
अफगानिस्तान में तालिबान की तरफ से महिला एंकरों पर कई प्रतिबंध लगा दिए गए हैं. उन्हें एंकरिंग करने की तो छूट है, लेकिन चेहरा ढकना पड़ेगा. इस एक आदेश ने अफगानिस्तान की तमाम महिला पत्रकारों को फिर बंदिंशों में बांध दिया है. लेकिन फर्क ये है कि इस बार तालिबान का खुलकर विरोध किया जा रहा है. महिलाएं तो प्रदर्शन कर ही रही हैं, इसके अलावा पुरुष पत्रकार भी अलग ही अंदाज में अपना विरोध दर्ज करवा रहे हैं.
सोशल मीडिया पर कुछ पत्रकारों की तस्वीर वायरल हो गई है जहां पर उन्होंने काले मास्क से अपने चेहरे को ढक रखा है. हैशटैग #Freeherface ट्रेंड कर गया है और हर कोई महिला अधिकारों को लेकर ट्वीट कर रहा है. अब जानकारी के लिए बता दें कि पिछले हफ्ते तालिबान ने एक फरमान जारी किया था. उस फरमान के तहत महिला एंकरों को अपना चेहरा दिखाने की इजाजत नहीं रहेगी और उन्हें ऑनस्क्रीन भी बुर्का पहनना पडे़गा. लेकिन उस आदेश का ज्यादा महिला एंकरों ने पालन नहीं किया जिस वजह से तालिबान का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंचा और उसने सख्ती दिखानी शुरू कर दी.
उस सख्ती का असर ये रहा कि अब ज्यादातर महिला पत्रकार अफगानिस्तान में बुर्का पहन रही हैं. दूसरे देश की जो महिलाएं अफगानिस्तान में पत्रकारिता कर रही हैं, उन्हें भी अपना चेहरा ढकना पड़ रहा है. ये भी कहा जा रहा है कि अगर महिलाओं ने इस आदेश का पालन नहीं किया तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. अब वो सख्त कार्रवाई क्या रहेगी, अभी तक स्पष्ट नहीं है. लेकिन जैसा तालिबानी राज रहा है, यहां पर महिलाओं को क्रूर सजा दी जाती हैं. इसमें सड़क पर कोड़े मारने से लेकर दूसरी सजाएं शामिल हैं.
वैसे एक महीने पहले तालिबान ने महिलाओं के लिए एक और आदेश जारी किया था. उस आदेश में साफ कर दिया गया था कि महिलाएं अगर बाहर जाएंगी तो उन्हें ऊपर से नीचे तक खुद को ढकना पड़ेगा, उनकी सिर्फ आंखें ही दिख सकती हैं. वहीं अगर उन्होंने नियमों का पालन नहीं किया तो परिवार के पुरुषों को उसकी सजा दी जाएगी.