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UAE का भव्य हिंदू मंदिर बनाने में खर्च हुए करोड़ों रुपये, किन देवी-देवताओं की होगी पूजा? यहां जानें सबकुछ

यूएई की राजधानी अबू धाबी में पहले हिंदू मंदिर का उद्घाटन हो रहा है. यह मंदिर 27 एकड़ में फैला है जिसे बनाने में काफी खर्च आया है. मंदिर इतना मजबूत है कि यह हजारों साल तक ज्यों का त्यों रहेगा.

पीएम मोदी अबू धाबी स्थित BAPS स्वामीनारायण हिंदू मंदिर का उद्घाटन करेंगे (Photo- AP/PTI) पीएम मोदी अबू धाबी स्थित BAPS स्वामीनारायण हिंदू मंदिर का उद्घाटन करेंगे (Photo- AP/PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 14 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 5:48 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खाड़ी के इस्लामिक देश संयुक्त अरब अमीरात में आज BAPS स्वामीनारायण मंदिर का उद्घाटन कर रहे हैं जिसकी खूब चर्चा है. यह विशाल मंदिर पत्थरों से बना अबू धाबी का पहला हिंदू मंदिर है जिसे 'रेत के बीच खिला कमल' कहा जा रहा है. 27 एकड़ में फैला विशाल स्वामीनारायण मंदिर भारत के प्राचीन मंदिर निर्माण शैली का बेहद शानदार उदाहरण है.

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मंदिर अबू धाबी के अबू मुरीखा जिले में बोचासनवासी अक्षर पुरूषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) संस्था की तरफ से बनाया गया है. मंदिर निर्माण के लिए जमीन यूएई की सरकार ने दान में दी थी. साल 2015 में पीएम मोदी जब यूएई गए थे तब यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने मंदिर के लिए 13.5 एकड़ जमीन पीएम मोदी को उपहार में दिया था.

मंदिर 27 एकड़ जमीन पर बना है जिसमें 13.5 एकड़ पर मंदिर और 13.5 एकड़ में पार्किंग एरिया है. पार्किंग एरिया की जमीन भी यूएई सरकार ने ही दी है. साल 2019 में 'ईयर ऑफ टॉलरेंस' के दौरान सरकार ने मंदिर को बाकी की जमीन दी थी.

यूएई सरकार के इस सहयोग के लिए पीएम मोदी ने राष्ट्रपति अल-नाहयान को धन्यवाद भी दिया है. अपने यूएई दौरे में पीएम मोदी ने कहा, 'आपके (यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल-नाहयान) सहयोग के बिना BAPS मंदिर का निर्माण असंभव था.'

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मंदिर बनाने में कितना पैसा लगा है?

BAPS स्वामीनारायण मंदिर 108 फीट ऊंचा, 262 फीट लंबा और 180 फीट चौड़ा है. इसे बनाने में 700 करोड़ रुपये लगे हैं. मंदिर के निर्माण में केवल चूना पत्थरों और संगमरमर का इस्तेमाल हुआ है. बताया जा रहा है कि मंदिर निर्माण के लिए 20,000 टन से अधिक पत्थर और संगमरमर 700 कंटेनरों में भरकर अबू धाबी लाया गया था.

मंदिर निर्माण में स्टील या लोहे का इस्तेमाल नहीं हुआ है जिससे यह हजारों सालों तक ज्यों का त्यों खड़ा रहेगा. मंदिर की नींव को फ्लाई ऐश से भरा गया है. फ्लाई ऐश से बनी ईंटें लंबे समय तक मजबूत आधार प्रदान करती हैं. 

अबू धाबी BAPS मंदिर में क्या-क्या सुविधाएं हैं?

मंदिर परिसर में लोगों के लिए बहुत सारी सुविधाएं हैं जिसमें एक बड़ा एम्फीथिएटर, प्रार्थना कक्ष, गैलरी, लाइब्रेरी, थीम आधारित बगीचे, खूबसूरत फव्वारे, फूड कोर्ट, गिफ्ट कॉर्नर आदि शामिल हैं.

मंदिर परिसर में बच्चों के खेलने की जगह, एक मजलिस (लोगों की बैठकी की जगह), दो सामुदायिक कक्ष जिसमें 5,000 लोग बैठ सकते हैं, भी बनाए गए हैं.

मंदिर में किन देवताओं की मूर्ति है?

भगवान स्वामीनारायण के मंदिर की दीवारों पर हिंदू धर्म और दुनिया की बाकी सभी संस्कृतियों, सभ्यताओं की 250 से ज्यादा कहानियों को उकेरा गया है. 

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BAPS स्वामीनारायण मंदिर में सात शिखर हैं जो भारत के अलग-अलग राज्यों के देवताओं को समर्पित हैं. इनमें भारत के उत्तर, दक्षिण, पूरब और पश्चिम के सभी देवताओं को शामिल किया गया है जिसमें भगवान अयप्पा, तिरुपति बालाजी, भगवान जगन्नाथ, भगवान कृष्ण और राधा, भगवान हनुमान, भगवान शिव, उनकी पत्नी पार्वती और पुत्र गणेश और कार्तिकेय, भगवान राम और उनकी पत्नी सीता की मूर्तियां शामिल हैं.

मंदिर के बाहरी स्तंभों पर रामायण की अलग-अलग कहानियों की नक्काशी की गई हैं जिसमें राम जन्म, सीता स्वयंवर, राम वनवास, लंका दहन, राम-रावण युद्ध जैसे प्रसंग शामिल हैं.

यूएई में बनारस घाट की अनूभुति

मंदिर के प्रवेश द्वार में आठ मूर्तियां हैं जो सनातम धर्म के आठ मूल्यों का प्रतीक हैं. मंदिर का एम्फीथिएटर बनारस घाट के आकार का बना है ताकि वहां लोगों को भारतीयता का आभास हो.

मंदिर के एक स्वयंसेवक विशाल पटेल ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा, 'हम एम्फीथिएटर को बनारस घाट की तरह लुक देना चाहते थे जिससे लोग यहां आकर बैठें, ध्यान करें और ऐसा अनुभव करें जैसे वो भारत में हों. जब लोग एम्फीथिएटर में चलेंगे तो उन्हें पानी की दो धाराएं नजर आएंगी जो सांकेतिक रूप से भारत की गंगा और यमुना को दिखाती हैं. त्रिवेणी संगम जैसा रूप देने के लिए मंदिर से प्रकाश की एक किरण निकलेगी जो सांकेतिक रूप से  सरस्वती नदी को दिखाएगी.'

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मंदिर की दीवारों पर घोड़े और ऊंट जैसे जानवरों की नक्काशी की गई है जो यूएई का प्रतिनिधित्व करते हैं. हर ऊंट और घोड़े की नक्काशी बिल्कुल अलग-अलग है जिससे मंदिर का अनूठा रूप उभरकर सामने आ रहा है.

अबू धाबी के पहले हिंदू मंदिर का उद्घाटन अयोध्या में राम मंदिर उद्घाटन के तीन हफ्ते बाद हो रहा है. अयोध्या के राम मंदिर में राम लला का प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी को पीएम मोदी के हाथों संपन्न हुआ था.

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