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भारतीय क्षेत्र में चुपके से आने पर अमेरिका ने अब दी ये दलील, भारत ने जताई थी चिंता

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 7:32 PM IST
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अमेरिकी नौसेना का एक जहाज भारतीय समुद्री क्षेत्र से गुजरा था जिसे लेकर दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति बन गई थी. अमेरिकी नौसेना ने खुद ही एक बयान में कहा था कि भारत से इसके लिए इजाजत नहीं ली गई थी क्योंकि अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत समुद्र में आवाजाही की स्वतंत्रता है. भारत ने अपने विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) से बिना इजाजत अमेरिकी शिप यूएसएस जॉन पॉल जोन्स के गुजरने पर कड़ी आपत्ति जाहिर की थी जिसके बाद पेंटागन की सफाई आई है.  (फाइल फोटो-Getty Images)

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अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन एफ किर्बी ने बताया कि यूएसएस जॉन पॉल जोन्स सिर्फ मालदीव की तरफ से होकर गुजरा है. किसी प्रकार का युद्धाभ्यास नहीं किया गया है.  (फाइल फोटो-Getty Images)

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भारत ने नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास और अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन दोनों ही जगहों पर अमेरिकी शिप के बिना पूर्व इजाजत के भारतीय EEZ क्षेत्र से गुजरने की शिकायत दर्ज कराई थी. भारत ने ये शिकायत डिप्लोमेटिक माध्यमों से दर्ज कराई है. (फोटो-Getty Images)
 

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भारतीय विदेश मंत्रालय ने जारी बयान में कहा था कि यूएसएस जॉन पॉल जोन्स द्वारा फारस की खाड़ी से लेकर मलक्का स्ट्रेट तक लगातार निगरानी की जा रही है. हमने कूटनीतिक माध्यम से अपने इकोनोमिक जोन से गुजरने वाले इस शिप के मार्ग को लेकर अमेरिकी सरकार से अपनी चिंता दर्ज करा दी है. (फाइल फोटो-Getty Images)

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जारी बयान के मुताबिक, मामले को लेकर भारत ने संयुक्त राष्ट्र संघ के एक पुराने कन्वेंशन का भी जिक्र किया है. इस कन्वेंशन को यूनाइटेड नेशंस कन्वेंशन ऑन द लॉ ऑफ द सी (UNCLOS) कहते हैं, जिसके अनुसार अगर किसी दूसरे देश का वाहन किसी दूसरे देश के क्षेत्र में आने वाले समुद्री क्षेत्र से गुजरेगा तो उसे इससे पहले उस देश की अनुमति लेनी पड़ेगी. लेकिन अमेरिका इस मामले पर अलग सुर अलाप रहा है. भारत ने इसे लेकर आपत्ति जाहिर की थी. (फाइल फोटो-Getty Images)
 

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इस घटना को इसलिए असमान्य माना जा रहा है क्योंकि भारत और अमेरिका Quad के सदस्य हैं. दोनों देशों ने अभी फ्रांस की अगुवाई में बंगाल की खाड़ी में युद्धाभ्यास किया था जिनका मकसद समुद्री नेविगेशन यानी समुद्री आजादी की रक्षा करना भी है. अंतरराष्ट्रीय जल मार्ग में चीन के बढ़ते वर्चस्व के चलते फ्रांस इस बार क्वाड देशों के साथ आया है. लेकिन अमेरिकी नेवी के इस कदम से भारत हैरान है. (फोटो-Getty Images)

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इससे पहले अमेरिकी नौसेना ने इस मामले में अपना बचाव किया था. अमेरिकी नौसेना की दलील थी कि वो बिना पूर्व अनुमति के एक सामान्य ऑपरेशन के लिए साधारण संचालन कर रहे थे, जोकि इंटरनेशनल नियम-कानून के तहत ही है. अमेरिकी नौसेना के प्रवक्ता ने शुक्रवार को कहा था कि ''ये अंतराष्ट्रीय कानून के तहत है और हम अपने अधिकार को बनाए रखने के लिए इसे जारी रखेंगे.  (फोटो-Getty Images)

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एक रिपोर्ट के मुताबिक जब पूछा गया कि क्या भारतीय नौसेना ने ऑपरेशन में शामिल अमेरिकी नौसेना के जहाज से संपर्क करने का प्रयास किया था, तब अमेरिकी नौसेना के प्रवक्ता ने कहा कि नेविगेशन ऑपरेशन अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत किया गया है. (फाइल फोटो-Getty Images)

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