Advertisement

अफगानिस्तान-पाकिस्तान के रिश्तों में आई और तल्खी, झंडा उतारने पर विवाद

महावाणिज्य दूत मोहम्मद हाशिम नियाजी ने कहा कि वाणिज्य दूतावास के स्वामित्व वाले एक बाजार से अफगानिस्तान का झंडा उतार लिया गया और दुकानदारों से मारपीट की गई. उन्होंने कहा कि इसके विरोध में वाणिज्य दूतावास को बंद करने का फैसला लिया गया है.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 11 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 8:21 AM IST

  • उतारा गया अफगानिस्तान का झंडा और दुकानदारों से की गई मारपीट
  • दूतावास का कहना है कि बाजार की संपत्ति अफगान सरकार की है

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के तनावपूर्ण संबंध में शुक्रवार को और तल्खी आई जब अफगानिस्तान ने पेशावर में अपने वाणिज्यिक दूतावास को बंद कर दिया. पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान के महावाणिज्य दूत मोहम्मद हाशिम नियाजी ने यह जानकारी दी.

Advertisement

क्या है पूरा मामला

समाचार एजेंसी के आईएएनएस के मुताबिक महावाणिज्य दूत मोहम्मद हाशिम नियाजी ने कहा, 'वाणिज्य दूतावास के स्वामित्व वाले एक बाजार से अफगानिस्तान का झंडा उतार लिया गया और दुकानदारों से मारपीट की गई. उन्होंने कहा कि इसके विरोध में वाणिज्य दूतावास को बंद करने का फैसला लिया गया है.'

उन्होंने कहा कि इससे पहले भी मार्केट से हमारा झंडा उतारा गया था और हमने उस वक्त कहा था कि अगर फिर कभी ऐसा हुआ तो हम वाणिज्य दूतावास बंद कर देंगे. उन्होंने कहा, 'आज का समय नाजुक है, ऐसे समय में यह काम नहीं करना चाहिए था. हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं.'

कब्जा माफिया को रोका जाना चाहिए

मोहम्मद हाशिम नियाजी ने कहा कि यह अफगान मार्केट अफगानिस्तान सरकार की संपत्ति है. कब्जा माफिया को रोका जाना चाहिए और पाकिस्तान को मसले का हल राजनयिक स्तर पर निकालना चाहिए. इससे पहले पाकिस्तान में अफगानिस्तान के राजदूत शुकरुल्ला आतिफ मशाल ने अफगानिस्तान के पेशावर में वाणिज्यिक दूतावास को बंद करने की धमकी दी थी.

Advertisement

मशाल ने एक बयान में कहा था, 'बीते कुछ दिनों में पाकिस्तानी पुलिस अफगानिस्तान दूतावास को सूचित किए बगैर बाजार इलाके में कई बार आई और उन्होंने अफगानिस्तान के झंडे को हटा दिया। यह राजनयिक परंपरा और पड़ोसी शिष्टाचार के खिलाफ है.' रिपोर्ट के अनुसार, संपत्ति का स्वामित्व विवादित है, लेकिन अफगानिस्तान के दूतावास का कहना है कि बाजार की संपत्ति अफगान सरकार की है.

मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस और प्रशासन ने बाजार को खाली करने की कार्रवाई पेशावर हाईकोर्ट के आदेश पर की. शौकत कश्मीरी नाम के एक व्यक्ति ने अदालत में याचिका दायर कर बाजार को अपनी संपत्ति बताया था. अदालत ने उसके पक्ष में फैसला सुनाया और संपत्ति उसे सौंपने को कहा. इसके बाद पुलिस व स्थानीय प्रशासन ने बाजार खाली कराने की कार्रवाई की.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement