
तालिबान ने अलकायदा चीफ अल जवाहिरी की मौत को लेकर पाकिस्तान पर गंभीर आरोप लगाए हैं. तालिबान के रक्षा मंत्री ने रविवार को दावा किया कि अल जवाहिरी पर एयरस्ट्राइक के लिए पाकिस्तान ने अमेरिकी ड्रोन को अपना एयरस्पेस इस्तेमाल करने की इजाजत दी थी.
दरअसल, अमेरिका ने 31 जुलाई को अफगानिस्तान के काबुल में ड्रोन से एयरस्ट्राइक की थी. अमेरिका का दावा है कि इस हमले में अलकायदा चीफ अल जवाहिरी की मौत हो गई. अमेरिका का कहना था कि इस स्ट्राइक के वक्त कोई भी अमेरिकी काबुल में मौजूद नहीं था.
जवाहिरी का नहीं मिला शव
वहीं, तालिबान ने कहा कि वह जुलाई में हुई एयरस्ट्राइक की जांच कर रहा है और अलकायदा चीफ जवाहिरी का शव नहीं मिला है. अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के रक्षा मंत्री मुल्लाह मोहम्मद याकूब ने दावा किया है कि अमेरिका के ड्रोन पाकिस्तान के रास्ते काबुल पहुंचे थे.
मोहम्मद याकूब ने कहा, हमारी जानकारी के मुताबिक, ड्रोन पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान में घुसे थे. हमने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि अपने एयरस्पेस को हमारे खिलाफ इस्तेमाल न करें. हालांकि, इस पर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कोई जवाब नहीं दिया है.
पाकिस्तानी अधिकारियों ने ड्रोन हमले में शामिल होने या इसकी जानकारी होने से इनकार किया है. माना जा रहा है कि मोहम्मद याकूब का ये बयान पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच एक फिर तनाव पैदा कर सकता है. उधर, तालिबान पाकिस्तान और पाकिस्तानी तालिबानी आतंकी संगठन के बीच मध्यस्थ्ता भी कर रहा है.
जवाहिरी पर था 1.97 अरब रुपए का इनाम
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 31 जुलाई को ऐलान किया था कि अल कायदा का चीफ अल जवाहिरी ड्रोन हमले में ढेर हो गया. उन्होंने बताया था कि अल जवाहिरी अफगानिस्तान के काबुल में छिपा था. अमेरिकी एजेंसी CIA ने एयर स्ट्राइक कर उसे ढेर कर दिया. जवाहिरी 9-11 की साजिश में शामिल था. इस हमले में 2977 लोगों की मौत हो गई थी. अल जवाहिरी पर 25 मिलियन डॉलर यानी 1.97 अरब रुपए इनाम था. उसके काबुल में आवास पर ड्रोन से Hellfire मिसाइल दागी गई थीं. मिसाइलों से काबुल में जवाहिरी के घर की बालकनी को टारगेट किया गया था. हमले के वक्त जवाहिरी घर की बालकनी पर मौजूद था.