
''हमास को खत्म किए बिना गाजा से वापस नहीं लौटेंगे. हम अपने लक्ष्य से पीछे हटने वाले नहीं हैं.'' इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पिछले 10 महीने से अपने इस बयान पर अडिग हैं और दुनिया की परवाह किए बिना इजरायली सेना फिलिस्तीन के गाजा पट्टी में लगातार हवाई हमले कर रही है. दुश्मनों के ठिकानों पर आखिरी कील ठोंकने के लिए इजरायली सेना के निशाने पर लेबनान जैसे पड़ोसी देश भी हैं. इजराइल ने पिछले 24 घंटे के दरम्यान दो देशों में घुसकर दो बड़े हमले किए और अपने दो सबसे बड़े दुश्मनों का खात्मा किया है.
मंगलवार को इजरायली सेना ने सबसे पहले लेबनान की राजधानी बेरूत में हमला किया और हिजबुल्लाह के नंबर-2 यानी शीर्ष सैन्य कमांडर फउद शुकर का खात्मा कर दिया. उसके बाद इजरायली सेना ने बुधवार तड़के ईरान की राजधानी तेहरान में हमला किया और हमास के चीफ इस्माइल हानिया और उसके बॉडीगार्ड को मार गिराया. हानिया यहां छिपा बैठा था. एक दिन पहले ही वो ईरान के नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने पहुंचा था.
कैसे मारा गया फउद शुकर...
इजरायली एयरफोर्स ने मंगलवार को बेरूत में बमबारी की, जिसमें हिजबुल्लाह का शीर्ष सैन्य कमांडर फउद शुकर मारा गया. शुकर को हज मोहसिन के नाम से भी जाना जाता था. इजरायल ने अपने कब्जे वाले गोलान हाइट्स पर रॉकेट हमले के लिए फउद शुकर को ही जिम्मेदार ठहराया था. इजरायली सेना ने एक बयान में कहा, 'हमारे लड़ाकू विमानों ने बेरूत में आतंकवादी संगठन हिजबुल्लाह के सबसे वरिष्ठ सैन्य कमांडर और इसकी रणनीतिक इकाई के प्रमुख फउद शुकर को मार गिराया.'
कई देशों में हिजबुल्लाह आतंकी संगठन
हिज्बुल्लाह, लेबनान और मध्य पूर्व के बड़े हिस्से में सबसे प्रभावशाली शिया सैन्य समूहों में से एक है. इसका गठन 1982 में उस समय हुआ था, जब इजरायल ने लेबनान पर आक्रमण किया था. हिजबुल्लाह का मुख्य उद्देश्य लेबनान से इजरायली बलों को बाहर निकालना और एक इस्लामी राज्य की स्थापना करना था. हिजबुल्लाह ने राजनीतिक पार्टी के रूप में भी खुद को पेश किया है और लेबनान की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. हिजबुल्लाह ने लेबनान में सामाजिक सेवाओं, अस्पतालों और स्कूलों का संचालन भी किया है. हालांकि, हिजबुल्लाह को कई देशों ने आतंकवादी संगठन के रूप में नामित किया है. यह संगठन इजरायल के साथ कई बार संघर्ष में शामिल रहा है और इसे ईरान और सीरिया से समर्थन मिलता है.
क्यों इजरायल के निशाने पर हिजबुल्लाह?
बता दें कि 27 जुलाई की शाम को उत्तरी इजरायल के एक फुटबॉल मैदान को हिजबुल्लाह ने ईरानी फलक-1 रॉकेट से निशाना बनाया था. इस रॉकेट हमले में मैदान में खुल रहे 12 बच्चों की मौत हो गई थी. इस हमले के बाद ही इजरायल ने बदला लेने की कसम खाई थी और हिजबुल्लाह को अंजाम भुगतने की धमकी दी थी. फउद शुकर हिज्बुल्लाह के सेक्रेटरी जनरल हसन नसरल्लाह का राइट हैंड हाथ था. वो हमलों और ऑपरेशन की योजना बनाने और निर्देशित करने में नसरल्लाह का सलाहकार था.
ईरान में कैसे मारा गया हमास चीफ?
