बीते कुछ साल के दौरान चीन और क्यूबा में अमेरिकी दूतावास के कई स्टाफ रहस्यमय तरीके से बीमार हो गए थे. इन घटनाओं की जांच के बाद अमेरिका की नेशनल अकेडमी ऑफ साइंसेज ने कहा है कि इस बात की आशंका सबसे अधिक है कि माइक्रोवेव इनर्जी से हमला किया गया था.
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, नेशनल अकेडमी ऑफ साइंसेज का कहना है कि जिन मामलों की उन्होंने जांच की, उनमें पल्स्ड रेडियो फ्रीक्वेंसी इनर्जी के इस्तेमाल के संकेत मिले हैं. हालांकि, रिपोर्ट में यह नहीं कहा गया है कि सोची समझी रणनीति के तहत ही माइक्रोवेव इनर्जी का इस्तेमाल किया गया, बल्कि कहा गया है कि अपराधी किस्म के लोग भी इसके पीछे हो सकते हैं.
डॉक्टरों और वैज्ञानिकों के 19 सदस्यों की कमेटी ने अमेरिकी सरकार के अनुरोध पर यह जांच की. 2017 में मार्क लेन्जी नाम के अमेरिकी राजनयिक गुआन्गझोऊ में तैनात थे. एक दिन अचानक वह रहस्यमय तरीके से बीमार पड़ गए और उन्हें सिर दर्द होने लगा, पढ़ने में भी दिक्कत होने लगी, याददाश्त और नींद की समस्या भी शुरू हो गई.
अमेरिकी राजनयिक मार्क लेन्जी के एमआरआई स्कैन में पता चला कि उनके दिमाग के 20 हिस्सों का घनत्व काफी कम हो गया है, खासकर वे हिस्से जो याददाश्त, इमोशनल रेग्यूलेशन से जुड़े होते हैं. वहीं, दिमाग के तीन हिस्सों का घनत्व बढ़ा हुआ पाया गया. रिसर्चर्स का कहना था कि दिमाग के कई हिस्सों का कम घनत्व होना ब्रेन इन्जरी का संकेत हो सकता है.
अमेरिकी अधिकारियों पर ज्यादातर ऐसे हमले 2016 और 2017 के बीच हुए थे. हालांकि, कुछ मामले 2017 के बाद भी सामने आए. नेशनल अकेडमी ऑफ साइंसेज ने माइक्रोवेव हथियार के इस्तेमाल को लेकर चिंता जाहिर की है. बता दें कि दुनिया में कुछ ही देश ऐसे हैं जिनके पास माइक्रोवेव हथियार हैं. इनमें रूस को भी गिना जाता है. क्यूबा में अमेरिकी अधिकारियों के रहस्यमय तरीके से बीमार पड़ने की घटनाओं के तार रूस से जोड़े जाते हैं.