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क्यों लादेन से भी क्रूर और खतरनाक था बगदादी? ऐसे खड़ी की खौफ की सल्तनत

दुनिया के लिए IS के खूंखार आतंकवाद का ये पहला ट्रेलर था, जिसने खौफ फैला दिया. ये नीति अभी तक के आतंकवाद से अलग थी, जो सिर्फ छुपकर धमाका करने, गोलियां बरसाने तक सीमित नहीं थी. ये नीति खुला चैलेंज देती थी, ये नीति अबु बकर अल बगदादी की थी.

2014 में सामने आया था IS का पहला वीडियो 2014 में सामने आया था IS का पहला वीडियो
मोहित ग्रोवर
  • नई दिल्ली,
  • 28 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 12:56 PM IST

  • अमेरिकी सैन्य ऑपरेशन में मारा गया बगदादी
  • अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने किया ऐलान
  • खौफनाक वीडियो दिखाकर फैलाता था डर
  • सोशल मीडिया से युवाओं को टारगेट किया

अगस्त 2014 में एक वीडियो सामने आया, एक आतंकी पूरी तरह से काले कपड़ों में ढका हुआ, हाथ में चाकू लिए हुए. साथ में घुटने के बल बैठे नारंगी रंग के कपड़ों वाले एक व्यक्ति का गला काट देता है. जो मारा गया इंसान था, वह अमेरिकी पत्रकार जेम्स फॉले था और मारने वाला आतंकी ISIS का था. दुनिया के लिए IS के खूंखार आतंकवाद का ये पहला ट्रेलर था, जिसने खौफ फैला दिया. ये नीति अभी तक के आतंकवाद से अलग थी, जो सिर्फ छुपकर धमाका करने, गोलियां बरसाने तक सीमित नहीं थी. ये नीति खुला चैलेंज देती थी, ये नीति अबु बकर अल बगदादी की थी जिसने इस्लामिक स्टेट का सपना देखा.

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रविवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया कि इस्लामिक स्टेट का आका अबु बकर अल बगदादी अमेरिकी सेना के ऑपरेशन में मारा गया है. आखिरी वक्त में बगदादी जिंदगी की भीख मांग रहा था और अमेरिकी सेना से बचते हुए जब वह सुरंग में पहुंचा तो खुद को अपने बच्चों के साथ उड़ा लिया.

अबु बकर अल बगदादी ने 2013 में IS नाम का जब संगठन बनाया, तो वह सिर्फ अलकायदा से अलग हुआ एक संगठन था. कोई उसके नाम को नहीं जानता था, लेकिन बगदादी ने सद्दाम के बाद खाली हुए इराक को भुनाने की कोशिश की. सद्दाम समर्थकों को बगदादी अपनी ओर लाया और एक नए तरीकों से दुनिया के सामने अपने संगठन को पेश किया.

सोशल मीडिया के जरिए पैदा किए आतंकी

अलकायदा या लश्कर के तरीकों से अलग IS ने एक नई तरह की आतंकियों की फौज खड़ी की. उसने दुनियाभर में लोगों की फेसबुक पोस्ट, ट्विटर अकाउंट, गूगल सर्च के जरिए उनकी सोच को प्रभावित करना शुरू किया, IS के बारे में बताना शुरू किया और अगर उसे दिखता कि युवा में बगावती रुख हैं तो IS के प्रति संवेदना को जगाया जाता.

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यही कारण रहा कि दुनिया के कई हिस्सों से युवा, खासकर पढ़ी-लिखी पीढ़ी IS के चंगुल में फंसने लगी. फिर चाहे वो भारत से भागे कई युवा हो, ब्रिटेन के कई मुस्लिम स्कॉलर या फिर ऑस्ट्रेलिया, मिस्र से भागे हुए इंजीनियर. इन सभी ने बगदादी के IS की सोच को फैलाया और नए तरीके से अंजाम दिया.

बगदादी ने IS में दो तरह की भरमार की, पहली जो जमीन पर जंग लड़ते थे और सीरिया-इराक में कब्जा करते थे. दूसरी फौज वो जो नए युवाओं को प्रभावित करती थी और दुनिया में नेटवर्क फैलाने की बात करती थी.

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दूसरे आतंकियों से कैसे अलग रहा IS

2001 में जब अलकायदा ने न्यूयॉर्क में तहलका मचाया तो दुनिया ने पहली बार आतंक का खौफनाक चेहरा देखा. उसके बाद दुनिया के कई हिस्सों में आतंकी घटना हुईं, कभी चर्च को उड़ाया गया, मेट्रो स्टेशन को निशाना बनाया गया, कभी बंदूकधारी गोलियां बरसा रहे थे. लेकिन इनसे इतर जब IS आया तो वह लोगों को अगवा करता, उनका एक वीडियो बनाता और दुनिया के सामने या तो गोलियों से भून देता या फिर सीधा गला की काट देता.

खौफ फैलाने वाला IS का ये तरीका नया था, जो दूसरे आतंकी संगठनों से उसके अलग बनाता था. ये वीडियो लगातार IS की मीडिया सेल से जारी किए जाते, बीच-बीच में अल बगदादी के वीडियो आते जिसमें वह मस्जिद में खड़ा होकर जेहाद को लेकर भाषण देता. और कुछ तस्वीरें भी सामने आतीं, जो युवाओं को लुभाने के लिए काफी थीं.

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IS ने लगातार फैलाया दुनिया में खौफ

अमेरिकी पत्रकार को मारते हुए जारी किए गए वीडियो के अलावा IS ने कई ऐसे वीडियो बनाए. जिसमें अमेरिकी पत्रकार के अलावा तुर्किश पत्रकार, इराकी सेना के जवान, स्थानीय लोगों को मारना, महिलाओं को उठाना, रेप करना जैसी वीडियो शामिल रहे. मकसद सिर्फ एक ही था कि दुनिया में IS के नाम का हौव्वा खड़ा किया जाए.

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सिर्फ जेहाद नहीं अपने राष्ट्र का सपना

अबु बकर अल बगदादी अपने संदेशों में युवाओं को एक ही सपना दिखाता था कि एक ही खलीफा दुनिया पर राज करेगा. और उसका क्षेत्र ही दुनिया का सेंटर बन जाएगा, यही कारण था कि दुनियाभर से लोग उसके वहां पहुंचे क्योंकि उन्हें ये सपना दिखाया गया कि इराक या सीरिया अब पूरी तरह से इस्लामिक स्टेट बनेगा, जो पहला अड्डा होगा और बाद में वह दुनियाभर में फैलता जाएगा. जैसे इराक एंड सीरिया के लिए ISIS, भारत में दस्तक देने के लिए ISJK या फिर दुनिया के अन्य हिस्सों में भी इसी तरह की दस्तक दी गई.

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