इजरायल ने 7 अक्टूबर 2023 को अपनी धरती पर हुए सबसे बड़े आतंकी हमले का भी बुधवार को बदला ले लिया है. लेबनान के बाद 24 घंटे के अंदर ही इजरायल ने दूसरा बड़ा हमला ईरान की राजधानी तेहरान में किया. वहां आतंकी संगठन हमास के मुखिया इस्माइल हानिया को उसी के घर में घुसकर मार गिराया, जिसे 7 अक्टूबर के हमले का सरगना समझा जाता है.
एक दिन पहले दुनिया के नेताओं के साथ देखा गया हानिया
एक दिन पहले ही हमास चीफ इस्माइल हानिया ने तेहरान में ईरान के सुप्रीम लीडर्स के साथ मुलाकात की थी. हानिया ईरान के नए राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन के शपथ ग्रहण में शामिल होने पहुंचा था. तेहरान में ईरान के मंत्रियों और बड़े नेताओं के साथ हानिया की मेल मुलाकात की तस्वीरें भी सामने आई हैं. उसके चेहरे पर तनिक भी शिनक या किसी चिंता के निशान नहीं हैं. इस तरह की किसी आशंका के कोई निशान नहीं कि चंद घंटे बाद ही इजरायल घर में घुस कर उसे मारने वाला है. इजरायल ऐसा सटीक हमला करने वाला है जिससे हानिया को बचने का भी मौका नहीं मिलेगा.
क्या हुआ था 7 अक्टूबर को?
7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजरायल पर सीरियल हमला कर पूरी दुनिया को चौंका दिया था. हमास के आतंकी हमले में इजरायल में 1200 से ज्यादा लोग मारे गए थे. हमास के लड़ाके 250 इजरायली लोगों को बंधक बनाकर गाजा पट्टी ले गए थे. हमास अभी भी इजरायल के 150 लोगों को बंधक बनाकर रखे है. यही वजह है कि हमास और उसका मुखिया इजरायल की हिट लिस्ट में सबसे ऊपर था. हमास के हमले का बदला लेने के लिए इजरायल ने फिलिस्तीन पर अटैक कर दिया था और हमास और हिजबुल्लाह के कई कमांडरों को ढेर कर दिया था. हानिया और फउद शुकर का खात्मा इजरायल की सबसे बड़ी कामयाबी है. वहीं, हमास दावा करता है कि इजरायली हमलों में अब तक 39 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत हो चुकी है. इजरायल का कहना है कि उसने इस ऑपरेशन में हमास और उसके सहयोगियों के 14 हजार से ज्यादा लड़ाकों को मार गिराया है.
इजरायल और फिलिस्तीन के विवाद में इस्माइल हानिया एक ऐसा नाम था, जिसने पिछले तीन दशकों से फिलिस्तीन और हमास के मकसद की मशाल को जलाये रखा था. इधर, 10 महीनों से फिलिस्तीन पर इजरायल का कहर टूट रहा है. इजरायल ने गाजा पट्टी को कब्रिस्तान में तब्दील करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. इस्माइल हानिया खुद तो गाजा से दूर कतर में महफूज जिंदगी गुजार रहा था, लेकिन यहां फिलिस्तीन में एक-एक करके उसका खानदान खत्म होता जा रहा था.
हानिया का मिटता मारा जा रहा है खानदान?
अप्रैल 2024 में इजरायली सुरक्षाबलों ने हानिया के तीन बेटों को भी मार गिराया था. हानिया के 13 बेटे थे. अब तक तीन बेटे, एक पोता और तीन पोतियों की मौत हो गई है. इजरायल ने गाजा पट्टी पर एयरस्ट्राइक कर हानिया के तीन बेटों को मारा था. इजरायली सेना IDF ने बताया था कि हानिया के तीन बेटे आमिर, हाजेम और मोहम्मद गाजा में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने जा रहे थे, इस बीच तीनों हवाई हमलों की चपेट में आ गए. उसके बाद 25 जून 2024 को उसकी बहन समेत परिवार के 10 सदस्य रिफ्यूजी कैम्प पर हुए हमले में मारे गए थे. उससे पहले पिछले साल अक्टूबर में जब इजरायल ने गाजा पर कहर बरपाना शुरू किया था तो इस्माइल के भाई-भतीजों समेत परिवार के 14 लोग मारे गए थे. नवंबर 2023 में इस्माइल हानिया की एक और पोती गाजा में हुए हवाई हमले में मारी गई थी और नवंबर के आखिरी हफ्ते में हुए इजरायली हवाई हमले में सबसे बड़ा पोता भी मारा गया था.