
अफगानिस्तान अब तालिबान के कब्ज़े में आ गया है. तालिबान पूरे देश में कब्ज़ा जमा चुका है, लेकिन पंजशीर प्रांत तक अभी वह नहीं पहुंच पाया है. पंजशीर प्रांत में नॉर्दर्न एलायंस के लड़ाके तालिबान के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं. लेकिन इस बीच दोनों गुटों के बीच बातचीत के संकेत भी मिल रहे हैं.
न्यूज़वीक की रिपोर्ट के मुताबिक, नॉर्दर्न एलायंस और तालिबान के बीच पावर शेयरिंग डील को लेकर बातचीत चल रही है. तालिबान ने जहां पूरे अफगानिस्तान में शरिया कानून लागू करने की बात की है, तो वहीं नॉर्दर्न एलायंस इसे कुछ हदतक काबू में रखकर लोकतंत्र को स्थापित करने की कोशिश में जुटा है.
‘पावर शेयरिंग पर हो बात, कुछ थोपा ना जाए’
‘पंजशीर के शेर’ कहे जाने वाले अहमद शाह मसूद के भाई अहमद वली मसूद के मुताबिक, ‘हम सभी पंजशीर में इस कोशिश में हैं कि क्या कोई पावर शेयरिंग डील हो सकती है या नहीं, इससे ना सिर्फ तालिबान की बात रह जाएगी बल्कि सभी तबको को सम्मान मिल पाएगा’.
अहमद वली मसूद का कहना है कि हम चाहते हैं कि हर किसी को अपनी बात कहने का हक मिले, अगर तालिबान शरिया कानून लाना चाहता है तो लाए लेकिन उसे किसी पर थोपा ना जाए. अगर काबुल उसे नहीं चाहता है, तो यहां ना लाया जाए और अगर तालिबान के हिस्से में कोई लोकतंत्र नहीं चाहता है तो उसे थोपा ना जाए.
बता दें कि एक तरफ अहमद वली मसूद ने पावर शेयरिंग डील की बात कही है, तो वहीं दूसरी ओर उनके भतीजे और अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद तालिबान के खिलाफ मोर्चा संभाले हुए हैं. अहमद मसूद अपने लड़ाकों के साथ तालिबान के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं, हालांकि उन्होंने बातचीत का रास्ता भी खुला रखा है.
तालिबान की ओर से भी नॉर्दर्न एलायंस के साथ बातचीत का प्रस्ताव रखा गया है. तालिबान का कहना है कि वह भी चाहते हैं कि बातचीत के जरिए मुद्दों को सुलझाया जाए ताकि पंजशीर का हल तुरंत हो सके.