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'इमरान खान को हटाओ नहीं तो...', अमेरिका ने पाकिस्तान को दी थी धमकी! लीक डॉक्यूमेंट में बड़ा खुलासा

पाकिस्तानी सरकार के सीक्रेट डॉक्यूमेंट के लीक होने से पता चला है कि रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के दिन इमरान खान रूस में थे जिससे अमेरिका बेहद नाराज हुआ था. युद्ध में पाकिस्तान के तटस्थ रुख से नाराज अमेरिका ने खान को सत्ता से हटाने की कसम खा ली थी और ऐसा हुआ भी.

इमरान खान आरोप लगाते रहे हैं कि उन्हें सत्ता से हटाने के पीछे अमेरिकी साजिश थी (Photo- AFP) इमरान खान आरोप लगाते रहे हैं कि उन्हें सत्ता से हटाने के पीछे अमेरिकी साजिश थी (Photo- AFP)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 10 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 5:18 PM IST

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान बार-बार ये आरोप लगाते रहे हैं कि उन्हें सत्ता से हटाने के पीछे अमेरिका का हाथ था. अब एक लीक डॉक्यूमेंट से यह खुलासा हुआ है कि रूस-यूक्रेन युद्ध में उनकी तत्कालीन सरकार के तटस्थ रुख के कारण अमेरिका ने उन्हें सत्ता से हटाने का आग्रह किया था.

द इंटरसेप्ट ने पाकिस्तानी सरकार के लीक गोपनीय डॉक्यूमेंट के हवाले से एक रिपोर्ट प्रकाशित की है जिससे पता चलता है कि रूस-यूक्रेन में युद्ध शुरू होने के कुछ दिनों बाद ही 7 मार्च 2022 को अमेरिका ने पाकिस्तानी राजदूत को बुलाया था. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के दो अधिकारियों और पाकिस्तान के तत्कालीन राजदूत असद मजीद खान के बीच में बातचीत हुई थी.
 
इस बैठक के एक महीने बाद पाकिस्तान की संसद में इमरान खान की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था जिसके कारण इमरान खान की सरकार गिर गई थी. माना गया है कि पाकिस्तान की आर्मी के दबाव में कई सांसदों ने इमरान खान के विरोध में मतदान किया और उन्हें सत्ता से बाहर कर दिया गया. 

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रिपोर्ट में कहा गया कि उसके बाद से ही पीटीआई प्रमुख इमरान खान और उनके समर्थक सेना और पाकिस्तान की मौजूदा सरकार के खिलाफ लड़ रहे हैं. इमरान खान ने इसके बाद की अपनी कई सभाओं में कहा है कि उन्हें सत्ता से हटाने में अमेरिका का हाथ है.

पाकिस्तान ने अमेरिका को भेजा था केबल, क्या था उसमें?

इंटरसेप्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी विदेश विभाग और पाकिस्तानी राजदूत की बैठक के दौरान पाकिस्तान को एक केबल भेजा गया था जिसका टेक्स्ट 'साइफर' के नाम से जाना जाता है. केबल में इमरान खान को सत्ता से हटाने के लिए अमेरिकी विदेश मंत्रालय की तरफ से किए जा रहे प्रयासों का खुलासा किया गया था.

अमेरिका ने पाकिस्तान से वादा किया था कि अगर इमरान खान को सत्ता से हटा दिया जाता है तो अमेरिका पाकिस्तान के साथ मधुर संबंध रखेगा और अगर ऐसा नहीं होता तो उसे अलग-थलग कर देगा.

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पाकिस्तानी सेना के एक सूत्र ने द इंटरसेप्ट को सीक्रेट डॉक्यूमेंट्स दिए हैं. सीक्रेट डॉक्यूमेंट में अमेरिकी विदेश मंत्रालय में दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के ब्यूरो सहायक सचिव डोनाल्ड लू और पाकिस्तान के तत्कालीन राजदूत असद मजीद खान के बीच बैठक का जिक्र है.

इमरान खान के रूस जाने से नाराज था अमेरिका

जिस दिन रूस ने यूक्रेन पर हमला किया, उस दिन इमरान खान रूस में थे. अमेरिका इमरान खान के इस दौरे से बेहद नाराज हुआ था.

Photo- Tass News Agency

पाकिस्तानी राजदूत के साथ बैठक से कुछ दिनों पहले 2 मार्च को सीनेट फॉरेन रिलेशन कमिटी की एक बैठक में लू से पाकिस्तान समेत दूसरे देशों के यूक्रेन पर अपनाए गए रुख को लेकर सवाल किया गया था.  जबाव में लू ने कहा था, 'प्रधानमंत्री इमरान खान ने हाल ही में रूस की यात्रा की है. हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री के इस फैसले को लेकर हम कैसे उनसे विशेष रूप से बातचीत करें.'

