
अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद से ही मुल्क में संकट का दौर शुरू हो गया है. लेकिन एक संकट ऐसा भी है जो तालिबान के कब्जे से पहले से ही था और अब यह और गहराता जा रहा है.
दरअसल, अफगानिस्तान में लोगों के सामने खाने का संकट खड़ा होता दिख रहा है. हालात भुखमरी जैसे हो चले हैं. यूएन फूड एजेंसी के मुताबिक उसने तालिबान से समझौता कर अफगानिस्तान के एक राज्य में खाने की डिलवरी शुरू कर दी है लेकिन तीन प्रांतीय राज्य अब भी ऐसे हैं जहां खाने की सप्लाई नहीं पहुंच पा रही है.
रोम, स्थिति वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के कार्यालय के मुताबिक 39 मिलियन लोगों वाले इस देश के 14 मिलियन लोगों के सामने खाने का गंभीर संकट खड़ा हो गया है. अफगानिस्तान में तीन सालों में यह दूसरी बार सूखे जैसे हालात हैं. तालिबान के कब्जे से पहले भी सूखे जैसे हालात थे.
डब्ल्यूएफपी के डिप्टी कंट्री डायरेक्टर एंड्रयू पैटर्सन ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि बीते हफ्तेे तालिबान के कब्जे में आए फैजाबाद में एजेंसी ने तालिबान से बातचीत के बाद अगले दिन खाद्य सामाग्री से भरा ट्रक भेजा गया था.
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उन्होंने बताया कि कंधार, हेरात, जलालाबाद में हालात ऐसे नहीं है कि इन इलाकों में यूएन एजेंसी खाने की सप्लाई जारी रख सके. डब्ल्यूपीएफ के आंकड़ों के मुताबिक अफगानिस्तान में लगभग 2 मिलियन बच्चे कुपोषण का शिकार हैं.