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25 किलो सोने की तस्करी करते पकड़ी गई अफगान डिप्लोमैट का इस्तीफा, बोलीं- निजी हमले बर्दाश्त नहीं कर सकती

जकिया वारदाक भारत में अफगानिस्तान की कार्यवाहक राजदूत रही थी. पिछले महीने मुंबई हवाई अड्डे पर दुबई से 18.6 करोड़ रुपये मूल्य के 25 किलोग्राम सोने की तस्करी करते हुए पकड़े जाने के कुछ दिनों बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था.

जकिया वारदाक ने पिछले साल नवंबर में नई दिल्ली में अफगान दूतावास का कार्यभार संभाला था. (फोटो: X/@ZakiaWardak) जकिया वारदाक ने पिछले साल नवंबर में नई दिल्ली में अफगान दूतावास का कार्यभार संभाला था. (फोटो: X/@ZakiaWardak)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 05 मई 2024,
  • अपडेटेड 11:58 AM IST

मुंबई एयरपोर्ट पर 25 किलो सोने की तस्करी करते पकड़ी गई अफगानी डिप्लोमैट ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. कथित तौर पर जकिया वारदाक को पिछले महीने संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी से 18.6 करोड़ रुपये मूल्य के 25 किलोग्राम सोने की तस्करी की कोशिश के आरोप में मुंबई एयरपोर्ट पर पकड़ा गया था. वह दो साल से अधिक समय तक मुंबई में अफगान महावाणिज्यदूत के रूप में काम करने के बाद पिछले साल के अंत से नई दिल्ली में अफगानिस्तान की कार्यवाहक राजदूत थीं.

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जकिया वारदाक एक्स पर बताया कि उनके साथ-साथ उनके परिवार पर 'कई व्यक्तिगत हमले किए गए हैं, जिसने अफगान राजनयिक के पद पर काम करने की उनकी क्षमता को प्रभावित किया. हालांकि, उन्होंने 25 अप्रैल को राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) द्वारा उनसे सोना जब्त करने की रिपोर्ट का उल्लेख नहीं किया.

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वारदाक ने जारी किया बयान

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, वारदाक को उसकी राजनयिक छूट के चलते गिरफ्तार नहीं किया गया था. अंग्रेजी और पश्तो में जारी किए अपने बयान में वारदाक ने कहा,, "ये हमले, जो संगठित प्रतीत होते हैं, ने मेरी भूमिका को प्रभावी ढंग से संचालित करने की मेरी क्षमता को गंभीर रूप से प्रभावित किया है और अफगान समाज में उन महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों को दिखाता है जो आधुनिकीकरण के इस दौर में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करती हैं. यह अफगानिस्तान में महिलाओं की खराब हालत का सबूत है."

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वारदाक ने कहा कि लगातार और संगठित तरीके से हो रहे हमलों को वह अब बर्दाश्त नहीं कर सकती हैं. उन्होंने आगे कहा कि हालांकि वह अपने चरित्र पर होने वाले हमलों से निपटने के लिए तैयार थीं, जो पूरी तरह से आश्चर्यजनक नहीं थे लेकिन इससे मेरे करीबी लोगों पर पड़ने वाले असर के लिए मैं तैयार नहीं थीं. 

ज़किया वारदाक ने कहा कि अपने देश की सेवा करना और सकारात्मक बदलाव लाना उनका जुनून है... उन्होंने अपने तीन साल के कार्यकाल के दौरान भारत सरकार और लोगों द्वारा गर्मजोशी से किए गए उनके स्वागत और अटूट समर्थन के लिए धन्यवाद दिया और अनुभव को "एक शानदार अनुभव" बताया.

उन्होंने कहा, "मैं ईमानदारी से ऐसे भविष्य की आशा करती हूं जहां नेतृत्व की भूमिका में महिलाओं को समर्थन और सम्मान दिया जाएगा, जहां प्रगति के अवसरों को स्वीकार किया जाएगा न कि शत्रुता और बदनामी का सामना किया जाएगा. इस फैसले के बावजूद सकारात्मक बदलाव की वकालत करने की मेरी प्रतिबद्धता अटूट बनी हुई है." 

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2023 में मिली थी जिम्मेदारी

2023 में तत्कालीन राजदूत फरीद ममुमदज़े द्वारा संचालित मिशन के बंद होने की घोषणा के बाद जकिया वारदाक ने पिछले नवंबर में नई दिल्ली में अफगान दूतावास का कार्यभार संभाला था. ममुमदज़े ब्रिटेन चले गए थे. वारदाक को 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान के नियंत्रण हासिल करने से पहले नियुक्त किया गया था और वह कथित तौर पर एकमात्र महिला अफगान राजनयिक थीं.

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