वहीं, पाकिस्तानी राजनयिक और अमेरिकी अधिकारियों की बैठक से ठीक एक दिन पहले इमरान खान ने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था, 'क्या हम तुम्हारे गुलाम हैं? तुम हमारे बारे में क्या सोचते हो? यही कि हम तुम्हारे गुलाम हैं और हम वही करेंगे जो तुम हमें करने के लिए कहोगे? हम रूस के दोस्त हैं और हम अमेरिका के भी दोस्त हैं. हम चीन के दोस्त हैं तो हम यूरोप के भी दोस्त हैं. हम किसी गुट का हिस्सा नहीं हैं.'

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पाकिस्तान को अलग-थलग करने की धमकी

लीक डॉक्यूमेंट के मुताबिक, बैठक के दौरान लू ने पाकिस्तानी राजदूत से रूस-यूक्रेन युद्ध पर उनके देश के रुख को लेकर नाराजगी जताई थी और पाकिस्तान को अलग-थलग करने की धमकी दी थी.

लू ने कहा था, 'यूरोप में यहां लोग इस बात को लेकर चिंतित हैं कि पाकिस्तान यूक्रेन पर इतना अधिक तटस्थ रुख क्यों अपना रहा है जबकि आप कभी भी इस तरह का रुख नहीं अपना सकते हैं. हमें नहीं लगता है कि आपका जो रुख है वो हमारे लिए तटस्थ है.'

लू ने आगे कहा था, 'अगर इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित हो जाता है तो अमेरिका सभी गलतियों को माफ कर देगा क्योंकि रूस जाने का फैसला प्रधानमंत्री की तरफ से लिया फैसला दिख रहा है.'

लू ने पाकिस्तानी राजदूत को चेतावनी दी थी अगर उनका देश इमरान खान को सत्ता से नहीं हटाता तो उसके सभी पश्चिमी सहयोगी उसे अलग-थलग कर देंगे.

उन्होंने कहा था, 'मैं कहना चाहूंगा कि हालिया घटनाओं ने रिश्ते में पहले ही दूरी पैदा कर दी है. लेकिन हम कुछ दिनों का इंतजार करते हैं और देखते हैं कि पाकिस्तान की राजनीतिक स्थिति में बदलाव होता है या नहीं. अगर बदलाव होता है तो रिश्ते तेजी से सामान्य हो जाएंगे वरना हम मामले से सख्ती ने निपटेंगे और तय करेंगे कि इसे कैसे सही किया जाए.'

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इमरान खान को सत्ता से हटाए जाने के बाद ही पाकिस्तान ने रूस-यूक्रेन युद्ध में यूक्रेन पर जो रुख अपनाया था, उसे तुरंत पलट दिया गया. खान की सरकार गिरने के कुछ दिनों बाद ही पाकिस्तान के तत्कालीन आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा ने रूस-यूक्रेन संघर्ष को भयंकर त्रासदी करार देते हुए रूस की आलोचना की थी. सीक्रेट डॉक्यूमेंट लीक होने के बाद यह स्पष्ट भी हो गया है कि रूस-यूक्रेन युद्ध पर पाकिस्तान का तटस्थ रुख इमरान खान की नीति थी न कि पाकिस्तान की सेना की.

इमरान खान ने अमेरिका पर लगाए थे आरोप

इमरान खान की सरकार के खिलाफ जब अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात चल रही थी तब एक-एक करके उनके सहयोगियों ने उन्हें समर्थन देना बंद कर दिया. बहुमत खो रहे इमरान खान ने एक रैली में दावा किया का विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव के पीछे विदेशी साजिश है. उन्होंने कहा कि एक शक्तिशाली देश ने एक पत्र भेजा है जिसमें कहा गया है कि इमरान खान को हटाने की जरूरत है या पाकिस्तान नतीजा भुगतने के लिए तैयार रहे.

उन्होंने पत्र का जिक्र करते हुए कहा था, 'एक विदेशी राष्ट्र ने हमें (पाकिस्तान को) संदेश भेजा है कि इमरान खान को हटाना होगा, वरना पाकिस्तान को इसका नतीजा भुगतना होगा. पत्र की भाषा हमें धमकाने वाली और अहंकार से भरी हुई है.'

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27 मार्च को, खान ने एक रैली में साजिश का पत्र हवा में लहराते हुए कहा था कि उन्हें सत्ता से हटाने के लिए विदेशी साजिश चल रही है.

अमेरिकी विदेश मंत्रालय का इनकार

अमेरिकी विदेश मंत्रालय हालांकि, इमरान खान की सरकार गिराए जाने के पीछे अपना हाथ होने से इनकार करता रहा है.

8 अप्रैल 2022 को अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता जेलिना पोर्टर ने इमरान खान के विदेशी साजिश के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, 'मैं इस पर सिर्फ दो टूक बोलना चाहूंगी कि इस तरह के आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है.' 

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