया गुटों का समर्थन करता है तो उसे इसके नतीजे भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए.

(फोटो-Getty Images)

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किर्बी ने रविवार को कहा कि राष्ट्रपति बाइडेन अपने सैनिकों की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध हैं. इराक में अमेरिकी हितों को निशाना बनाने वाले ईरान समर्थित गुटों के हमलों को देखते हुए राष्ट्रपति ने जवाबी सैन्य कार्रवाई का निर्देश दिए हैं."

(फोटो-Getty Images)

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पेंटागन के प्रवक्ता ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कानून के मामले में, अमेरिका ने आत्मरक्षा के अपने अधिकार के अनुसार काम किया है. हमले खतरे से निपटने के लिए यह एयरस्ट्राइक जरूरी थी. 

(फोटो-Getty Images)

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अमेरिका की हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी ने भी एयरस्ट्राइक का बचाव किया है. उन्होंने जारी बयान में कहा कि अमेरिकी हवाई हमले "एक गंभीर और विशिष्ट खतरे के खिलाफ एक्शन है. अपने सैनिकों की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है.

(फोटो-Getty Images)

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अमेरिका ने ईरान समर्थित गुटों के खिलाफ ये हवाई हमला तब किया है जब ईरान परमाणु ठिकानों के भीतर की तस्वीरें अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आइएईए) को देने से इनकार कर दिया है. ईरान की दलील है कि दोनों के बीच हुआ समझौता अब खत्म हो चुका है. ईरान के संसद के स्पीकर मुहम्मद बाकर कालीबाफ ने कहा कि ईरान और संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी के बीच समझौता खत्म हो गया है, उसे किसी भी तरह की सूचना नहीं दी जाएगी. 

(फोटो-Getty Images)

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इस बयान के बाद ईरान और छह शक्तिशाली देशों के बीच चल रही बातचीत बाधा आने की आशंका है. 2018 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एकतरफा बताते हुए समझौते से किनारा कर लिया था. इस करार में ईरान के साथ अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी शामिल हैं. राष्ट्रपति बनने के बाद बाइडेन ने फिर से इस समझौते में शामिल होने की इच्छा जताई है. 

(फोटो-AP)

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