अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच बुधवार को जिनेवा में बैठक हुई. दोनों देश हथियार नियंत्रण, साइबर सुरक्षा पर बातचीत करने और अपने राजदूतों को वापस बुलाने पर सहमत हुए. इस बातचीत को पुतिन ने "रचनात्मक" बताया. अमेरिकी और रूसी राष्ट्रपति के बीच यह बातचीत उस समय हुई है जब दोनों देशों के रिश्ते सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं.
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बाइडन और पुतिन के बीच यह बातचीत जिनेवा के विला ला ग्रेंज में हुई. बैठक के बाद सबसे पहले पुतिन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वार्ता के दौरान कोई 'दुश्मनी' नहीं दिखी और अपेक्षा से अधिक तेजी के साथ मीटिंग समाप्त हुई. दोनों पक्षों ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि बैठक चार से पांच घंटे चलेगी, लेकिन यह तीन घंटे से भी कम समय में खत्म हो गई. इस बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भी शामिल रहे.
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पुतिन ने स्वीकार किया कि बाइडन ने उनके साथ मानवाधिकारों के मुद्दों को उठाया, जिसमें विपक्षी नेता एलेक्सी नवेलनी का मसला भी शामिल था. पुतिन ने एलेक्सी नवेलनी को जेल भेजने के अपने फैसले का बचाव किया. एलेक्सी नवेलनी पर बार बार सवाल पूछे जाने पर पुतिन अमेरिका की घरेलू दिक्कतों का जिक्र करते हुए अपना बचाव करते नजर आए. पुतिन ने ब्लैक लाइव्स मैटर के विरोध प्रदर्शन और 6 जनवरी को अमेरिकी संसद में उपद्रव का जिक्र किया. हालांकि बाइडन ने बाद में कहा कि 6 जनवरी को जो हुआ और ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन के बीच कोई तुलना "हास्यास्पद" थी.
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पुतिन ने कहा कि वह और बाइडन परमाणु हथियारों को सीमित करने वाली नई START संधि पर वार्ता को सहमत हुए. परमाणु हथियारों पर रोक लगाने वाला पुराना करार 2026 में समाप्त हो रहा है जिसकी जगह पर नई START संधि को लागू करने पर चर्चा चल रही है.
पुतिन ने यह भी कहा कि मॉस्को और वाशिंगटन 2026 में समाप्त होने के बाद नई START हथियार नियंत्रण संधि में संभावित बदलावों पर चर्चा शुरू करेंगे. उनका कहना था कि दोनों देश परमाणु रणनीतिक स्थिरता के लिए जिम्मेदार हैं. नई START संधि पर 2010 में हस्ताक्षर किए गए थे.
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अमेरिका यूक्रेन पर रूस के कब्जे और पूर्वी यूक्रेन में अलगाववादियों के समर्थन में उसके सैन्य हस्तक्षेप से नाराज होकर 2014 में मास्को के साथ वार्ता खत्म कर दी थी. ट्रंप प्रशासन के समय में 2017 में नई START संधि पर फिर बातचीत शुरू हुई लेकिन यह किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले ही खत्म हो गई. रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि दोनों नेता अपने राजदूतों को वापस भेजने पर राजी हुए हैं. हाल के महीनों में रिश्ते बिगड़ने पर दोनों देशों ने अपने राजदूत वापस बुला लिए थे.
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अमेरिका में रूस के राजदूत अनातोली एंटोनोव को लगभग तीन महीने पहले वाशिंगटन से वापस बुला लिया गया था जब बाइडन ने पुतिन को हत्यारा कहा था; रूस में अमेरिकी राजदूत जॉन सुलिवन ने लगभग दो महीने पहले मास्को छोड़ दिया था. पुतिन ने कहा कि आने वाले दिनों में राजदूतों के वापस लौटने की उम्मीद है.
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पुतिन ने यह भी कहा कि दोनों पक्ष साइबर सुरक्षा के मुद्दों पर विचार-विमर्श शुरू करने के लिए सैद्धांतिक रूप से सहमत हैं. हालांकि उन्होंने अमेरिकी आरोपों का फिर खंडन किया कि रूसी सरकार अमेरिका और दुनिया भर में व्यापार और सरकारी एजेंसियों के खिलाफ हाल ही में हाई-प्रोफाइल हैक के लिए जिम्मेदार थी.
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बैठक शुरू होने से पहले दोनों देशों के नेता मीडिया के सामने आए. बाइडन ने कहा कि 'दो महान शक्तियों' के बीच यह वार्ता होने जा रही है. उन्होंने यह भी कहा कि आमने-सामने से मिलना हमेशा बेहतर होता है. एक कमरे में बैठक की शुरुआत कुछ अजीब थी. दोनों नेता फोटो सेशन के दौरान एक-दूसरे को सीधे देखने से बचते नजर आए.
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जब एक रिपोर्टर ने पूछा कि क्या पुतिन पर भरोसा किया जा सकता है, तब बाइडन ने सिर हिलाया. लेकिन व्हाइट हाउस ने तुरंत एक ट्वीट कर कहा कि राष्ट्रपति "बहुत स्पष्ट रूप से किसी एक सवाल का जवाब नहीं दे रहे थे, लेकिन वह आम तौर पर प्रेस की स्वीकृति में सिर हिला रहे थे." दोनों नेताओं ने हाथ मिलाया. इसके लिए बाइडन ने पहले अपना हाथ बढ़ाया और फिर रूसी नेता पर मुस्कुराए. इससे कुछ क्षण पहले दोनों नेताओं ने स्विस राष्ट्रपति परमेलिन के साथ फोटो खिंचाई.
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बाइडन और पुतिन के बीच तीखी बयानबाजी चल रही थी. बाइडन बार-बार रूसी हैकरों के साइबर हमले, रूस के सबसे प्रमुख विपक्षी नेता को जेल में डालने और अमेरिकी चुनावों में हस्तक्षेप करने का पुतिन पर आरोप लगा रहे थे.
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