
जमीन के अंदर से पुरातत्वविदों ने एक प्राचीन ‘फ्रिज’ खोज निकाला है. इसके अंदर सदियों बाद भी अब तक खाने के अवशेष मौजूद हैं. यह ‘फ्रिज’ रोमन मिलिट्री कैंप का बताया जा रहा है. खुदाई के दौरान तीसरी शताब्दी के सिक्के मिले हैं. इसके अलावा सूर्य देव की वेदी भी मिली है.
बुल्गारिया के स्विशटाव शहर से 4 किलोमीटर दूर नोवे आर्किलॉजिकल साइट से ये चीजें मिली हैं. प्राचीन ‘फ्रिज’ को चीनी मिट्टी की प्लेट्स से बनाया गया था. इसमें पशुओं की हड्डियां, खाने के टुकड़े और पकाए हुए मांस के सबूत मिले हैं. 7 अक्टूबर 2022 को पोलैंड के यूनिवर्सिटी ऑफ वॉरसॉ के एक्सपर्ट्स ने ये खुलासे किए हैं.
यूनिवर्सिटी ऑफ वॉरसॉ के प्रोफेसर पिओट्र डाइजेक ने बताया कि यह प्राचीन फ्रिज कब का है और इसके अंदर मौजूद खाना कब रखा गया था? इस बारे में अभी तक कोई सटीक जानकारी नहीं है. उनका मानना है कि फ्रिज से कीड़ों को दूर रखने के लिए पाइन के छाल से निकलने वाले लिक्विड में मिलाकर धूप को जलाया जाता था.
सिक्कों का कलेक्शन भी मिला
यह फ्रिज कैसे काम करता था? इस बारे में एक्सपर्ट्स की तरफ से कोई ठोस जवाब नहीं आया है. मिली जानकारी के मुताबिक यह फ्रिज, जमीन के अंदर गड्ढों में होते थे. वह बर्फ से ढंके होते थे, ताकि अंदर का सामान ठंडा रहे.
एक्सपर्ट्स का दावा है कि डानुबे नदी के किनारे स्थाई डिफेंस बेस के लिए रोमन सैनिकों ने नोवे को बसाया था. इस कैंप में एक किला भी था. 5वीं शताब्दी तक इसमें सैनिक आराम करते थे.
फ्रिज के अलावा पुरातत्वविदों को वहां से सिक्कों का कलेक्शन भी मिला है. यह तीसरी शताब्दी के मध्य का बताया जा रहा है. खुदाई में यहां से घरों के अवशेष के साथ दीवारों की एक लंबी लाइन मिली है. घरों के अवशेष से चक्की, बुनाई और मछली पकड़े के सामान, गड्ढों में हड्डियां और बर्तनों के टुकड़े मिले हैं.
खुदाई में सूर्य देव की वेदी मिली
प्रोफेसर पिओट्र ने बताया कि इस इलाके से मूवेबल स्मारक मिले हैं. उन्होंने कहा- इनमें सबसे खास दो रोमन वेदियां हैं. वह बहुत यूनिक हैं. मिथ्रा को समर्पित वेदियों के बारे में हमारे पास ज्यादा जानकारी नहीं है.
इनमें से एक वेदी सूर्य देवता 'मिथ्रा' को समर्पित है. वहीं दूसरा कैपिटोलाइन ट्रिनिटी (ज्यूपिटर, मिनेर्वा, जूनो) को समर्पित है.