
297 दिन बाद इजरायल ने सबसे बड़े आतंकी हमले का बदला ले लिया. इजरायल ने ईरान में घुसकर हमास चीफ को मार गिराया. इजरायल ने हमास के मुखिया इस्माइल हानिया को तेहरान में घुसकर ढेर कर दिया. दरअसल, इजरायल और फिलिस्तीन के विवाद में इस्माइल हानिया एक ऐसा नाम था, जिसने पिछले तीन दशकों से फिलिस्तीन और हमास के मकसद की मशाल को जलाए रखा था. यहां तक कि 7 अक्टूबर 2023 को हुए बेहद बर्बर और कायराना आतंकवादी हमले के बावजूद इस्माइल हानिया ने इजरायल के खिलाफ फिलिस्तीन की जंग में हिंसक प्रतिरोध का रास्ता छोड़ने से साफ मना कर दिया. नतीजा हुआ कि इस्माइल हानिया ही नहीं तकरीबन उसका पूरा खानदान साफ हो गया.
9 महीनों से फिलिस्तीन पर इजरायल का कहर टूट रहा है. इजरायल ने गाजा पट्टी को कब्रिस्तान में तब्दील करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. गाजा पर जब जब इजरायल ने बारूदों का विस्फोट किया, तब-तब इस्माइल हानिया के खानदान का नाश हुआ. 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल में हमास आतंकवादियों की ओर से किए गए नरसंहार के बाद इजरायली सेना के टॉप टारगेट पर था इस्माइल हानिया. इस्माइल हानिया खुद तो गाजा से दूर कतर में महफूज जिंदगी गुजार रहा था लेकिन यहां फिलिस्तीन में एक एक करके उसका खानदान खत्म होता जा रहा था.
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अब जब इजरायल ने घर में घुसकर दुश्मन का खात्मा कर दिया है तो इसको लेकर दुनिया भर के देशों की अलग-अलग प्रतिक्रिया भी सामने आ रही है. जहां एक तरफ कुछ देश इजरायल का सपोर्ट कर रहे हैं तो वहीं चीन-रूस जैसे देशों ने विरोध जताया है. इजरायल के इस एक्शन के बाद ईरान ने विरोध में कोम में जामकरन मस्जिद के गुंबद पर लाल झंडा लगा दिया है. यह लाल झंडा बदला लेने का एक प्रतीक माना जाता है, जो बढ़ते तनाव और इजरायल के खिलाफ संभावित जवाबी हमले का संकेत है.
ईरान ने इजरायल को दी चेतावनी
इजरायल के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान, जिनके शपथ ग्रहण समारोह का जश्न मनाने के लिए हनीया तेहरान में थे, ने एक्सटीवी पर एक पोस्ट में कहा, "इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान अपनी क्षेत्रीय अखंडता, सम्मान, गौरव और गरिमा की रक्षा करेगा तथा आतंकवादी आक्रमणकारियों को उनकी कायरतापूर्ण कार्रवाई पर पछतावा कराएगा."
वहीं ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के एक बयान में कहा गया, "आपराधिक और आतंकवादी ज़ायोनी शासन ने हमारे घर में हमारे प्रिय अतिथि को शहीद कर दिया और हमें दुखी कर दिया, लेकिन उसने अपने लिए कठोर सजा भी तैयार कर ली है."
फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने इसकी कड़ी निंदा की और इसे "कायरतापूर्ण कृत्य और ख़तरनाक घटना" बताया. राष्ट्रपति ने फिलिस्तीनियों से एकजुट होने और इजरायली कब्जे के सामने धैर्य और दृढ़ता बनाए रखने का आह्वान भी किया.
इजरायल को मिला अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया का साथ
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका को हनीया की मौत के बारे में कोई जानकारी नहीं है और वह इसमें शामिल भी नहीं है. उन्होंने युद्ध विराम तथा गाजा में हमास द्वारा बंदी बनाए गए इजरायलियों की रिहाई की अपनी मांग दोहराई.
