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गिलानी की मौत पर पाकिस्तान बोला- आग से ना खेले भारत

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 02 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 11:16 AM IST
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जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता और ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (एपीएचसी) के पूर्व प्रमुख सैय्यद अली शाह गिलानी का बुधवार को निधन हो गया. गिलानी की उम्र 92 साल थी. गुरुवार सुबह 5 बजे कड़ी सुरक्षा में गिलानी का अंतिम संस्कार किया गया. गिलानी पिछले 20 साल से गुर्दे संबंधी बीमारी से पीड़ित थे. उनको स्वास्थ्य से जुड़ीं कुछ अन्य दिक्कतें भी थीं. गिलानी के निधन पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान समेत तमाम लोगों ने दुख जाहिर किया है. पाकिस्तान में गिलानी के 'हम पाकिस्तानी और पाकिस्तान हमारा' नारे को भी खूब याद किया जा रहा है.

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि वह गिलानी के निधन की खबर सुनकर बेहद दुखी हैं. इमरान खान ने लिखा, गिलानी ने जिंदगी भर अपने लोगों और कश्मीरियों के आत्म-निर्णय के अधिकार की लड़ाई लड़ी. उन्होंने तमाम प्रताड़नाएं झेलने के बावजूद अपना संकल्प बनाए रखा. पाकिस्तान उनके निधन पर एक दिन का शोक दिवस मनाएगा और पाकिस्तान का झंडा आधा झुका रहेगा.

 

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पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी ने पिछले साल गिलानी को पाकिस्तान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशान-ए-पाकिस्तान से सम्मानित किया था. गिलानी को यह सम्मान कश्मीरियों के आत्म-निर्णय के लिए उनके संघर्ष को लेकर दिया गया था.

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पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद युसूफ ने लिखा, गिलानी के निधन की खबर दुखी करने वाली है. उन्होंने कश्मीर और कश्मीर की आजादी के लिए अपनी जिंदगी गुजार दी. वह पाकिस्तानियों और कश्मीरियों दोनों के लिए एक हीरो थे. अल्लाह उनकी आत्मा को शांति दे. युसूफ ने एक अन्य ट्वीट में लिखा,  हमने सुना है कि भारतीय सेना गिलानी साहब के परिवार पर रात में ही शव दफनाने के लिए दबाव डाल रही थी. हमने ये भी सुना है कि कश्मीर में पाबंदी लगा दी गई है. मैं मांग करता हूं कि भारत गिलानी साहब की अंत्येष्टि इस्लामिक रिवाज से होने दे. मैं भारत को चेतावनी देता हूं कि वो आग से ना खेले. कश्मीरी ऐसी कायरतापूर्ण हरकतों का मुकाबला करेंगे.''

 

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पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने गिलानी को कश्मीर की आजादी के आंदोलन का पथप्रदर्शक करार दिया. कुरैशी ने कहा कि गिलानी की मौत से पूरा पाकिस्तान शोक में है. उन्होंने ट्वीट किया, गिलानी ने हाउस अरेस्ट रहते हुए कश्मीरियों के लिए आखिरी क्षण तक लड़ाई लड़ी. उनकी आत्मा को शांति मिले और उनकी आजादी का सपना सच हो.
 

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पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख रशीद ने भी गिलानी की मौत पर शोक संदेश लिखा. उन्होंने ट्वीट किया, हुर्रियत नेता सैय्यद अली गिलानी की मौत को लेकर मैं गहरे दुख और सदमे में हूं. मैं कश्मीरियों के साथ एकजुटता जाहिर करता हूं. काश, मैं कश्मीर घाटी जा पाता और गिलानी के अंतिम संस्कार में शामिल हो पाता.

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उन्होंने आगे लिखा, गिलानी की मौत से कश्मीर घाटी ने अपना एक महान नेता और बुजुर्ग खो दिया. गिलानी ने बहुत ही बहादुरी और दृढ संकल्प के साथ भारत के खिलाफ लड़ाई लड़ी. सैय्यद अली गिलानी बहुत ही समझदार और साहसी नेता थे. अल्लाह गिलानी को लाखों जन्नतों में जगह दे.


 

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पाकिस्तान के सूचना एवं प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी ने गिलानी का एक पुराना वीडियो शेयर किया जिसमें उन्होंने हम पाकिस्तानी और पाकिस्तान हमारा का नारा लगाया था. गिलानी को श्रद्धांजलि देते हुए फवाद चौधरी ने लिखा, "कौन कहता है कि मौत आएगी, मैं मर जाऊंगा...मैं नदी हूं और समुंदर में मिल जाऊंगा. RIPSyedAliGillani #Kashmir"


 

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पाकिस्तान के प्रमुख अखबार डॉन ने गिलानी के निधन पर लिखा, कश्मीर में भारतीय शासन के खिलाफ गिलानी सबसे बड़े कैंपेनर थे और पिछले 11 सालों से हाउस अरेस्ट थे. कई महीनों से उनकी तबीयत खराब थी. अखबार ने लिखा है, गिलानी 60 के दशक से ही भारत की आंखों में चुभने लगे थे जब उन्होंने कश्मीर को पाकिस्तान में मिलाने के लिए कैंपेन छेड़ दिया था. 1962 के बाद गिलानी को करीब 10 साल तक कैद में रखा गया और बाद में उन्हें घर में निगरानी में रखा गया. गिलानी जमायत-ए-इस्लामी के सदस्य थे जिस पर मोदी सरकार ने 2019 में बैन लगा दिया. पिछले साल गिलानी ने ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. साल 2003 में उन्हें हुर्रियत का चेयरमैन बनाया गया था.

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पाकिस्तान के पत्रकार हामिद मीर ने ट्वीट किया, इस बहादुर शख्स ने हमेशा 'हम पाकिस्तानी हैं और पाकिस्तान हमारा' का नारा लगाया. वह हमेशा पाकिस्तान के लोगों के दिल में रहेंगे.

 

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