
चीन और अमेरिकी के बीच दो साल बाद भयंकर युद्ध हो सकता है. अमेरिकी वायु सेना के एक शीर्ष जनरल ने इस संबंध में बड़ा दावा किया है और वरिष्ठ अधिकारियों को मेमो भेजा है. उनके इस दावे के बाद तमाम चर्चाएं तेज हो गई हैं. शीर्ष अफसर ने मेमो में कहा है कि 2025 में अमेरिका और चीन के बीच युद्ध हो सकता है. इसकी आशंकाएं बढ़ती जा रही हैं. उन्होंने सेना के अधिकारियों को युद्ध को लेकर तैयारी करने के लिए आगाह किया है. वहीं, अमेरिकी अफसर के इस बयान से हर कोई हैरान
अमेरिकी वायु सेना के जनरल ने शुक्रवार को अपने अधिकारियों को ये मेमो भेजा है. इसमें कहा गया है कि अमेरिका दो साल में चीन के साथ युद्ध में होगा और उन्हें लक्ष्य को लेकर तैयारी करने के लिए कहा गया है. एनबीसी न्यूज के मुताबिक, एयर मोबिलिटी कमांड के प्रमुख जनरल माइक मिन्हान ने कहा- मैं उम्मीद करता हूं कि जो सोच रहा हूं, वो गलत साबित हो. मेरी अंतरआत्मा कहती है कि मैं 2025 में युद्ध के मैदान में लड़ूंगा. बता दें कि एयर मोबिलिटी कमांड में लगभग 50 हजार सर्विस मेंबर्स और करीब 500 विमान हैं. अमेरिका में एयर मोबिलिटी कमांड परिवहन और ईंधन भरने वाले विमान के बेड़े की देखरेख की जिम्मेदारी संभालता है.
'2024 में चुनाव का फायदा उठाएगा चीन'
मिन्हान ने मेमो में आगे कहा कि चूंकि ताइवान और अमेरिका दोनों में 2024 में राष्ट्रपति चुनाव होंगे, इसलिए अमेरिका 'विचलित' होगा और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के पास ताइवान पर आगे बढ़ने का अवसर होगा. जनरल माइक ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की आकांक्षाओं का हवाला देते हुए संभावित संघर्ष के लिए अपनी तैयारियों को तेज करने की चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि शी ने अपना तीसरा कार्यकाल (कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव के रूप में) हासिल किया है और अक्टूबर 2022 में अपनी युद्ध परिषद की स्थापना की.
'2025 में युद्ध की आंशकाएं बढ़ जाएंगी'
ताइवान के राष्ट्रपति चुनाव 2024 में हैं, जो शी को एक मौका देने का काम करेंगे. मिनिहान ने कहा कि अमेरिका में भी 2024 में राष्ट्रपति चुनाव हैं. यहां के चुनाव माहौल में 'तल्खी' रहेगी. ऐसे में चीन अपनी रणनीति को धरातल पर उतारने के लिए मौके का पूरा फायदा उठाने की कोशिश करेगा. हालात ऐसे भी बन सकते हैं कि 2025 में अमेरिका और चीन के बीच युद्ध की आशंका बढ़ जाए.
'नैंसी पेलोसी के दौरे से बढ़ गया था तनाव'
बता दें कि इस समय दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं अमेरिका और चीन (America-China) आमने-सामने हैं और ये तनातनी है ताइवान को लेकर. चीन की धमकी के बावजूद अमेरिकी सदन की स्पीकर नैंसी पेलोसी (Nancy Pelosi) अगस्त 2022 में ताइवान के दौरे पर पहुंच गई थीं. पेलोसी के ताइवान दौरे पर चीन ने आपत्ति जताई थी. चीन ने पेलोसी को ताइवान न जाने की हिदायत दी थी. चीन का कहना था कि अगर अमेरिका ऐसा करता है तो फिर उसका कड़ा जवाब दिया जाएगा.
'चीनी राष्ट्रपति ने फोन पर जताई थी आपत्ति'
नैंसी पेलोसी के दौरे से पहले चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) से फोन पर बात की थी. फोन पर जिनपिंग ने बाइडेन से कहा था कि अमेरिका को 'वन-चाइना प्रिंसिपल' को मानना चाहिए. साथ ही धमकाते हुए कहा था, 'जो लोग आग से खेलते हैं, वो खुद जल जाते हैं.' इस पर बाइडेन ने जवाब देते हुए कहा था कि अमेरिका ने ताइवान पर अपनी नीति नहीं बदली है और वो ताइवान में शांति और स्थिरता को कम करने की एकतरफा कोशिशों का कड़ा विरोध करता है.