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काबुल पर US एयरस्ट्राइक में 5 बच्चों समेत 9 निर्दोष मारे गए, अमेरिका ने मानी गलती, कहा-दुख है

काबुल एयरपोर्ट पर किए गए हमले के आरोपियों को निशाना बनाने के लिए की गई इस एयरस्ट्राइक में कई बच्चों समेत आम नागरिकों की मौत हुई है. अब अमेरिका के पेंटागन (Pentagon) ने इस बात को स्वीकारा है कि उनकी एयरस्ट्राइक में आम लोगों की भी जान गई है. 

अफगानिस्तान छोड़ रहे हैं अमेरिकी सैनिक (फोटो: PTI) अफगानिस्तान छोड़ रहे हैं अमेरिकी सैनिक (फोटो: PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 30 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 9:43 AM IST
  • काबुल में अमेरिका ने की एयरस्ट्राइक
  • ISIS-K के आतंकियों को बनाया निशाना
  • एयरस्ट्राइक में कई आम लोगों की जान गई

अफगानिस्तान (Afghanistan) छोड़ने से पहले अमेरिका (America) ने काबुल पर एयरस्ट्राइक की हैं. काबुल एयरपोर्ट पर किए गए हमले के आरोपियों को निशाना बनाने के लिए की गई इस एयरस्ट्राइक में कई बच्चों समेत आम नागरिकों की मौत हुई है. अब अमेरिका के पेंटागन (Pentagon) ने इस बात को स्वीकारा है कि उनकी एयरस्ट्राइक में आम लोगों की भी जान गई है. 

अमेरिकी सेंट्रल कमांड के प्रवक्ता द्वारा जानकारी दी गई कि हमें मालूम है कि हमारी स्ट्राइक में आम लोगों की भी जान गई है. हम अभी भी स्ट्राइक के रिजल्ट को जज कर रहे हैं, हमारा मकसद ISIS-K के आतंकियों को मारना था, जिसमें हम सफल हुए हैं.

अमेरिकी सेट्रंल कमांड की ओर से कहा गया है कि अगर स्ट्राइक में किसी निर्दोष की जान गई है, तो हमें उसके लिए काफी दुख है. 

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विस्फोटक से भरे वाहन को बनाया निशाना

आपको बता दें कि रविवार को अमेरिका सेना द्वारा काबुल एयरपोर्ट के पास एयरस्ट्राइक की गई थी. इस एयरस्ट्राइक में एक वाहन को निशाना बनाया गया था. दावा है कि ये वाहन विस्फोटकों से भरा हुआ था, जिसका मकसद काबुल एयरपोर्ट पर तबाही मचाना था. 

अमेरिकी सेना ने एयरस्ट्राइक कर इसी वाहन को निशाना बनाया, जिससे हुए धमाके में आसपास मौजूद कई लोगों की जान गई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, करीब नौ आम लोगों की इस स्ट्राइक में जान चली गई है जिसमें कुछ बच्चे भी शामिल हैं. CNN के मुताबिक, करीब पांच बच्चे ऐसे हैं जिनकी उम्र 10 साल से कम है उनकी इस स्ट्राइक में जान गई है. 

गौरतलब है कि अमेरिकी सेना 31 अगस्त तक अफगानिस्तान छोड़ने का मन बना चुकी है. पिछले दो दिनों में अमेरिका ने यहां से निकलने की स्पीड बढ़ा दी है, एक दिन में हज़ारों लोगों को निकाला जा रहा है जिसमें यहां पर तैनात अमेरिकी सैनिक भी शामिल हैं. 

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