
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह अली खामेनेई को एक चिट्ठी भेजकर उनके साथ नए परमाणु समझौते की बातचीत की इच्छा जाहिर की है. यह चिट्ठी गुरुवार को भेजी गई थी, जिसमें ट्रंप ने ईरान के साथ बातचीत करने की उम्मीद जताई. एक इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा, "मैंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि आप बातचीत करेंगे, क्योंकि यह ईरान के लिए अधिक लाभकारी होगा."
राष्ट्रपति ट्रंप का मानना है कि ईरान नए परमाणु समझौते में शामिल होना चाहेगा, क्योंकि इसका दूसरा विकल्प अमेरिका के लिए कुछ कदम उठाने की जरूरत होगी. ट्रंप ने स्पष्ट किया है कि किसी दूसरे परमाणु हथियार को विकसित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. ऐसा माना जा रहा है कि यह चिट्ठी ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई के नाम भेजा गया था.
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परमाणु हथियार नहीं बनाने दे सकते- ट्रंप
ट्रंप ने इंटरव्यू में कहा, "मैंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि आप बातचीत करेंगे, क्योंकि यह ईरान के लिए बहुत बेहतर होगा." उन्होंने आगे कहा, "मुझे लगता है कि वे उस पत्र को प्राप्त करना चाहते हैं. दूसरा विकल्प यह है कि हमें कुछ करना होगा, क्योंकि आप एक और परमाणु हथियार नहीं बनाने दे सकते."
परमाणु कार्यक्रम के मसले को हल करने के लिए रूस का साथ
इस बीच, रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम के इर्द-गिर्द की स्थिति को हल करने के लिए ईरानी राजदूत काजेम जलीली के साथ अंतरराष्ट्रीय कोशिशों पर भी चर्चा की. रूस के विदेश मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को यह जानकारी दी गई.
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डोनाल्ड ट्रंप का यह पहल ईरान के साथ उस तनाव को कम करने की दिशा में एक अहम कदम हो सकता है जो पिछले महीनों से जारी है.
वैश्विक शांति की पहल का हिस्सा हो सकता है ट्रंप का लेटर
संभावना है कि यह चिट्ठी और बातचीत का प्रस्ताव ईरान को नए परमाणु हथियार विकसित करने से रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बढ़ते कोशिशों का हिस्सा है. ईरान और अमेरिका के बीच यह संभावित बातचीत वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए एक अहम पहलू हो सकता है.