Advertisement

US ने पाकिस्तान को बताया चिंता वाला देश, PAK बोला- भारत का नाम क्यों नहीं?

अमेरिका ने हाल ही में धार्मिक स्वतंत्रता के गंभीर उल्लंघन को लेकर दस देशों की लिस्ट जारी की थी. अमेरिका ने चीन और पाकिस्तान समेत 10 देशों को विशेष चिंता वाले देशों के रूप में नामित किया था. पाकिस्तान ने अब अमेरिका की इस लिस्ट को लेकर प्रतिक्रिया दी है. पाकिस्तान ने इसे खारिज करते हुए कहा है कि ये मनमाना आकलन है.

इमरान खान और शी जिनपिंग फोटो क्रेडिट: रॉयटर्स इमरान खान और शी जिनपिंग फोटो क्रेडिट: रॉयटर्स
aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 19 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 8:07 PM IST
  • अमेरिका ने जारी की थी धार्मिक स्वतंत्रता से जुड़ी देशों की लिस्ट
  • अमेरिका की इस लिस्ट से भड़के चीन और पाकिस्तान

अमेरिका ने हाल ही में धार्मिक स्वतंत्रता के गंभीर उल्लंघन को लेकर दस देशों की लिस्ट जारी की थी. अमेरिका ने चीन और पाकिस्तान समेत 10 देशों को विशेष चिंता वाले देशों के रूप में नामित किया था. पाकिस्तान ने अब अमेरिका की इस लिस्ट को लेकर प्रतिक्रिया दी है. पाकिस्तान ने इसे खारिज करते हुए कहा है कि ये मनमाना आकलन है. बता दें कि पिछले कुछ समय से अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्तों में खटास देखने को मिली है. 

Advertisement

पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता असीम इफ्तिखार अहमद ने इस मामले में बात करते हुए कहा कि पाकिस्तान को विशेष चिंता वाला देश घोषित करना जमीनी हकीकत से परे है और उनके इस बयान की विश्वसनीयता पर गंभीर संदेह पैदा हुआ है. अहमद ने कहा कि पाकिस्तानी समाज अंतर-धार्मिक सद्भाव की परंपरा के साथ ही साथ बहु-धार्मिक भी है. धार्मिक स्वतंत्रता और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की सुरक्षा की गारंटी नीतियों, प्रशासनिक उपायों और संविधान द्वारा दी जाती है.

उन्होंने आगे कहा कि हमारा मानना है कि असहिष्णुता, भेदभाव, जेनोफोबिया और इस्लामोफोबिया की बढ़ती प्रवृत्ति के खात्मे के लिए वैश्विक स्तर पर सहयोग की आवश्यकता है. गौरतलब है कि पाकिस्तान अल्पसंख्यकों के साथ व्यवहार के अलावा अपने देश से आतंकी अभियानों को रोकने में नाकाम रहने पर भी आलोचना का सामना करता रहा है. इसके अलावा आतंकवाद से संबंधित मुद्दों को हल करने में सक्षम नहीं होने के कारण राष्ट्र वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) की ग्रे सूची में भी बना रहा है.

Advertisement

पाकिस्तान ने पूछा, भारत का नाम इस लिस्ट में क्यों नहीं?

पाकिस्तान ने इस सूची में भारत का नाम ना होने पर आपत्ति भी जताई है. पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता आसिम इफ्तिखार ने कहा कि भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा में भारत सरकार की भूमिका को लेकर सब जानते हैं. उन्होंने कहा कि भारत में गोरक्षक भारतीय मुसलमानों पर हमले करते हैं और उनकी मॉब लिंचिंग होती है और अपराधियों को पूरी छूट दी जाती है. हिंदुत्व से प्रेरित भारत में मुसलमानों के खिलाफ व्यवस्थित प्रदर्शन और हिंसा आम बात हो गई है. उन्होंने जम्मू-कश्मीर में धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन का भी आरोप लगाया और अमेरिका पर भारत में अल्पसंख्यकों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार को नजरअंदाज करने की बात कही.

चीन ने भी की अमेरिका की इस लिस्ट की आलोचना

पाकिस्तान ही नहीं बल्कि चीन ने भी अमेरिका की इस लिस्ट को लेकर आलोचना की है. चीन ने अमेरिका पर आरोप लगाया कि ये देश दूसरे देशों के अंदरुनी मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए आमतौर पर धार्मिक मुद्दों का ही उपयोग करता है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने इस मुद्दे पर कहा कि चीन की सरकार कानून के मुताबिक नागरिकों की धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करती आई है. चीन इन निराधार आरोपों का विरोध करता है. ये देश की धार्मिक स्वतंत्रता को बदनाम करने की कोशिश है.

Advertisement

गौरतलब है कि अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने एक बयान में कहा था कि म्यांमार, चीन, इरिट्रिया, ईरान, उत्तर कोरिया, पाकिस्तान, रूस, सऊदी अरब, ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान को धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर गंभीर उल्लंघनों में शामिल होने या सहन करने के लिए विशेष चिंता वाले देशों के रूप में नामित किया जा रहा है. इसके अलावा अल्जीरिया, कोमोरोस, क्यूबा और निकारागुआ जैसे देशों को विशेष निगरानी लिस्ट में रखा जा रहा है जहां धार्मिक स्वतंत्रता के गंभीर उल्लंघन के मामले देखे जा रहे हैं.

ब्लिंकन ने बताया है कि अल-शबाब, बोको हराम, हयात तहरीर अल-शाम, हौथिस, इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया, इस्लामिक स्टेट-ग्रेटर सहारा, इस्लामिक स्टेट-पश्चिम अफ्रीका, जमात नस्र अल-इस्लाम वाल-मुस्लिमिन और तालिबान को विशेष चिंता की संस्थाओं के तौर पर नामित किया है. उन्होंने कहा, हम सभी सरकारों पर लगातार दबाव बनाते रहेंगे कि वो अपने कानूनों में धार्मिक आजादी को बचाए रखने के लिए जरूरी बदलाव लाएं और इसका उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करें. 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement