
पाकिस्तान में चुनाव आयोग ने पूर्व पीएम इमरान खान को भ्रष्टाचार का दोषी मानते हुए उनकी संसद सदस्यता खत्म कर दी है. उन पर 5 साल तक चुनाव लड़ने पर बैन लगा दिया गया है. वहीं आयोग का फैसला आने के बाद से विपक्ष इमरान खान पर हमलावर हो गया है. वह उन्हें चोर बता रहा है. इस मामले में इमरान खान के समर्थक सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन और बवाल किया. उन्होंने जगह-जगह आगजनी की और हाइवे जाम कर दिया. वहीं पुलिस ने उन पर काबू पाने के लिए बल प्रयोग किया. उन पर आंसू गैस के गोले दागे.
अब आपको इमरान पर चोरी के आरोप लगने और उन पर चुनाव आयोग के एक्शन की पूरी कहानी बताते हैं. इमरान खान ने विदेश दौरे के दौरान मिले गिफ्ट से करोड़ों की कमाई कर ली. सस्ते में खरीदा और महंगे में बेच दिया. लेकिन वो कमाई अब इमरान खान को महंगी पड़ रही है. पाकिस्तान का महानायक इस वक्त कठघरे में खड़ा है. पाकिस्तान के आइकॉन पर आरोपों की झड़ी लगी है. आरोप भी ऐसे-वैसे नहीं... झूठ बोलने का...भ्रष्टाचार करने का... टैक्स की चोरी करने का है. जिस इमरान को पाकिस्तान अपना हीरो मानता रहा... जिस इमरान खान पर पाकिस्तान दिलोजान लुटाता रहा... जो इमरान हाल तक सरकार चलाते रहे, उन्हें पाकिस्तान के ही चुनाव आयोग ने चोर बता दिया है.
पाकिस्तान का संवैधानिक संस्थान कह रहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान भ्रष्ट हैं. तो इमरान खान कह रहे हैं कि चुनाव आयोग राजनीतिक शह पर काम कर रहा है. चुनाव आयोग कह रहा है कि इमरान खान ने टैक्स की चोरी की है. इमरान आरोप लगा रहे हैं कि चुनाव आयोग और विपक्ष मिलकर साजिश कर रहा है. सवाल है कि इमरान खान पर ऐसे क्या आरोप थे कि चुनाव आयोग को चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगाने का फैसला करना पड़ा. इमरान खान पर ये आरोप था कि उन्होंने विदेशी यात्राओं के दौरान मिले बेशकीमती तोहफे सरकारी तोशेखाने से सस्ते में खरीदे और उन्हें महंगे दामों में बेच गिए. सरकारी तोशेखाने से कुल 2 करोड़ 15 लाख रुपये के Gifts खरीदे गए और जब ये Gifts उनके हो गए तो उन्होंने इन्हें लगभग 6 करोड़ रुपये में बेच दिया. यानी करीब 5 करोड़ 80 लाख की कमाई कर ली.
पाकिस्तान में नियम के मुताबिक, प्रधानमंत्री गिफ्ट की कीमत का 20 फीसदी तोशखाने में जमाकर उन्हें वापस खरीद सकते हैं. इमरान का दावा भी है कि उन्होंने ऐसा ही किया. प्रक्रिया के तहत पैसे जमा कराए और गिफ्ट खरीदे. लेकिन चुनाव आयोग ऐसा नहीं मानता. वो मानता है कि इमरान ने टैक्स की चोरी की और गबन किया. इमरान खान पर बेशकीमती गिफ्ट सस्ता में खरीदने पर ऊंचे दामों पर बेचने के चक्कर में गाज गिर गई. इमरान अब अपनी लड़ाई लडे़ंगे लेकिन इस पूरे मामले में नाक तो पूरे पाकिस्तान की ही कट रही है. अगर एक नेता प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए अपने राजकीय तोहफों को बेच रहा है तो इससे पाकिस्तान का असली चरित्र पता चलता है.
पाकिस्तान से इस पूरे प्रकरण को लेकर कई मीडिया रिपोर्टस आ रही हैं. एक दिन पहले ही इमरान की पार्टी ने नेशनल असेंबली के उपचुनाव में शानदार प्रदर्शन किया. 8 सीटों पर उपचुनाव हुए. इमरान की पार्टी पााकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने 8 में से 6 सीट जीत लीं. प्रोवेंसियल असेंबली की 3 सीटों पर चुनाव हुए, उनमें भी पाकिस्तान की पार्टी ने 2 सीटें जीतीं. इसलिए पाकिस्तान में ये चर्चा बहुत तेज है कि इमरान खान को बदले की राजनीति का शिकार बनाया जा रहा है. जब इमरान खान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने थे, तब उन्होंने शहबाज शरीफ के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में कार्रवाई की थी और पाकिस्तान में स्थित उनकी 23 सम्पत्तियों को जब्त कर लिया था.
पाकिस्तान में बदले की राजनीति की रवायत
और अब जब शहबाज शरीफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बन गए हैं तो शायद इमरान खान को भी जेल में डालने का पूरा इंतजाम किया जा रहा है. क्योंकि पाकिस्तान में बदले की राजनीति की रवायत रही है. नवाज शरीफ और परवेज मुशर्रफ के केस में दुनिया देख चुकी है कि पाकिस्तान के नेता विरोधियों को खत्म करने के लिए किस हद तक जा सकते हैं.
आजतक ब्यूरो