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PAK की मदद पर एस. जयशंकर की लताड़ पर अमेरिका ने दिया जवाब, कहा- दोनों देश ही हमारे सहयोगी

पाकिस्तान को यूएस की ओर से एफ-16 फाइटर जेट मेंटेनेंस के नाम पर मिली 450 मिलियन डॉलर की आर्थिक मदद को लेकर भारत के विदेश मंत्री एस जयंशकर ने तीखा बयान दिया है. एस जयशंकर ने कहा कि सभी जानते हैं कि एफ-16 का इस्तेमाल कहां और किसके लिए किया जा रहा है. जय शंकर के बयान पर अमेरिका ने प्रतिक्रिया दी है.

फोटो- भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर फोटो- भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 27 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 1:53 PM IST

पाकिस्तान को सुरक्षा उपकरणों के रखरखाव के नाम पर 450 मिलियन डॉलर फंड देने के मामले में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने तीखा बयान दिया, जिस पर अमेरिका की ओर से प्रतिक्रिया आई है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि हम भारत और पाकिस्तान, दोनों को ही अलग-अलग सहयोगी के रूप में देखते हैं. 

नेड प्राइस ने कहा, हम भारत और पाकिस्तान से अपने संबंधों को उस लिहाज से नहीं देखते हैं कि उन दोनों देशों के संबंध एक दूसरे के साथ कैसे हैं. प्राइस ने आगे कहा कि दोनों ही देश हमारे सहयोगी हैं, और अमेरिका दोनों को सहयोगी के रूप में देखता भी है क्योंकि कई मामलों में हमारे साझे मूल्य और साझे हित हैं. नेड प्राइस ने आगे कहा कि अमेरिका इन दोनों पड़ोसी देशों के रिश्तों में भी सकारात्मकता देखने के लिए हर कोशिश करना चाहता है.

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क्या बोले विदेश मंत्री एस जयशंकर
वॉशिंगटन में भारतीय-अमेरिकन की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में एफ-16 मेंटेनेंस पैकेज को लेकर एक सवाल का जवाब देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हर किसी को पता है कि एफ-16 फाइटर विमानों का इस्तेमाल कहां और किसके लिए होता है. एस जयशंकर ने आगे कहा कि इस तरह की बात कहकर आप किसी को बेवकूफ नहीं बना सकते हैं. 

तालिबान और पाकिस्तान पर क्या बोले नेड प्राइस
अफगानिस्तान में सत्ता पर काबिज होने के लिए पाकिस्तान की ओर से तालिबान को की गई मदद को लेकर सवाल पर प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि जब भी बात हमारे सुरक्षा सहयोगियों की आती है, तो हम उनकी गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखते हैं.

नेड प्राइस ने आगे कहा कि वे यह बात विस्तार से बताने की स्थिति में नहीं हैं कि पाकिस्तान की तालिबान को मदद को लेकर जांच में अमेरिका को क्या मिला, लेकिन जितना उनका मानना है, इस मामले में पहले जो सेक्रेटरी ने कहा था, वो अभी तक सच है, कि अफगानिस्तान में हिंसा और अस्थिरता देखना पाकिस्तान के हित में नहीं था. 

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अमेरिका अपने पाकिस्तानी सहयोगियों से अफगानिस्तान के लोगों के सपोर्ट के लिए अक्सर बात करता रहा है. अमेरिका लगातार कोशिश कर रहा है कि वहां पर मानवीय परिस्थितियों को सुधारा जाए. हम यह भी देख रहे हैं कि तालिबान ने जो वादे किए हैं, वो उसे पूरा कर रहा है या नहीं.

नेड प्राइस ने कहा कि इसी तरह के कुछ वादों से पाकिस्तान भी बंधा हुआ है, जिसमें आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई, अफगानिस्तान के लोगों के लिए किए गए वादे शामिल हैं. ऐसे में अगर तालिबान इन वादों को पूरा नहीं कर पाता है तो इसका असर पाकिस्तान पर भी होगा. 

पाकिस्तान को अमेरिका ने दिए 450 मिलियन डॉलर 
हाल ही में अमेरिका ने पाकिस्तान को 450 मिलियन डॉलर की आर्थिक सहायता को मंजूरी दी थी. अमेरिका का कहना था कि यह सहायता पाकिस्तान को एफ-16 फाइटर जेट फ्लीट समेत अन्य सुरक्षा उपकरणों के रखरखाव के लिए दी गई है. अमेरिका की ओर से कहा गया कि इस आर्थिक पैकेज में किसी भी तरह का नया हथियार या सुरक्षा मजबूती शामिल नहीं है. 

अमेरिका की पाकिस्तान को आर्थिक मदद पर भारत की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया मिली थी. कुछ दिनों पहले ही अमेरिका ने इस मामले में सफाई भी दी थी और कहा था कि यूएस की ओर से पाकिस्तान को यह मदद, भारत को किसी तरह का संदेश देने के लिए नहीं की गई थी, क्योंकि उसके रूस के साथ संबंध हैं. व्हाइट हाउस की ओर से दिए गए बयान में आगे कहा गया कि यह मदद सिर्फ रखरखाव के लिए दी गई थी.

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