अमेरिका के होमलैंड सिक्योरिटी विभाग और एफबीआई ने बुधवार को एक 'पब्लिक सर्विस अनाउंसमेंट' जारी कर चीन के खिलाफ आधिकारिक तौर पर चेतावनी दी है. अमेरिका ने चीन पर साइबर हमला करने का आरोप लगाया है. अमेरिका का कहना है कि चीन अमेरिका के रिसर्च संस्थानों और फार्मास्युटिकल कंपनी के कोरोना वायरस से संबंधित वैक्सीन और इलाज का डेटा चुराने की कोशिश कर रहा है, जो खतरनाक है.
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एफबीआई और होमलैंड सिक्योरिटी विभाग की साइबर शाखा (CISA) ने चेतावनी देते हुए कहा, 'चीन COVID-19 पर रिसर्च कर रहे हमारे संगठनों को निशाना बना रहा है. कोरोना वायरस पर काम कर रहे स्वास्थ्य, दवा और रिसर्च क्षेत्र के लोगों को सचेत रहने की जरूरत है क्योंकि उन्हें साइबर हमले का लक्ष्य बनाया जा रहा है. इन सभी लोगों को अपने सिस्टम की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए.'
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अमेरिकी सरकार का आरोप है कि चीन महामारी का फायदा उठाकर वायरस से लड़ने वाले अमेरिका के महत्वपूर्ण संस्थानों में साइबर जासूसी करा रहा है. हालांकि साइबर हमले में चीन के शामिल होने के कोई सबूत अमेरिका की तरफ से नहीं दिए गए हैं.
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अमेरिका की तरफ से जारी यह चेतावनी के दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ाने का काम कर सकती है क्योंकि कोरोना से निपटने को लेकर दोनों देशों में पहले से ही तनातनी जारी है. ट्रम्प प्रशासन पहले भी आरोप लगा चुका है कि कोरोना को लेकर चीन पारदर्शिता नहीं बरत रहा और पूरी दुनिया को अंधेरे में रख रहा है.
अमेरिकी न्यूज चैनल CNN ने पहले भी अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि ट्रंप प्रशासन ने चीन पर कोरोना वायरस का रिसर्च चुराने का आरोप लगाया है और अमेरिकी अधिकारियों ने सरकारी एजेंसियों और चिकित्सा संस्थानों में साइबर हमले के बढ़ते मामले देखे हैं.
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अधिकारी ने बताया कि सीडीसी ( Centers for Disease Control and Prevention) की देखरेख करने वाले स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग हर दिन किए जा रहे साइबर हमलों से प्रभावित हो रहा है.
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अधिकारी ने सीएनएन को चेतावनी देने के पीछे की वजह बताते हुए कहा, 'इस मामले में अगर हम दूसरे लोगों से सहयोग की उम्मीद रखते हैं तो पहले हमें ही आगे आना होगा. अगर यह महामारी हमारे सहयोगियों को कहीं दूसरी तरफ लेकर गई तो क्या होगा?'
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अमेरिकी न्याय विभाग ने कहा कि वे चीनी हैकर्स द्वारा अमेरिकी अस्पतालों और प्रयोगशालाओं को निशाना बनाने को लेकर चिंतित हैं.
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पिछले हफ्ते, यूएस और यूके ने स्वास्थ्य देखभाल निकायों, दवा कंपनियों, शिक्षण संस्थाओं, चिकित्सा अनुसंधान संगठनों और स्थानीय सरकार पर होने वाले साइबर अटैक को लेकर एक नई एडवाइजरी जारी की थी.
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यूके के नेशनल साइबर सिक्योरिटी सेंटर(NCSC), यूएस के होमलैंड सिक्योरिटी विभाग और CISA के अनुसार, 'दुर्भावनापूर्ण यह काम करने वाले लोग हमारे संगठनों को निशाना बनाकर राष्ट्रीय प्राथमिकताओं से जुड़ी हमारी निजी जानकारियां चुराने की कोशिश कर रहे हैं.
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