Advertisement

'डोनाल्ड ट्रंप अपना विचार बदलते रहते हैं, एक राजनेता के लिए यह बहुत ही असामान्य', बोले फरीद जकारिया

जियोपॉलिटिकल एनालिस्ट फरीद जकारिया ने कहा, "पहले ट्रंप प्रशासन की विशेषता यह थी कि कई जनरल और अधिकारी संस्थागत और संवैधानिक विचारों के साथ उनके एजेंडे को संतुलित करने के लिए सुरक्षा-व्यवस्था के रूप में काम करते थे."

डोनाल्ड ट्रंप पर क्या बोले फरीद जकारिया! डोनाल्ड ट्रंप पर क्या बोले फरीद जकारिया!
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 25 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 7:27 AM IST

"अमेरिका (America) के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पास वफादारों की एक टीम है, जो उनके विजन के साथ बारीकी से जुड़ी हुई है. ये टीम स्थापित हस्तियों या जनरलों की जांच के बिना उनके एजेंडे को लागू करने के लिए तैयार है." ये बातें सीनियर जर्नलिस्ट और जियोपॉलिटिकल एनालिस्ट फरीद जकारिया ने आजतक के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल से बातचीत करते हुए कहा. 

Advertisement

जकारिया ने कहा कि पहले ट्रंप प्रशासन की विशेषता यह थी कि कई जनरल और अधिकारी राष्ट्रपति के महत्वाकांक्षी एजेंडे को संस्थागत और संवैधानिक विचारों के साथ संतुलित करके सुरक्षा देते थे.

'हम यह पक्के तौर पर जानते हैं...'

फरीद जकारिया ने कहा, "जब 2016 में पहली बार ट्रंप जीते थे, तो उन्हें नहीं लगा था कि वे जीतेंगे. हम यह बात पक्के तौर पर जानते हैं. वे राष्ट्रपति पद पर पहुंचे और अपने साथ दो बहुत ही महत्वपूर्ण लोगों के ग्रुप लेकर गए, जो सुरक्षा की भूमिका निभाते हैं. उनके पहले चीफ ऑफ स्टाफ को याद करें, जो रिपब्लिकन नेशनल कमेटी के अध्यक्ष रेन्स प्रीबस थे, जिन्हें वे मुश्किल से जानते थे."

फरीद जकारिया ने कहा, "उन्होंने (ट्रंप ने) तीन या चार जनरलों को इसलिए लाया क्योंकि वे उनकी प्रशंसा करते हैं और उन्हें लगता है कि वे उनके विजन को आगे बढ़ाने में उनकी मदद करेंगे. दोनों मामलों में, उन्होंने जो पाया, जिसके बारे में मैं अब उनके नजरिए से बात करने जा रहा हूं, वह यह है कि वे मूल रूप से ट्रंप के प्रति वफादार नहीं थे. ट्रंप 2.0 में इनमें से कोई भी व्यक्ति नहीं है. रिपब्लिकन प्रतिष्ठान के कोई सदस्य नहीं हैं, कोई जनरल नहीं हैं."

Advertisement

उन्होंने कहा, "आपने देखा होगा कि ये सभी लोग हैं, जिन्होंने ट्रंप के प्रति पूर्ण समर्पण और निष्ठा व्यक्त की है. इसका मतलब यह है कि आप ट्रंप के एजेंडे को यथासंभव लागू होते देखेंगे." 

यह भी पढ़ें: एक्शन में ट्रंप प्रशासन! गल्फ ऑफ मेक्सिको अब कहलाएगा 'गल्फ ऑफ अमेरिका', इस पहाड़ का भी बदला नाम

'बहुत ज्यादा परिवर्तनशीलता...'

कनाडा पर ट्रंप की टैरिफ धमकियों और पड़ोसी देश को '51वां राज्य' बनाने के उनके हमले का जिक्र करते हुए जकारिया ने कहा कि 'उलटफेर करना' और 'लोगों को परेशान करना' ट्रंप को पसंद है.

उन्होंने कहा, "ट्रंप के पास बहुत कम निश्चित राजनीतिक विचार हैं और उन्होंने कहा कि वे अपना विचार बदलते रहते हैं, जबकि उन्होंने पदभार ग्रहण करने से कुछ घंटे पहले चीनी वीडियो-शेयरिंग ऐप TikTok को बहाल करने में अपने हस्तक्षेप का हवाला दिया."

जकारिया ने कहा, "ट्रंप के ज्यादातर राजनीतिक विचार बहुत कम तय हैं. मुझे लगता है कि उनके स्तर के राजनेता के लिए यह बहुत ही असामान्य बात है. उनमें बहुत ज्यादा परिवर्तनशीलता है. आप जानते हैं, वह किसी चीज के बारे में अपना विचार बदल सकते हैं. मुझे लगता है कि यह ध्यान देने योग्य बात है."

उन्होंने कहा, "तो, ट्रंप वही शख्स हैं, जिन्होंने अपने पहले कार्यकाल में आदेश जारी करके TikTok पर बैन लगाया था और उनके समर्थक खुश हुए. दोबारा आने के बाद TikTok पर से बैन हटाया और उनके समर्थक खुश हुए. वैसे, प्रतिबंध हटाने की घटना भी शायद वास्तव में न हो. मैंने ऐसा पहले कभी नहीं देखा. मेरा मतलब है, यह आदमी लगभग किसी भी चीज पर अपना रुख बदल सकता है और उसका समर्थक कहेगा, हम तुम्हारा समर्थन करते हैं."

Advertisement

यह भी पढ़ें: ट्रंप ने अवैध प्रवासियों को रोकने में झोंक दी ताकत, मेक्सिको बॉर्डर पर भेजे 1500 सैनिक, टैंक और हेलिकॉप्टर

'भारत के लिए अच्छा समझौता...'

जकारिया ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी में निरंतरता और गहराई बनी रहेगी. ट्रंप, भारत के साथ एक अच्छा समझौता चाहते हैं, जिससे भारतीय बाजार में ज्यादा अमेरिकी निर्यात को छूट मिल सके.

उन्होंने आगे कहा कि ट्रंप बस अमेरिका और भारत के बीच एक अच्छा समझौता चाहते हैं. मुझे लगता है कि भारत के लिए अपनी सीमाओं को और अधिक खोलना अच्छा होगा. भारत के विनिर्माण में तेजी से आगे न बढ़ पाने का एक कारण यह है कि इसमें कई संरक्षणवादी बाधाएं हैं. भारत में मैन्युफैक्चरिंग की लागत बहुत ज्यादा है. अगर ट्रंप के दबाव से भारत थोड़ा सा खुल जाता है, तो यह भारत के लिए अच्छा है."

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement