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ईशनिंदा के आरोप से बरी आसिया, फ्रांस के राष्ट्रपति से मांगेंगी शरण

पाकिस्तान की सुप्रीम अदालत से 2018 में ईशनिंदा के आरोप में फांसी की सजा से बरी हुई आसिया बीबी फांस में शरण लेना चाहती हैं.

आसिया बीबी (फाइल फोटो) आसिया बीबी (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • इस्लामाबाद,
  • 27 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 11:06 AM IST

  • आसिया बीबी फ्रांस में शरण लेना चाहती हैं
  • मुकदमा लड़ चुके वकील ने बताया करेंगी अनुरोध

ईशनिंदा मामले में फांसी की सजा से बरी होने वाली पाकिस्तान की ईसाई महिला आसिया बीबी फ्रांस में शरण लेना चाह रही हैं. वह इस सिलसिले में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात करेंगी. 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट में आसिया बीबी का मुकदमा लड़ चुके वकील सैफुल मलूक ने बताया कि आसिया बीबी शुक्रवार को राष्ट्रपति मैक्रों से मिलेंगी और फ्रांस में शरण दिए जाने का अनुरोध करेंगी.

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मलूक ने कहा कि आसिया बीबी शरण पाने की सभी योग्यताएं रखतीं हैं. उन्होंने यह भी कहा कि संयुक्त राष्ट्र को आसिया को मानवाधिकारों का अंतरराष्ट्रीय राजदूत नियुक्त करना चाहिए. आसिया ने फ्रांस में आरटीएल रेडियो से कहा, 'मेरी सबसे बड़ी इच्छा फ्रांस में रहने की है. फ्रांस वह देश है जहां मुझे नई जिंदगी मिली.' आसिया का इशारा फ्रांस की पत्रकार एने-इसाबेल टोलेट की तरफ था जिन्होंने आसिया बीबी पर 'ब्लासफेमी: अ मेमॉयर: सेंटेंस्ड टू डेथ ओवर एक कप ऑफ वॉटर' लिखी है.

आरोप में मौत की सजा सुनाई गई थी

आसिया बीबी ईशनिंदा के आरोप में नंवबर 2010 से ही अमानवीय स्थितियों में जेल में थीं. उनके सिर पर मौत मंडराती रहती थीं. निचली अदालतों ने उन्हें इस आरोप में मौत की सजा सुनाई थी. उन्हें इस सजा से बचाने के लिए फिर से मुकदमे की मांग करने वाले पंजाब के तत्कालीन गर्वनर सलमान तासीर की उनके एक गार्ड मुमताज कादरी ने जनवरी 2011 में हत्या कर दी थी. इसके बाद आसिया का मामला दुनिया भर में सुर्खियों में आया. हालांकि, अक्टूबर 2014 में लाहौर हाईकोर्ट ने उनकी मौत की सजा को बरकरार रखा.

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सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा पर रोक लगाई और 2018 में उन्हें आरोपों से बरी करते हुए रिहा कर दिया. उसके बाद से वह अपने परिवार के साथ कनाडा आ गई थीं.

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बता दें कि आसिया बीबी एक ईसाई महिला हैं, उनपर एक मुस्लिम महिला के साथ बातचीत करने के दौरान पैगंबर मोहम्मद के बारे आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप है. हालांकि, वह इन आरोपों को लगातार नकारती आईं.

ये पूरा मामला 14 जून, 2009 का है जब एक दिन आसिया बीबी अपने घर के पास फालसे के बगीचे में दूसरी महिलाओं के साथ काम करने पहुंची तो वहां उनका झगड़ा साथ काम करने वाली महिलाओं के साथ हुआ. आसिया ने अपनी किताब में इस घटना को सिलसिलेवार ढंग से बयां किया है.

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