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तालिबान शासन के बाद अफगान पहुंचा पहला विदेशी डेलिगेशन, मुल्ला अखुंद से मिले कतर के विदेश मंत्री

अफगानिस्तान के पड़ोसी कतर (Qatar) के विदेश मंत्री की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल ने अफगानिस्तान का दौरा किया. 15 अगस्त को जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया, उसके बाद से ही कतर इस क्षेत्र में अहम भूमिका निभा रहा है.

तालिबान की लीडरशिप से की गई मुलाकात (फाइल फोटो) तालिबान की लीडरशिप से की गई मुलाकात (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 13 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 8:35 AM IST
  • कतर के प्रतिनिधिमंडल का काबुल दौरा
  • तालिबान लीडरशिप से की मुलाकात
  • हामिद करजई से भी मिले कतर के नेता

अफगानिस्तान (Afghanistan) पर तालिबान का राज़ होने के बाद पहली बार किसी देश के डेलिगेशन ने वहां का दौरा किया है. अफगानिस्तान के पड़ोसी कतर (Qatar) के विदेश मंत्री की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल ने अफगानिस्तान का दौरा किया. 15 अगस्त को जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया, उसके बाद से ही कतर इस क्षेत्र में अहम भूमिका निभा रहा है.

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तालिबान (Taliban) के प्रवक्ता सुहैल शाहीन द्वारा भी इस मुलाकात और दौरे की जानाकारी दी गई. तालिबान के मुताबिक, अफगानिस्तान के प्रधानमंत्री मुल्ला मुहम्मद हसन अखुंद ने कतर के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुर रहमान अल-थानी से मुलाकात की. इस दौरान शेख मोहम्मद बिन अहमद अल-मोसनाद भी मौजूद रहे, जो कतर के अमीर के एडवाइज़र हैं.

ये मुलाकात काबुल (Kabul) के राष्ट्रपति पैलेस में हुई, जिसमें तालिबान की सरकार के कई अहम लोग भी शामिल थे. इनमें दोनों उपप्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री, आंतरिक मंत्री, सैन्य प्रमुख, इंटेलिजेंस प्रमुख शामिल रहे.

हामिद करजई से भी मिली कतर लीडरशिप

इस बैठक में दोनों देशों के संबंध, लगातार की जा रही मदद, आर्थिक मदद और अन्य मसलों पर बात की गई. तालिबान की लीडरशिप से मिलने के अलावा कतर के डेलिगेशन ने अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई से मुलाकात की थी और हालात पर चर्चा की. 

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गौरतलब है कि कतर ने हाल ही के दिनों में अहम भूमिका निभाई है. तालिबान ने भी साल 2013 से अपना एक ऑफिस कतर में बनाया हुआ है, जहां से वह दुनिया से संवाद करता है. अब जब तालिबान की सरकार बन चुकी है, तब भी दुनिया के कई देश वाया कतर ही तालिबान से बात करते हैं. 

इस मुलाकात से पहले पिछले हफ्ते ही कतर की एक फ्लाइट ने काबुल से उड़ान भरी थी, जिसमें 200 के करीब विदेशी नागरिक सवार थे. 30 अगस्त को अमेरिकी सेना के जाने के बाद काबुल से उड़ी ये पहली उड़ान थी. कतर ही तालिबान की काबुल एयरपोर्ट को रिस्टोर करने में मदद भी कर रहा है. 


 

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