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वाशिंगटन: बंदूक नीति में बदलाव को लेकर सड़कों पर उतरे 5 लाख छात्र

इस मार्च का नाम 'March For Our Lives' दिया गया है. छात्र संगठनों के अलावा इसमें कई एनजीओ भी भाग ले रहे हैं. कई यूनिवर्सिटी और स्कूलों के छात्रों की मांग है कि गन नीति को बदला जाए और देश का नेतृत्व इसपर कोई बड़ा फैसला ले.

बंदूक नीति के खिलाफ सड़कों पर उतरे छात्र बंदूक नीति के खिलाफ सड़कों पर उतरे छात्र
मोहित ग्रोवर
  • वाशिंगटन,
  • 25 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 7:26 AM IST

अमेरिका के फ्लोरिडा में बीते दिनों स्कूल में हुई गोलीबारी की घटना ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया था. अब अमेरिका की बंदूक नीति के खिलाफ छात्रों ने मोर्चा संभाला है. रविवार को वाशिंगटन में यूएस कैपिटल के सामने लाखों छात्रों ने 'गन नीति' के विरोध में प्रदर्शन किया. इस दौरान सड़कें पूरी तरह से छात्रों की भीड़ से भर गईं.

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इस मार्च का नाम 'March For Our Lives' दिया गया है. छात्र संगठनों के अलावा इसमें कई एनजीओ भी भाग ले रहे हैं. कई यूनिवर्सिटी और स्कूलों के छात्रों की मांग है कि गन नीति को बदला जाए और देश का नेतृत्व इसपर कोई बड़ा फैसला ले. छात्र इस दौरान कई तरह के प्लेकार्ड लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. इनमें से ही एक था 'हमारा मताधिकार ही हमारा हथियार हो'.

व्हाइट हाउस की तरफ से भी इस मार्च की तारीफ की गई है. व्हाइट हाउस प्रवक्ता लिंडसे वॉल्टर्स ने कहा कि छात्रों का इस तरह मार्च निकालना एक ऐतिहासिक घटना है. हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से इस पर कोई बयान नहीं आया है. व्हाइट हाउस की तरफ से कहा गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति बच्चों की सुरक्षा को लेकर तत्पर हैं.  

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इस मार्च में छात्रों के अलावा कई अभिभावक, बड़ी हस्तियां भी शामिल हुईं. इसके अलावा कई हॉलीवुड कलाकारों ने सोशल मीडिया के जरिए छात्रों का समर्थन किया. प्रदर्शन के दौरान छात्र गोलीबारी की घटनाओं में मारे गए छात्रों की तस्वीर और उनके नाम लिखे हुए कॉस्ट्यूम पहने हुए हैं.

मिला ओबामा का साथ

छात्रों के इस मार्च का समर्थन पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी किया. ओबामा ने ट्वीट किया कि वह और मिशेल बच्चों की मांग के साथ हैं. जिस तरह छात्र अपनी मांग को लेकर आवाज़ उठा रहे हैं, उससे हमें प्रेरणा मिलती है.

गौरतलब है कि अमेरिका में लगभग हर घर में बंदूक है. यही कारण है कि पिछले कुछ सालों में बंदूक के गलत इस्तेमाल की घटनाएं सामने आई हैं. अभी मार्च की शुरुआत में ही एक 9 साल के लड़के ने अपनी बड़ी बहन को गोली मार दी थी. वहीं अलाबामा के हाई स्कूल में एक छात्र के द्वारा की गई गोलीबारी में एक छात्रा की मौत हो गई थी.

बता दें कि फरवरी में अमेरिका के फ्लोरिडा के स्कूल में हुई गोलीबारी ने हर किसी को हैरान कर दिया था. इसमें 17 लोगों की मौत हुई थी, जिसमें कुछ छात्र भी शामिल थे. इससे पहले पिछले साल भी एक व्यक्ति ने म्यूजिक कॉन्सर्ट में अंधाधुंध फायरिंग की थी, जिसमें 59 लोगों की जान गई थी. अमेरिका में कई भारतीय समुदाय के लोगों पर भी जानलेवा हमला हो चुका है. 

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एक अमेरिकी एजेंसी के सर्वे के मुताबिक, करीब 40 फीसदी अमेरिकी ये मानते हैं कि उनके पास बंदूक है. 2016 में अमेरिका में सिर्फ बंदूक के कारण ही 11 हज़ार मौतें हुई थीं. दुनिया में होने वाली गोलीबारी की घटनाओं में 64 फीसदी अकेले अमेरिका में ही होती हैं.

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