
आर-पार की जंग लड़ रहे इजरायल ने अब बीच गाजा में अस्पतालों को निशाना बनाना शुरु कर दिया है. इजरायल का दावा है कि ये अस्पताल हमास आतंकियों के अड्डे हैं. हमास के आतंकी इनको सुरक्षित ठिकानों के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं और मरीजों को ढाल बना रखा है. अब इन्हीं अस्पतालों पर इजरयाल बम बरसा रहा है. एक-एक करके इजरायल के टैंकों ने गाजा के बीचों-बीच तीन अस्पतालों को निशाना बनाया. आईडीएफ का कहना है कि हमास की नासेर राडवान कंपनी के कमांडर अहमद सियाम ढेर हो गया है. दावा है कि सियाम ने गाजा के रान्तिसी अस्पताल में लगभग 1000 गाजा निवासियों को बंधक बनाया हुआ था.
इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने शुक्रवार (10 नवंबर) को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया कि गाजा पट्टी में औसतन हर 10 मिनट में एक बच्चे की मौत हो रही है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, "कहीं भी और कोई भी सुरक्षित नहीं है."
उन्होंने कहा कि गाजा के 36 अस्पतालों में से आधे और दो-तिहाई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में इलाज नहीं हो रहा है. जहां इलाज हो रहा है उनमें क्षमता से कहीं अधिक मरीज पहुंच रहे हैं. इससे गाजा में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली घुटने टेक रही है.
घेब्रेयसस ने 15 सदस्यीय परिषद को बताया, "अस्पताल के गलियारे घायलों, बीमारों और मरने वालों से भरे हुए हैं. मुर्दाघर भरे हुए हैं. बिना एनेस्थीसिया के सर्जरी की जा रही है. हजारों विस्थापित लोग अस्पतालों में शरण ले रहे हैं गाजा में औसतन हर 10 मिनट में एक बच्चा मारा जाता है."
WHO महानिदेशक को याद किया पुराना किस्सा
इथियोपिया में जंग के माहौल पले-बढ़े घेब्रेयसस ने अपने समय को याद करते हुए कहा कि वह समझते थे कि गाजा के बच्चे किस दौर से गुजर रहे होंगे. उन्होंने कहा, "हवा में गोलियों और गोलों की सीटी की आवाज, उनके टकराने के बाद धुएं की गंध, रात के आकाश में ट्रेसर गोलियों की गंध, डर, दर्द, नुकसान - ये चीजें जीवन भर मेरे साथ रहीं."
घेब्रेयसस ने कहा कि 7 अक्टूबर के बाद से डब्ल्यूएचओ ने गाजा और वेस्ट बैंक में स्वास्थ्य सेवा पर 250 से अधिक हमलों की पुष्टि की है, जबकि इजरायल में स्वास्थ्य सेवा पर 25 हमले हुए हैं. इजरायल का कहना है कि हमास अस्पतालों के नीचे सुरंगों में हथियार छुपाता है, हमास ने आरोपों से इनकार किया है.
दक्षिणी गाजा में अस्पताल स्थापित किए: इजरायल
वहीं इजरायल के संयुक्त राष्ट्र राजदूत गिलाद एर्दान ने सुरक्षा परिषद को बताया कि इजरायल ने दक्षिणी गाजा में अस्पताल स्थापित करने के लिए एक टास्क फोर्स बनाई है. 12 अक्टूबर को, इजरायल ने अपने जमीनी हमले से पहले गाजा में लगभग 1.1 मिलियन लोगों को दक्षिण की ओर जाने का आदेश दिया.
एर्दान ने कहा, "इजरायल फील्ड-हॉस्पिटल और फ्लोटिंग-हॉस्पिटल जहाजों की स्थापना के संबंध में संयुक्त अरब अमीरात, आईसीआरसी और अन्य यूरोपीय देशों के साथ उन्नत बातचीत कर रहा है. इजरायल ने उत्तरी गाजा के अस्पतालों में जॉर्डन द्वारा चिकित्सा सहायता पहुंचाने की सुविधा प्रदान की. अफसोस की बात है कि इजरायल डब्ल्यूएचओ या किसी अन्य संयुक्त राष्ट्र निकाय की तुलना में गाजावासियों की भलाई के लिए कहीं अधिक काम कर रहा है."
48 घंटे में 22 लोगों की मौत
बता दें कि 48 घंटे मे तीन अस्पतालों पर अटैक हुआ, जिसमें कम से कम 22 लोगों की मौत हुई है. इजरायल का दावा है कि मरीजों के बीच हमास के आतंकी छिपे हैं. इसके चलते ही गाजा के सबसे बड़े अस्पताल अल शिफा पर भी गुरुवार की देर रात इजरायल ने हमला किया. इस अस्पताल को इजरायल की सेना ने दो दिन से घेर रखा था. मरीज पहले से डरे हुए थे और अब इजरायल ने अस्पताल पर पहले मिसाइल दागी और फिर बम बरसाने शुरू कर दिए. हमला होते ही अल शिफा के पूरे कैंपस में चीख पुकार मच गई. लोग लहूलुहान नजर आए. पहला बम गिरते ही सैकड़ों लोग दहशत में आ गए. सबसे पहले ओपीडी के आसपास धमाके हुए. इस दौरान कई बच्चों भी लहू-लुहान नजर आए.
गाजा के इंडोनेशियन अस्पताल पर हमले की तस्वीरें सामने आईं. इस पर भी इजरायल ने बम बरसाए. कई सेकंड तक यहां बम बरसते रहे. यहां भी लोग जान बचाने के लिए भागते नजर आए. तंबुओं से निकलकर लोग भागते दिखे. आसमान पर रह रहकर बमों की रोशनी चमकती दिखी. ये भी उत्तरी गाजा का बड़ा अस्पातल है जो इजरायली सेना के निशाने पर है.
गाजा के एक और अस्पताल में इजरायल के टैंक घुसे और परिसर में टैंकों से नजर रखी जा रही है. दावा है कि अल-रंतीसी चिल्ड्रेन हॉस्पिटल के पास भी एयर स्ट्राइक की गई. इससे आसपास की कई बिल्डिंग तबाह हो गईं. इस पूरे अस्पताल को इजरायली सेना ने घेर रखा है. पूरे अस्पताल की बैरिकेडिंग की गई है. लोगों को यहां से जाने की इजाजत नहीं है.