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यमन में अमेरिका की ताबड़तोड़ एयरस्ट्राइक, हूतियों के हथियार गोदाम और मिसाइल प्लेटफॉर्म किए तबाह

ये हमला ऐसे समय में हुआ है जब एक दिन पहले ही व्हाइट हाउस ने तेहरान को चेतावनी देते हुए कहा था कि उसे अमेरिका को गंभीरता से लेना होगा और हूती की ओर से हर हमले के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया जाएगा.

यमन में अमेरिका की एयरस्ट्राइक. यमन में अमेरिका की एयरस्ट्राइक.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 20 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 6:58 AM IST

यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर अमेरिका की एयरस्ट्राइक जारी है. बुधवार देर रात भी अमेरिका ने यमन में हूती विद्रोहियों के मिसाइल प्लेटफॉर्म और हथियारों के कई गोदामों पर ताबड़तोड़ हवाई हमले किए. ये हमला ऐसे समय में हुआ है जब एक दिन पहले ही व्हाइट हाउस ने तेहरान को चेतावनी देते हुए कहा था कि उसे अमेरिका को गंभीरता से लेना होगा और हूती की ओर से हर हमले के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया जाएगा. वहीं, हूतियों ने अमेरिका को खुला चैलेंज दिया था.

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व्हाइट हाउस की ओर से बयान में कहा गया है कि यमन में हो रहे हमले को लेकर ट्रंप का इरादा पक्का है और उनकी चेतावनियों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए. दरअसल, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि वे यमन के तेहरान समर्थित हूती विद्रोहियों द्वारा भविष्य में किए जाने वाले किसी भी हमले के लिए सीधे तौर पर ईरान को जिम्मेदार ठहराएंगे.

हूती विद्रोहियों पर अमेरिका की एयरस्ट्राइक पिछले कई दिनों से जारी है. इसके जवाब में हूतियों ने लाल सागर में अमेरिकी जहाजों को निशाना बनाने की धमकी दी है. 

बताया जाता है कि हूती विद्रोहियों के पास करीब 1 से 1.5 लाख लड़ाके हैं. इनके पास कई खतरनाक हथियार भी हैं, जिनमें ड्रोन और मिसाइल शामिल हैं. कई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हूतियों के पास एक हजार से ज्यादा ईरानी मिसाइल हैं और हूती विद्रोहियों को हिज्बुल्लाह ट्रेनिंग भी देता है.

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यह भी पढ़ें: 'हमले का जवाब हमले से, यमनी सेना पूरी तरह तैयार...', ट्रंप की एयरस्ट्राइक के बाद हूती का खुला चैलेंज

लाल सागर में हूतियों ने किए कई हमले

नवंबर 2023 से हूतियों ने इंटरनेशनल शिपिंग्स पर 100 से अधिक हमले किए, जिससे वैश्विक व्यापार को काफी नुकसान हुआ. हूतियों का कहना है कि ये हमले गाजा में इजरायल-हमास युद्ध के चलते फिलिस्तीनियों के समर्थन में किए. आपको बता दें कि यमन में सबसे ज्यादा ताकतवर हूती विद्रोही ही हैं. अब्दरब्बुह मंसूर हादी ने प्रेसिडेंशियल लीडरशिप काउंसिल को शक्ति सौंप दी थीं. ये काउंसिल सऊदी अरब से काम करती है. इसको ही यमन की आधिकारिक सरकार माना जाता है. ये भी माना जाता है कि हूती विद्रोही ही यमन को चलाते हैं. ये उत्तरी यमन में टैक्स वसूलते हैं. इनकी अपनी करंसी भी है.

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