
नेपाल में हुए प्लेन क्रैश की चर्चा दुनियाभर में हो रही है. इस हादसे में 5 भारतीयों सहित 68 यात्रियों और 4 क्रू मेंबर्स ने जान गंवा दी. दुर्घटना की वजह जानने के लिए नेपाल सरकार ने जांच शुरू कर दी है. जांच में मदद करने के लिए 9 एक्सपर्ट्स की टीम फ्रांस से नेपाल पहुंची है.
नेपाल की सरकार ने दुर्घटना की जांच के लिए 5 सदस्यीय कमेटी बनाई है. जांच कमेटी की अध्यक्षता नेपाल के पूर्व विमानन सचिव नागेंद्र घिमिरे कर रहे हैं. पैनल को दुर्घटना की जांच करने के लिए 45 दिन का समय दिया गया है. इसके बाद उन्हें अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी.
नेपाल के संस्कृति, पर्यटन और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के संयुक्त सचिव लामिछाने ने एजेंसी को बताया कि ATR विमान बनाने वाली कंपनी के एक्सपर्ट्स की टीम मंगलवार को काठमांडू पहुंची. यहां से टीम को पोखरा पहुंचाया गया.
फ्रांस से आई यह टीम हादसे की जांच करने में नेपाल सरकार की मदद करेगी. बता दें कि नेपाल प्लेन क्रैश में जो ATR-72 विमान हादसे का शिकार हुआ है, उसे ATR एयरोस्पेस कंपनी ने बनाया था. यह फ्रांस-इटली की एक कंपनी है, जिसका हेडक्वार्टर फ्रांस के ब्लैगनैक में है. कंपनी को 1981 में फ्रांस की एयरोस्पेस और एरिटालिया ने मिलकर शुरू किया था.
कंपनी के विमान ATR-72 का नाम इसकी कैपेसिटी (72 सीटर) की वजह से रखा गया है. बता दें कि हादसे का शिकार हुए प्लेन को 15 साल पहले 2007 में शराब कारोबारी विजय माल्या के स्वामित्व वाली किंगफिशर एयरलाइंस ने खरीदा था. माल्या की एयरलाइंस कंपनी अब बंद हो चुकी है. वर्तमान में सिर्फ बुद्धा एयर और यति एयरलाइंस नेपाल में एटीआर-72 विमान का इस्तेमाल करती हैं.
ऐसे क्रैश हुआ विमान
यति एयरलाइंस के ATR-72 विमान ने काठमांडू से पोखरा के लिए उड़ान भरी थी. इसमें 68 यात्री और चार क्रू मेंबर्स सवार थे. विमान पोखरा के समीप ही पहुंचा था कि 11 बजकर 10 मिनट पर लैंडिंग से महज 10 सेकंड पहले क्रैश हो गया. नेपाली मीडिया के मुताबिक, ये दुर्घटना पोखरा के पुराने डोमेस्टिक एयरपोर्ट और पोखरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बीच हुई.