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अफगान लोगों ने ट्रंप को 'ब्रेवरी मेडल' से नवाजा, जानें क्या है मामला

इस मेडल को लोगार राज्य के फंड से बनाया गया है. लोगर राज्य, कबूल से साउथ की ओर 60 किलोमीटर दूर है.

ट्रंप को 'मेडल ऑफ ब्रेवरी' अवार्ड से नवाजा ट्रंप को 'मेडल ऑफ ब्रेवरी' अवार्ड से नवाजा
सना जैदी
  • काबुल ,
  • 16 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 1:32 PM IST

अफगानिस्तान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप को 'मेडल ऑफ ब्रेवरी' अवार्ड से नवाजा है. रेडियो फ्री यूरोप (RFE) की रिपोर्ट के अनुसार लगभग 300 अफगान लोगों ने ट्रंप के पाकिस्तान पर कड़े रूख को देखकर यह पुरस्कार दिया गया है.

क्या लिखा है मेडल पर?

मेडल पर लिखा है कि यह ब्रेवरी मेडल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अफगान की तरफ से है. बता दें की इस मेडल को लोगार राज्य के फंड से बनाया गया है. लोगर राज्य, कबूल से साउथ की ओर 60 किलोमीटर दूर है.

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सइद फरहाद अखबरी ने रेडियो फ्री यूरोप (RFE) को बताया कि कम्यूनिटी ने 16 साल से ऐसे अमेरिकी प्रशासन का इंतजार किया है जो पाकिस्तान पर कड़ी टिप्पणी कर सके और ट्रंप ने ऐसा पिछले कुछ दिनों में कर दिखाया है.

पाकिस्तान को लताड़ा था

आपको बता दें कि 1 जनवरी 2018 के दिन अमेरिका ने पाकिस्तान को आतंकवाद पर लताड़ा था. ट्रंप ने कहा था कि आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर पाकिस्तान ने सिर्फ अमेरिका को अब तक मूर्ख बनाया है. उन्होंने कहा कि अमेरिका पिछले 15 सालों में पाकिस्तान को 33 अरब डॉलर से ज्यादा की सहायता दे चुका है, लेकिन उसने हमें झूठ और छल-कपट के अलावा कुछ नहीं दिया. पाकिस्तान हमारे नेताओं को मूर्ख समझता है.

पाकिस्तान  से परेशान अफगान

गौरतलब है कि पाकिस्तान में आतंक का असर अफगान में भी देखने को मिलता है. ट्रंप के विस्फोटक बोलों को अफगानवासियों ने खूब सराहा है. अफगानी सरकार ने लंबे समय से पाकिस्तान को मिलिटैंट्स का समर्थन करने और पनाह देने का आरोप लगाती आ रही है, जो मिलिटैंट्स उसकी जमीन पर हमला करते हैं.

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मेडल की खासियत?

लोगर के अकबरी ने कहा कि पाकिस्तान खुद सालों से अपने दक्षिणी हिस्से में चरमपंथियों के खिलाफ लड़ रहा है. आगे उन्होंने कहा कि ट्रंप को 'मेडल ऑफ ब्रेवरी' देने का निर्णय काउंसिल ऑफ रेज़िडेंस ने किया है. यह मेडल 15 ग्राम सोने से बना है. जिसकी कीमत करीब 40,795 रुपये है. यह सारी कीमत लोगर के फंड से ही आई है.  

मेडल को कबूल में अमेरिकी दूतावास को सौंप दिया गया है. अकबरी ने कहा कि अमेरिकी दूत जॉन आर बास ने मेडल को ट्रंप तक जल्दी ही पहुंचा देंगे.

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