
अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबानी शासन की शुरुआत के बाद भारत (India) के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपने लोगों को निकालने की है. अभी तक भारतीय दूतावास (Indian Embassy) से जुड़े लोगों को निकाला जा चुका है, लेकिन अभी भी भारतीय नागरिक अफगानिस्तान में फंसे हुए हैं. इन्हें निकालने के लिए भारतीय वायुसेना का विमान तैयार है, लेकिन अभी उसे क्लियरेंस मिलने का इंतज़ार है.
जानकारी के मुताबिक, अफगानिस्तान में करीब 2 हज़ार भारतीय हैं जो इस वक्त अलग-अलग प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे, वहां पर फंस गए हैं. इन सभी को निकालने के लिए भारत सरकार काम कर रही है. वायुसेना के विमान द्वारा इन सभी को लाया जा सकता है, लेकिन अभी काबुल एयरपोर्ट पर लैंडिंग का क्लियरेंस मिलने का इंतज़ार किया जा रहा है.
बता दें कि वायुसेना का विमान अभी तक 180 नागरिकों को ला चुका है, इनमें अधिकतर दूतावास से जुड़े हुए लोग थे. काबुल में भारतीय एम्बेसी अभी भी काम कर रही है, ऐसे में जो भारतीय अफगानिस्तान में फंसे हुए हैं वह दूतावास के संपर्क में बने हुए हैं.
क्योंकि अफगानिस्तान के अलग-अलग इलाकों में अब तालिबानी लड़ाके तैनात हैं, ऐसे में किसी का भी काबुल एयरपोर्ट पर पहुंचना इतना आसान नहीं है. वहीं काबुल एयरपोर्ट पर भी हजारों की भीड़ है, जो मुल्क से बाहर जाना चाहती है. काबुल एयरपोर्ट पर अमेरिकी और नाटो फोर्स सेफ पैसेज तैयार कर रहे हैं, जैसे ही भारतीय विमान को इजाजत मिलती है तब रेस्क्यू शुरू हो जाएगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी पिछले दो दिनों में बैठक कर चुकी है. जिसमें अफगानिस्तान के ताज़ा हालात, वहां से लाए गए लोगों और वहां पर फंसे भारतीयों को वापस लाने को लेकर चर्चा की गई. भारत पहले ही कह चुका है कि सबसे पहले भारतीयों को निकालना उसकी प्राथमिकता है.
(इनपुट: आजतक ब्यूरो)