हालांकि रिपोर्ट्स की मानें तो अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अगर इजराइल पर हमला होता है तो अमेरिका उसकी मदद करेगा. जब ऑस्टिन ये पूछा गया कि क्या हानिया की हत्या में इजराइल का हाथ है और क्या अमेरिका को जानकारी थी? इस पर ऑस्टिन ने कहा कि उनके पास कोई जानकारी नहीं है.
वहीं इसको लेकर ऑस्ट्रेलिया ने भी इजरायल का समर्थन किया है. ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्ल्स ने कहा, "यह व्यक्ति 7 अक्टूबर को हुई गतिविधियों का मुख्य केंद्र था, ऐसी गतिविधियां जिनकी हम लगातार निंदा करते रहे हैं. इसके बावजूद, हम लगातार मध्य पूर्व में युद्ध विराम की वकालत करते रहे हैं ताकि जो तबाही मची हुई है, उसका अंत हो सके. हम निश्चित रूप से यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हम इसमें वृद्धि न देखें. क्योंकि इसके परिणाम बहुत गंभीर होंगे."
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इन देशों ने जताया विरोध
उधर, चीन ने इजरायल के इस कदम की निंदा की. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा, "हम इस घटना को लेकर बेहद चिंतित हैं और हत्या का दृढ़ता से विरोध और निंदा करते हैं. गाजा में जल्द से जल्द एक व्यापक और स्थायी युद्धविराम स्थापित होना चाहिए."
मिस्र के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "इस क्षेत्रीय तनाव का गाजा में युद्ध विराम वार्ता में प्रगति की कमी के साथ संयोग से स्थिति की जटिलता बढ़ जाती है और इसे शांत करने के लिए इजरायल की राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी का संकेत मिलता है. यह गाजा पट्टी में युद्ध को रोकने और फिलिस्तीनी लोगों की मानवीय पीड़ा को समाप्त करने के लिए मिस्र और उसके सहयोगियों द्वारा किए गए कठोर प्रयासों को कमजोर करता है."
मलेशिया के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "मलेशिया इस हत्या की तत्काल और गहन जांच करने और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाने का आग्रह करता है. मलेशिया सभी पक्षों से यह भी आग्रह करता है कि हत्या से जुड़े तथ्यों की पुष्टि होने तक संयम बरतें. यह घटना तनाव कम करने की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करती है और सभी पक्षों के लिए रचनात्मक बातचीत में शामिल होने और शांतिपूर्ण समाधान की आवश्यकता को पुष्ट करती है."
कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी, जिन्होंने कतर के मध्यस्थता प्रयासों का नेतृत्व किया है, ने एक्स पर लिखा, "गाजा में बातचीत जारी रहने के दौरान राजनीतिक हत्याएं और नागरिकों को लगातार निशाना बनाया जाना हमें यह सवाल करने पर मजबूर करता है कि जब एक पक्ष दूसरे पक्ष के वार्ताकार की हत्या कर देता है तो मध्यस्थता कैसे सफल हो सकती है? शांति के लिए गंभीर भागीदारों की आवश्यकता है."
रूस के उप विदेश मंत्री मिखाइल बोगदानोव ने कहा, "यह पूरी तरह से अस्वीकार्य राजनीतिक हत्या है और इससे तनाव और बढ़ेगा."
वहीं तुर्की के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि हनीयेह की हत्या एक बार फिर दिखाती है कि इजरायल की नेतन्याहू सरकार का शांति स्थापित करने का कोई इरादा नहीं है. अगर अंतरराष्ट्रीय समुदाय इजरायल को रोकने के लिए कार्रवाई नहीं करता है तो इस क्षेत्र को और भी बड़े संघर्षों का सामना करना पड़ेगा."
श्रीलंका की राष्ट्रपति मीडिया सेवा ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने हमास के राजनीतिक नेता इस्माइल हनीयेह की हत्या की कड़ी निंदा की और स्पष्ट रूप से कहा कि वह इस तरह की कार्रवाइयों को कभी भी उचित नहीं ठहराएंगे."