
अफगानिस्तान में दहशतगर्दी पर उतर आया तालिबान भारत संग अच्छे रिश्ते की वकालत कर रहा है. आजतक से बातचीत के दौरान तालिबानी प्रवक्ता ने कहा है कि उन्हें भारत संग मजबूत रिश्ते चाहिए. ये भी कहा गया है कि भारत के राजनयिक अफगानिस्तान में एकदम सुरक्षित रहेंगे और किसी को डरने की जरूरत नहीं है.
भारत संग अच्छे रिश्ते चाहता है तालिबान
तालिबानी प्रवक्ता Zabihullah Mujahid ने कहा कि हमें भारत संग अच्छे और मजबूत रिश्ते चाहिए. तमाम राजनयिक भी यहां पर सुरक्षित रहेंगे. किसी को भी देश छोड़ने की जरूरत नहीं है. अब एक तरफ तालिबान को भारत संग अच्छे दिश्ते चाहिए, वहीं दूसरी तरफ भारत की पाकिस्तान संग चल रही तल्खी पर उसे कुछ नहीं कहना है. तालिबान ने जोर देकर कहा है कि उसे भारत-पाकिस्तान विवाद में हस्तक्षेप नहीं करना है. दोनों देशों की अपनी समस्या हैं. तालिबान इसमें कोई भी भूमिका नहीं निभाएगा.
पाकिस्तान पर साध ली चुप्पी
अब यहां पर ये जानना जरूरी है कि तालिबान की भारत को लेकर रणनीति कभी भी एक समान नहीं रही है. अभी जरूर तालिबान भारत संग अच्छे रिश्तों की पैरवी कर रहा है,लेकिन कुछ दिन पहले तक इन्हीं के प्रवक्ता भारत पर आरोप लगा रहे थे कि उनकी तरफ से अफगान सेना को हथियार दिए जाते हैं. यहां तक कह दिया गया था कि भारत पक्षपात करता है. तब इतना सब कुछ तालिबान ने इसलिए कहा था क्योंकि उसे शांति वार्ता में भारत को शामिल नहीं करना था.
क्या भारत कर सकता तालिबान पर भरोसा?
पड़ोसी होने के नाते भारत ने हमेशा कहा है कि वो अफगानिस्तान में लोकतंत्र को सशक्त करने में और शांति स्थापित करने में अहम योगदान निभा सकता है. लेकिन तालिबान ने लगातार इस पहल का विरोध किया है. इसी वजह से जब तालिबान भारत संग अच्छे रिश्तों की बात करता है, तब उसकी नियत पर कई तरह के सवाल खड़े हो जाते हैं.
वैसे आजतक से बातचीत के दौरान तालिबान ने अफगानिस्तान के भविष्य पर भी विस्तार से बात की है. कहा गया है कि तालिबान राज में भी महिलाओं को पढ़ने का मौका दिया जाएगा. वे बाहर जाकर काम भी कर पाएंगी. लेकिन उन्हें शरिया कानून का सख्ती से पालन करना होगा. वहीं हिजाब पहनना भी जरूरी रहेगा.
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