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विश्व

अमेरिका ने उठाया ऐसा कदम कि बुरी तरह भड़क उठा चीन

aajtak.in
  • 12 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 7:42 PM IST
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अमेरिकी प्रतिनिधि दल के ताइवान दौरे से चीन बुरी तरह भड़क गया है. चीन ने अमेरिका को चेतावनी दी है कि वह आग के साथ ना खेले नहीं तो वो इसमें जल जाएगा. चीन ताइवान को 'वन चाइना पॉलिसी' के तहत अपना हिस्सा मानता है. कोई भी देश अगर स्वशासित ताइवान के साथ स्वतंत्र रूप से द्विपक्षीय संबंध कायम करने की कोशिश करता है तो चीन कड़ा ऐतराज जताता है.

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अमेरिकी स्वास्थ्य मंत्री एलेक्स अजार ने रविवार को ताइवान का दौरा किया था. बीते चार दशकों में एलेक्स पहले ऐसे अमेरिकी उच्च अधिकारी हैं जिसने ताइवान का दौरा किया है. अमेरिका और चीन के बीच पहले से ही कोरोना महामारी समेत तमाम मुद्दों को लेकर तनातनी चल रही है. अमेरिकी अधिकारी के ताइवान दौरे से ये टकराव और बढ़ता नजर आ रहा है.

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स्वास्थ्य मंत्री एलेक्स अजार ने ताइवान के तीन दिन के दौरे में चीन के महामारी हैंडल करने को लेकर आलोचना की. एलेक्स ने ताइवान के पूर्व राष्ट्रपति को श्रद्धांजलि देने भी पहुंचे जिससे चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को सख्त नफरत रही है. ताइवान के दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति ली तेंग हुई ने चीन को धता बताते हुए ताइवान को कम्युनिस्ट पार्टी के तानाशाही शासन से लोकतंत्र के रास्ते पर आगे बढ़ाया था. उन्होंने ताइवान की संप्रभुता कायम रखने के लिए भी तमाम कोशिशें की थीं.

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चीन ने बुधवार को इस दौरे की कड़ी आलोचना की और कहा कि वह अमेरिका और ताइवान के बीच किसी भी शर्त पर आधिकारिक संवाद का सख्ती से विरोध करता है. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजान ने नियमित प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा, "चीन के मूल हितों को प्रभावित करने वाले मुद्दों को लेकर अमेरिका में कुछ लोगों को किसी भ्रम में नहीं रहना चाहिए. जो लोग आग से खेल रहे हैं, वो इसमें खुद जल जाएंगे. मैं ताइवान प्रशासन को भी याद दिलाना चाहूंगा कि दूसरों की अधीनता स्वीकार ना करें, विदेशियों की मदद पर भरोसा ना करें और अपनी स्वतंत्र नीति बनाए रखें नहीं तो ये उसके लिए घातक होगा."

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चीन का कहना है कि 1949 से स्वशासित रहा ताइवान 'वन चाइना' पॉलिसी के तहत उसका हिस्सा है और अगर ताइवान कभी स्वतंत्रता का ऐलान करता है तो वह इसका जवाब सैन्य बल से देगा.

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ताइवान ने कोरोना वायरस की महामारी से लड़ने में सफलता हासिल की है जिसे लेकर पूरी दुनिया में उसकी सराहना हो रही है. ताइवान में कोरोना संक्रमण के 500 मामले हैं और सात मौतें हुई हैं. जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन के प्रति सख्त रवैया अपनाए हुए हैं, ऐसे में अमेरिकी अधिकारी के दौरे से चीन को सख्त संदेश देने की भी कोशिश की गई है. एलेक्स ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, "हम ताइवान को एक दोस्त और साझेदार के तौर पर सुरक्षा, आर्थिक और स्वास्थ्य के मुद्दों पर सहयोग देना जारी रखेंगे."

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चीन ताइवान को किसी भी रूप में आधिकारिक मान्यता देने का विरोध करता है. चीन ने अमेरिकी अधिकारी के दौरे को रद्द करने की भी मांग की थी. दूसरी तरफ, ताइवान ने चीन पर आरोप लगाया है कि अमेरिकी स्वास्थ्य मंत्री ने जिस दिन राष्ट्रपति साई इंग वेन से मुलाकात की उस दिन उसने सीमाई इलाके में फाइटर जेट भेजे थे.

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अमेरिका अधिकारी ने अपने दौरे में ताइवान के खुले और लोकतांत्रिक व्यवस्था की चीन की तानाशाही नेतृत्व की बार-बार तुलना की. मंगलवार को अपने भाषण में एलेक्स ने कहा कि अगर कोरोना वायरस चीन के बजाय ताइवान जैसे किसी लोकतांत्रिक देश में पैदा हुआ होता तो शायद इसे रोका जा सकता था. अमेरिकी अधिकारी ने ताइवान को विश्व स्वास्थ्य संगठन से बाहर रखने को लेकर भी हमला बोला.

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2016 में ताइवान की सत्ता में साइ इंग वेन के आने के बाद से ही ताइवान के प्रति चीन का रुख आक्रामक हो गया है. चीन के तमाम दबाव के बावजूद साई-इंग वेन इस साल दोबारा राष्ट्रपति चुनी गई हैं. साई इंग-वेन कई बार चीन को चुनौती देती नजर आ चुकी हैं. कुछ विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि चीन ताइवान को दूसरा हॉन्ग कॉन्ग बनाने की तैयारी कर रहा है.

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