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ट्रंप इफेक्टः खटाई में पड़ सकता है भारत में एफ-16 का निर्माण

ट्रंप की अमेरिका फर्स्ट की नीति के कारण वह चाहते हैं कि अमेरिकी कंपनियां उनके देश में अपने निर्माण को आगे बढ़ाएं और विदेशों में उसकी बिक्री हो. कंपनी के अनुसार भारत को विमान बिक्री को लेकर अभी ट्रंप प्रशासन से बात करनी होगी.

एफ-16 लड़ाकू विमान एफ-16 लड़ाकू विमान
संदीप कुमार सिंह
  • न्यूयॉर्क,
  • 10 फरवरी 2017,
  • अपडेटेड 12:34 PM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों असर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया पर भी पड़ सकता है. अमेरिकी रक्षा कंपनी लॉकहीड मॉर्टिन भारत में एफ-16 युद्ध जेट विमानों का उत्पादन भारत में करना चाहती थी. लेकिन अब यह योजना खटाई में पड़ सकती है, हालांकि फिलहाल व्हाइट हाउस ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है.

पेंटागन से कंपनी को अभी नए विमान बनाने का ऑर्डर नहीं मिला था, जिसके कारण कंपनी पांचवी पीढ़ी के एफ-35 लड़ाकू विमानों के उत्पादन के प्लान को छोड़ कर टैक्सास प्लांट में ही उत्पादन को आगे बढ़ाना चाहेगी. वहीं जब तक अगर भारत सरकार अधिक ऑर्डर देने में सफल रहती है तो वह भारत में निर्माण कर सकती है.

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गौरतलब है कि ट्रंप की अमेरिका फर्स्ट की नीति के कारण वह चाहते हैं कि अमेरिकी कंपनियां उनके देश में अपने निर्माण को आगे बढ़ाएं और विदेशों में उसकी बिक्री हो. कंपनी के अनुसार भारत को विमान बिक्री को लेकर अभी ट्रंप प्रशासन से बात करनी होगी.

हालांकि लॉकहीड का कहना है कि भारत में उत्पादन करने से अमेरिका में रोजगार पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. कंपनी ने बताया कि अगर यह योजना आगे बढ़ती है तो अमेरिका में ही लगभग 200 इंजिनियरों को रोजगार मिलेगा और 800 से अधिक कारीगरों को भी रोजगार मिलने की संभावना बढ़ेगी.

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