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काबुल में शिया बने IS आतंकियों का निशाना, फायरिंग में 32 लोगों की मौत

अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में दो बंदूकधारी हमलावरों को भी ढेर कर दिया है. आतंकी संगठन आईएस ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है, जबकि तालिबान ने कहा कि इस हमले में उसका हाथ नहीं हैं. आईएस के आतंकियों ने अल्पसंख्यक शियाओं के खिलाफ जंग का ऐलान किया है. जिस कार्यक्रम में गोलीबारी की गई, उसमें शामिल होने वाले ज्यादातर शिया थे.

आतंकी हमले के बाद मुस्तैद सुरक्षा बल (Courtesy- PTI) आतंकी हमले के बाद मुस्तैद सुरक्षा बल (Courtesy- PTI)
aajtak.in
  • काबुल,
  • 07 मार्च 2020,
  • अपडेटेड 9:14 AM IST

  • शिया हाजरा नेता मजारी की पुण्यतिथि पर आयोजित किया गया था कार्यक्रम
  • अफगानिस्तान के सीईओ अब्दुल्ला अब्दुल्ला भी कार्यक्रम में हुए थे शामिल

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में शुक्रवार को बड़ा आतंकी हमला हुआ है, जिसमें अफगानिस्तान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अब्दुल्ला अब्दुल्ला बाल-बाल बच गए. शुक्रवार को काबुल में बंदूकधारियों ने एक कार्यक्रम में गोलीबारी शुरू कर दी, जिसमें कम से कम 32 लोगों की मौत हो गई. इसके अलावा दर्जनों की संख्या में लोग घायल हो गए हैं.

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अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में दो बंदूकधारी हमलावरों को भी ढेर कर दिया है. आतंकी संगठन आईएस ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है, जबकि तालिबान ने कहा कि इस हमले में उसका हाथ नहीं हैं. आईएस के आतंकियों ने अल्पसंख्यक शियाओं के खिलाफ जंग का ऐलान किया है. जिस कार्यक्रम में गोलीबारी की गई, उसमें शामिल होने वाले ज्यादातर शिया थे.

यह कार्यक्रम अफगानिस्तान में शिया हाजरा नेता अब्दुल अली मजारी की पुण्यतिथि पर आयोजित किया गया था, जिसमें शामिल होने वाले ज्यादातर लोग शिया थे. मजारी की इसी दिन तालिबान ने 1995 में हत्या कर दी थी. इस कार्यक्रम में अफगानिस्तान के सीईओ अब्दुल्ला अब्दुल्ला समेत कई दिग्गज नेताओं ने शिरकत की थी. अफगानिस्तान में अब्दुल्ला अब्दुल्ला विपक्ष के नेता भी हैं. पिछले साल राष्ट्रपति चुनाव में उन्होंने अशरफ गनी को कड़ी टक्कर दी थी.

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बताया जा रहा है कि इस आतंकी हमले से ठीक पहले अब्दुल्ला अब्दुल्ला समेत अन्य नेता वहां से निकल गए थे. अगर ये थोड़ी देर और वहां ठहरते, तो बंदूकधारियों के निशाने पर आ सकते थे. अफगानिस्तान में यह आतंकी हमला उस समय देखने को मिला है, जब अमेरिका और तालिबान के बीच शांति समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं. इसके तहत अमेरिका अफगानिस्तान से अपनी सेना को निकालने को तैयार हुआ है. अमेरिका ने तालिबान पर आतंकी संगठनों से संबंध खत्म करने की शर्त भी लगाई है.

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अफगानिस्तान के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नसरत रहीमी ने कहा कि इस आतंकी हमले में 32 लोगों की मौत हुई है, जबकि 81 लोग घायल हुए हैं. हालांकि अफगानिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस हमले में 32 लोगों के मारे जाने और 58 लोगों के घायल होने की बात कही है. इन घायलों में एक पत्रकार और एक कैमरामैन भी शामिल हैं. बंदूकधारियों ने फायरिंग उस समय शुरू की, जब अफगानिस्तान के हाई पीस काउंसिल के चीफ करीम खलीली भाषण दे रहे थे.

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