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जल्द भारत आएंगे रूस के विदेश मंत्री, जानिए... कितना अहम है ये दौरा?

Russian foreign minister visit to India: अमेरिका और यूरोप के प्रतिबंध से परेशान रूस चीन और भारत को साधने की कोशिश में लगा है. संयुक्त राष्ट्र में पेश किए गए कई प्रस्तावों पर चीन रूस का समर्थन कर चुका है, हालांकि भारत इस मसले पर तटस्थता बरतने की कोशिश कर रहा है.

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर (File Photo) रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर (File Photo)
गीता मोहन
  • डोनेत्स्क/डोनबास,
  • 27 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 11:33 PM IST
  • हाल ही में चीन के विदेश मंत्री भी भारत दौरे पर आए थे
  • रूस से रियायती दामों पर तेल खरीद रहा है भारत

Russian foreign minister visit to India: चीन (China) के बाद अब जल्द ही रूस (Russia) के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (Sergey Lavrov) भी भारत दौरे पर आएंगे. विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर (dr s jaishankar) के श्रीलंका और मालदीव (Sri Lanka and Maldives) दौरे से लौटने के बाद यात्रा की तारीख का ऐलान भी कर दिया जाएगा.

रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की यात्रा रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के दौरान बन रहे वैश्विक घटनाक्रम पर केंद्रित होगी. लावरोव भारत को रूस-यूक्रेन के बीच चल रही शांति वार्ता के बारे में भी जानकारी दे सकते हैं. रूस पर लगे अमेरिका और यूरोपीय यूनियन से प्रतिबंधों के बीच दोनों देश रुपए और रूबल के जरिए व्यापार को लेकर चर्चा करेंगे. 

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रूस से सस्ते दाम पर तेल खरीद रहा है भारत

बता दें कि वैश्विक प्रतिबंध के बाद रूस ने भारत को रियायती दामों पर तेल बेचने की सिफारिश की थी. तेल की बढ़ती कीमतों के बीच पहले ही भारतीय तेल कंपनियां भारी डिस्काउंट पर रूसी तेल खरीद रही हैं. चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने भी पिछले सप्ताह भारत की यात्रा कर चुके हैं. यात्रा के दौरान उन्होंने तेजी से ब दलते वैश्विक पिरदृश्य पर डॉ. एस. जयशंकर से बातचीत की थी. वांग यी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी मुलाकात की थी. उम्मीद जताई जा रही है कि रूस के विदेश मंत्री भी डोभाल से मुलाकात कर सकते हैं.

UN में हुई वोटिंग का अब तक बहिष्कार करता आया है भारत 

रूस-यूक्रेन के मसले पर अब तक आए संयुक्त राष्ट्र (UN) के सभी प्रस्तावों पर चीन, रूस के समर्थन में वोटिंग करता आया है. भारत इस मसले पर तटस्थता की रणनीति को लेकर आगे बढ़ रहा है. भारत यूएन की सामान्य सभा (General Assembly) और सुरक्षा परिषद (Security Council) में हुई वोटिंग का अब तक बहिष्कार करता आया है. संसद में जब जंग के मसले पर भारत के रुख को लेकर सवाल किया था तो विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा था कि हम युद्ध के हालात को लेकर भारत बेहद चिंतित है. हमने दोनों देशों से दुश्मनी खत्म कर हिंसा को तत्काल रोकने की अपील की है.

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जंग के बाद एस जयशंकर से बात कर चुके हैं लावरोव

बता दें कि ब्रिक्स ब्लॉक (BRICS bloc) को साधने के लिए रूस के विदेश मंत्री लावरोव ने मास्को में कई देशों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी. इनमें रूस में भारत के राजदूत पवन कपूर भी शामिल थे. यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद 24 फरवरी को सर्गेई लावरोव ने जयशंकर से बातचीत भी की थी.

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