ब्रेग्जिट यानी ब्रिटेन का यूरोपियन यूनियन (ईयू) से अलग होना. ब्रिटेन का अलगाव सुनने में भले साधारण लगता हो लेकिन इसके दूरगामी असर हैं. इससे पूरे यूरोप की आर्थिक और विदेश नीति में बड़ा बदलाव होगा. इसके लिए ब्रिटेन में जनमत संग्रह तक कराया गया जिसमें लोगों ने एकसुर में यूरोप से अलग होने का प्रण किया. हालांकि, इस पूरी प्रक्रिया में 2 साल का वक्त लगेगा लेकिन ब्रिटेन में इससे जुड़ी हर दिन कोई न कोई घटना सामने आ रही है.(फोटो-ANI)
हांगकांग के इतिहास में शायद पहली बार हुआ जब वहां के शांतिप्रिय लोग चीन की नीति के खिलाफ सड़कों पर उतरे और लोकतंत्र की मांग की. यह प्रदर्शन अब भी जारी है. हांगकांग दुनिया के कारोबारी हब में एक है जिसे अल्फा प्लस शहरों में शुमार किया जाता है. यहां प्रदर्शन का कारण चीन का प्रत्यर्पण बिल है जिसके बारे में हांगकांग के लोगों का मानना है कि इससे उनकी आजादी पर असर पड़ेगा और वे चीन के हाथों गुलाम बन जाएंगे.(फोटो-ANI)
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उत्तर कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग उन से मुलाकात की. इसके बाद किम जोंग उन के साथ डोनाल्ड ट्रंप ने उत्तर कोरिया की सरजमीं पर कदम रखा. इसके साथ ही डोनाल्ड ट्रंप ऐसे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बन गए जिन्होंने उत्तर कोरिया की धरती पर कदम रखा.(फोटो-ANI)
डोनाल्ड ट्रंप का एक डायलॉग काफी लोकप्रिय है जिसमें उन्होंने साल 2017 में अपने सलाहकारों से कहा था-आई वॉन्ट टैरिफ्स...अमेरिकी प्रशासन ने उनकी बात मानी और उनके नक्शेकदम पर चल पड़ा. साल 2018 में शुरू हुआ टैरिफ वॉर 2019 में अपने विकराल रूप में आया. चीनी सामानों पर 50 अरब डॉलर के टैरिफ से शुरू हुआ यह कारोबारी युद्ध 250 अरब डॉलर तक पहुंच गया है.(फोटो-ANI)
अमेरिकी सेना ने आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के आका अबु बकर-अल बगदादी को मार गिराया. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुद इसकी पुष्टि की. डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि बगदादी सुरंग में छुपा हुआ था जो अमेरिकी सेना के हमले में मारा गया. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि बगदादी के साथ उसके तीन बच्चे भी मारे गए. अल-कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन के बाद से अबु बकर अल-बगदादी दुनिया का मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादी था.(फोटो-ANI)
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में घुसकर एयर स्ट्राइक की थी. भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को निशाना बनाया था.(फोटो-ANI)
श्रीलंका में अप्रैल महीने में सीरियल बम धमाकों ने तबाही मचा दी. तीन चर्च समेत 6 अलग-अलग जगह हुए इन बम धमाकों में 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. दो चर्चों के अंदर आत्मघाती बम धमाके किए गए. ये हमले श्रीलंका की राजधानी कोलंबो समेत तीन शहरों में किए गए. ईस्टर पर्व के मौके पर जब ईसाई लोग चर्चों में प्रार्थना करने पहुंचे थे, उस वक्त धमाके हुए. इसके चलते बड़ी तादाद में जान माल का नुकसान हुआ.(फोटो-ANI)
इस साल तुर्की ने सीरिया के कुर्दिश लड़ाकों को निशाना बनाया. इस हमले का असर अमेरिका सहित यूरोप और समग्र दक्षिण एशिया पर देखा गया. भारतीय विदेश मंत्रालय को भी आगे आना पड़ा और एक बयान जारी कर कहा गया कि तुर्की सीरिया की आजादी का खयाल करे.(फोटो-IANS)
कभी तालिबान के नाम का खौफ खाने वाली दुनिया अब एक नया घटनाक्रम देखने जा रही है. आतंकी संगठन तालिबान और अमेरिका के बीच शांति समझौते पर हस्ताक्षर होने जा रहा है. हालांकि, पिछले तीन महीने से यह समझौता खटाई में पड़ गया था और खुद राष्ट्रपति ट्रंप इससे पल्ला झाड़ चुके थे, लेकिन अब इसे अमली जामा पहनने के संकेत मिलने लगे हैं. ताजा रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान अपने हमले रोकने के लिए तैयार हो गया है.(फोटो-ANI)
इजरायल में सितंबर में हुए प्रधानमंत्री पद के लिए चुनाव का नतीजा साफ नहीं आ पाया. एक बार फिर हालात कुछ ऐसे बने कि कोई भी पार्टी अपने दम पर सरकार नहीं बना सकती. बेंजामिन नेतन्याहू की लिकुड पार्टी को 31 सीटें, विपक्षी दल के नेता बैनी गैंट्ज की पार्टी को 33 सीटें मिलीं. ऐसे में अगर जल्द ही सरकार का गठन नहीं होता है तो राष्ट्रपति की ओर से एक बार फिर चुनाव का आदेश दिया जाएगा.(फोटो-ANI)