
अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबानी हुकूमत आने के बाद भारत की कोशिश अपने नागरिकों को वहां से निकालने की है. बीते दिन काबुल (Kabul) स्थित दूतावास के कई कर्मचारियों और अन्य लोगों को वायुसेना के जहाज से भारत वापस लाया गया. हालांकि, भारत सरकार अभी काबुल में अपने दूतावास को पूरी तरह से बंद नहीं करेगी.
जानकारी के मुताबिक, भारतीय दूतावास (Indian Embassy) आने वाले दिनों में काबुल में पूरी तरह से काम करेगा. अभी जिन कर्मचारियों को निकाला गया है, उसमें अधिकतर भारतीय थे. लेकिन काबुल एम्बेसी में काम करने वाला लोकल स्टाफ वहां पर पूरी तरह से एक्टिव रहेगा.
इसकी बड़ी वजह ये है कि आने वाले दिनों में अन्य भारतीय नागरिकों को वतन वापसी में मदद की जा सके. भारतीय दूतावास में जितने भी स्थानीय कर्मचारी काम करते हैं, उन्हें इस दौरान पूरी सैलरी दी जाएगी और काम जारी रहेगा.
सरकारी सूत्र के मुताबिक, 90 के दशक में भी काबुल का दूतावास पूरी तरह बंद नहीं हुआ था, तब स्थानीय कर्मचारी काम के लिए आते थे. अब भी वो एम्बेसी आकर काम करेंगे और उन्हें सैलरी दी जाएगी. अब क्योंकि भारतीय कर्मचारी यहां आ चुके हैं, ऐसे में स्थानीय कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए अब ऑनलाइन तरीका अपनाया जा सकता है.
गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना के विमान की मदद से एम्बेसी के करीब 120 से अधिक लोगों को भारत वापस लाया जा चुका है. काबुल एयरपोर्ट से ताजिकिस्तान के रास्ते इन सभी को पहले गुजरात के जामनगर पहुंचाया गया और फिर हिंडन एयरबेस पर लाया गया.
भारत सरकार की कोशिश अब वहां पर फंसे अन्य भारतीय नागरिकों को निकालने की है. पहले भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकाला जाएगा, उसके बाद अफगानिस्तान में रहने वाले हिन्दू, सिख अल्पसंख्यकों को बाहर निकाला जाएगा. इस सबके बीच अफगानिस्तानी नागरिकों के लिए वीज़ा की प्रक्रिया को आसान बना दिया गया है, ऐसे में कोई भी नागरिक भारत आने के लिए अप्लाई भी कर सकता है.