Advertisement

चीन के 'पैसे' के भरोसे तालिबान, कहा- वह दुनियाभर के बाजारों के लिए हमारा PASS

जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा, तालिबान चीन की मदद से अफगानिस्तान के आर्थिक संकट से निकलने की कोशिश करेगा. तालिबान ने 15 अगस्त को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जा कर लिया था. इसके बाद से अफगानिस्तान की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो चुकी है.

तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद (बीच में) तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद (बीच में)
aajtak.in
  • काबुल,
  • 05 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 10:02 AM IST
  • चीन की मदद से आर्थिक संकट से उबरने की कोशिश करेगा तालिबान
  • तालिबान ने कहा- चीन निवेश के लिए तैयार

चीन की मदद से तालिबान अफगानिस्तान के आर्थिक संकट से निपटने की कोशिश करेगा. यह बात तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कही. उन्होंने इटली के एक न्यूजपेपर से बातचीत में कहा कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी और देश पर कब्जे के बाद तालिबान मुख्य रूप से चीन से मिलने वाली मदद पर निर्भर रहेगा. 

जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा, तालिबान चीन की मदद से अफगानिस्तान के आर्थिक संकट से निकलने की कोशिश करेगा. तालिबान ने 15 अगस्त को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जा कर लिया था. इसके बाद से अफगानिस्तान की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो चुकी है. 

Advertisement

दूसरे देशों ने रोकी आर्थिक मदद

काबुल छोड़ने के साथ साथ पश्चिमी देशों ने अफगानिस्तान को दी जा रही आर्थिक मदद भी रोक दी है. ऐसे में अब तालिबान को चीन का ही सहारा नजर आ रहा है. जबीउल्लाह ने कहा, चीन हमारा सबसे महत्वपूर्ण भागीदार है और हमारे लिए एक मौलिक और असाधारण अवसर का प्रतिनिधित्व करता है. इतना ही नहीं चीन अफगानिस्तान में निवेश और पुनर्निर्माण के लिए तैयार है.

'चीन हमारे लिए PASS की तरह'

जबीउल्लाह ने कहा, न्यू सिल्क रोड जो एक बुनियादी ढांचा पहल है, इसके जरिए चीन व्यापार मार्ग खोलकर अपना वैश्विक प्रभाव बढ़ाना चाहता है. इसे तालिबान द्वारा प्राथमिकता में रखा गया है. उन्होंने कहा, देश में कॉपर की खदानें हैं, जो चीन की मदद से दोबारा आधुनिकीकरण के बाद संचालित हो सकती हैं. चीन दुनिया भर के बाजारों के लिए हमारा PASS है. 

Advertisement

यूनिवर्सिटी में पढ़ सकेंगी छात्राएं

मुजाहिद ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि भविष्य में महिलाओं को यूनिवर्सिटी में पढ़ने की अनुमति दी जाएगी. उन्होंने कहा कि महिलाएं नर्स के रूप में, पुलिस में या मंत्रालयों में सहायक के रूप में काम करने में सक्षम होंगी. लेकिन उन्होंने इस बात से इनकार कर दिया कि महिलाओं को कैबिनेट में जगह मिलेगी. 

क्या कहते हैं विशेषज्ञ? 

यूएस एशिया प्रोग्राम के जर्मन मार्शल फंड के सीनियर ट्रान्साटलांटिक फेलो एंड्रयू स्मॉल ने कहा कि अफगानिस्तान में चीन की भागीदारी राजनीतिक स्थिरता पर निर्भर करेगी. उन्होंने अलजजीरा से बातचीत में कहा, चीन बड़े पैमाने पर मदद नहीं करता. यह शर्तों के आधार पर सहायता प्रदान करेगा. चीन मानवीय सहायता तो प्रदान कर सकता है, लेकिन नई सरकार को आर्थिक संकट से उबारने वाला नहीं है. 

उन्होंने बताया कि चीन कुछ छोटे पैमाने पर निवेश कर सकता है, लेकिन लंबी अवधि के लिए निवेश देश में पर्याप्त स्थिरता और सुरक्षा पर निर्भर करेंगे, ताकि ये आर्थिक रूप से विकास योग्य हो सकें. 

अफगानिस्तान को पैसे की सख्त जरूरत

तालिबान को अफगानिस्तान को चलाने के लिए पैसों की सख्त जरूरत है. लेकिन अफगानिस्तान की 10 अरब डॉलर की रकम तालिबान को आसानी से नहीं मिल सकती. क्योंकि द अफगानिस्तान बैंक ने ज्यादातर संपत्ति अफगानिस्तान से बाहर रखी है. 

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement