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शादी में गाना बजा तो तालिबान ने 13 लोगों को मौत के घाट उतार दिया, अमरुल्लाह सालेह का दावा

सालेह ने ट्वीट कर लिखा है कि Nangarhar में तालिबान के लड़ाकों ने 13 लोगों को सिर्फ इसलिए मार दिया क्योंकि शादी में गाने बजाए जा रहे थे. अब हम सिर्फ गुस्सा जाहिर कर शांत नहीं हो सकते हैं.

तालिबान की क्रूरता में 13 की गई जान तालिबान की क्रूरता में 13 की गई जान
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 30 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 11:27 PM IST
  • तालिबान ने 13 लोगों को मौत के घाट उतार दिया
  • शादी में गाने को लेकर विवाद, तालिबान की क्रूरता

अफगानिस्तान में तालिबान का राज शुरू हो चुका है. इस राज में कई निर्दोष लोगों को मारा जा रहा है, कई तरह की पाबंदियां लगाई जा रही हैं और हर अधिकार को छीनने का प्रयास है. इस सब के बीच अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह  ने तालिबान पर बड़ा आरोप लगा दिया है. सालेह के मुताबिक शादी में गाना बजाने को लेकर तालिबान के लड़ाकों ने 13 लोगों को मार दिया है.

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तालिबान की क्रूरता,सालेह का सबूत

सालेह ने ट्वीट कर लिखा है कि Nangarhar में तालिबान के लड़ाकों ने 13 लोगों को सिर्फ इसलिए मार दिया क्योंकि शादी में गाने बजाए जा रहे थे. अब हम सिर्फ गुस्सा जाहिर कर शांत नहीं हो सकते हैं. पिछले 25 सालों में पाकिस्तान ने ही इन आतंकियों को ट्रेन किया है, इनके जरिए अफगानिस्तान की संस्कृति को तबाह किया गया है. अब सालेह को तालिबान राज में सक्रिय राजनीति करने का तो मौका नहीं मिल रहा, लेकिन वे इस सरकार को लगातार एक्सपोज करने का काम कर रहे हैं.

जब से अफगानिस्तान में तालिबान ने अपनी सरकार बनाई है, ऐसे किस्से काफी आम हो गए हैं. लोगों को बिना किसी वजह के मारा भी जा रहा है और उनके अधिकारों को भी छीना जा रहा है. महिलाओं पर तो अलग ही तरह की बंदिशें चलाई जा रही हैं. कई क्षेत्रों में अभी भी लड़कियों के लिए स्कूल नहीं खोला गया है, वहीं अफगानिस्तान के महिला मंत्रालय को भी खत्म कर दिया गया है. ऐसे में तालिबान हर वो फैसला ले रहा है जिससे उसकी कट्टरपंथी सोच जग जाहिर हो रही है.

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संगीत के खिलाफ खड़ा तालिबान

वहीं संगीत को लेकर तो तालिबान की नफरत अलग ही स्तर पर देखने को मिल रही है. अगस्त महीने में महिलाओं के टीवी पर गाने पर रोक लगा दी गई थी. फिर खबर आई कि सिंगर Fawad Andarabi  को गोली मार दी गई. ये बवाल यही शांत नहीं हुआ. सितंबर में काबुल के रिकॉर्डिंग स्टूडियो में कई म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट को तोड़ दिया गया था. ऐसे में संगीत को लेकर तालिबान की सोच काफी सीमित है और पूरी तरह से इस पर बैन लगाना उसकी फितरत.

 

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