
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यमन के ईरान-समर्थित हूतियों पर बड़े पैमाने पर सैन्य हमले किए, जिसमें कम से कम 32 लोग मारे गए. यह कार्रवाई यमन के रेड सी में बाब अल-मंदब स्ट्रेट में इंटरनेशनल शिपिंग को सुरक्षित करने के दावे के तहत की गई. हूतियों ने इन हमलों को "वार क्राइम" करार दिया है और इसका करारा जवाब देने की चेतावनी दी है.
हूती के प्रवक्ता मोहम्मद अब्दुल-सलाम ने अमेरिका के दावों को झुठा करार देते हुए हमलों को इंटरनेशनल ओपिनियन को गुमराह करने की कोशिश बताया, और इस बात से इनकार किया कि वे बाब अल-मंदब स्ट्रेट में इंटरनेशनल शिपिंग को प्रभावित कर रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि यमन द्वारा घोषित समुद्री नाकाबंदी सिर्फ इजरायली नेवी शिप्स तक सीमित है और इसका मकसद गाजा के लोगों तक मानवीय सहायता पहुंचाना है.
अमेरिका ने चार एयर स्ट्राइक किए
यमन की राजधानी सना में रह रहे लोगों ने बताया कि शुाब जिले के पूर्वी जेराफ इलाके में कम से कम चार हवाई हमले हुए, जिससे इलाके में महिलाओं और बच्चों में दहशत फैल गई. एक स्थानीय शख्स ने हमले को लेकर कहा, "विस्फोट बहुत ही शक्तिशाली थे, यह एक भूकंप जैसा था."
हूतियों का कहना है, "आक्रामकता का जवाब जरूर दिया जाएगा", और ये कि, "हमारे यमनी सशस्त्र बल बढ़ते तनाव का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं." अमेरिकी हमलों में हमलों में करीब 23 लोग घायल भी हुए थे और मरने वालों की संख्या बढ़ भी सकती है.
यमन पर हमला, ईरान को चेतावनी
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने हूतियों के मुख्य समर्थक ईरान को भी कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि वह समूह के समर्थन को तुरंत समाप्त करें. उन्होंने कहा कि अमेरिका पर किसी भी तरह के खतरे के गंभीर परिणाम होंगे. ट्रंप ने कहा, "अमेरिका आपको पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराएगा, और हम इसे हल्के में नहीं लेंगे."
ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल प्लेटफॉर्म पर लिखा, "सभी हूती आतंकवादियों, तुम्हारा समय समाप्त हो गया है, और तुम्हें आज से ही हमले बंद करने होंगे. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो तुम पर नरक की ऐसी बारिश होगी, जैसी तुमने पहले कभी नहीं देखी होगी!"
यमन के हूती रेड सी में क्यों कर रहे हमले?
नवंबर 2023 से, हूतियों ने इंटरनेशनल शिपिंग्स पर 100 से अधिक हमले किए हैं, जिससे वैश्विक व्यापार प्रभावित हुआ है. हूतियों का कहना है कि ये हमले गाजा में इजरायल-हमास युद्ध के चलते फिलिस्तीनियों के समर्थन में किए जा रहे हैं. इन हमलों से निपटने के लिए अमेरिकी सेना को मिसाइलों और ड्रोन को रोकने के लिए महंगे अभियानों में लगना पड़ा है.
हालांकि, इससे पहले ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्ला अली खामेनेई ने न्यूक्लियर डील पर उनके साथ वार्ता करने से इनकार कर दिया, और कहा कि अमेरिका से समझौते का मतलब होगा और धोखा और इससे देश पर दबाव भी बढ़ेगा. मसलन, ट्रंप ईरान पर भी दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं, और इसी बीच उन्होंने यमन में स्ट्राइक भी किया है. अब देखने वाली बात होगी की ट्रंप का अगला कमम क्या होता है.