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अमेरिका का ये कॉलेज लड़कियों को देने लगा गर्भनिरोधक गोलियां, जानें क्यों?

अमेरिका के एक कॉलेज में छात्राओं को गर्भनिरोधक गोलियां दी जाएंगी. कॉलेज का यह फैसला Roe v. Wade केस में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के उस नए फैसले पर प्रतिक्रिया कही जा रही है, जिसमें अदालत ने पिछले पचास साल पुराने निर्णय को बदल पलट दिया था.

अमेरिका के कॉलेज में दी जा रहीं गर्भनिरोधक गोलियां अमेरिका के कॉलेज में दी जा रहीं गर्भनिरोधक गोलियां
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 6:42 PM IST

अमेरिका के एक कॉलेज से हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है. न्यूयॉर्क स्थित बर्नाड गर्ल्स कॉलेज में छात्राओं को गर्भनिरोधक गोलियां बांटी जाएंगी. कॉलेज प्रशासन की मानें तो अगले साल से यह सुविधा शुरू कर दी जाएगी. कॉलेज का यह कदम अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के मशहूर Roe v. Wade केस में 50 साल बाद पलटे अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया बताई जा रही है. 

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दरअसल, Roe v. Wade केस में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने 50 साल पुराने फैसले को पलटते हुए कहा था कि अमेरिकी परंपरा और संविधान में गर्भपात अधिकार के रूप में नहीं है. कई राज्यों ने गर्भपात पर इस फैसले का विरोध किया है.

बर्नाड कॉलेज की डीन लीसली ग्रीनेज और बर्नाड की चीफ हेल्थ ऑफिसर मरीना कैटोलोजी ने इस मामले में कहा कि बर्नाड कॉलेज में सभी छात्रों की हेल्थ सेवाओं और रिप्रोडक्टिव हेल्थकेयर को ध्यान में रखते हुए एक नए ढांचे को लागू किया गया है.

बर्नाड कॉलेज की डीन लीसली ग्रीनेज और बर्नाड की चीफ हेल्थ ऑफिसर मरीना कैटोलोजी ने इस मामले में आगे कहा कि बर्नाड न्यूयॉर्क में है, जहां गर्भपात पर कोई पाबंदी नहीं है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि कॉलेज इस सबके लिए तैयार नहीं रहेगा.

बता दें कि अमेरिकी फूड और ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने पिछले साल ही गर्भपात की शुरुआती स्टेज पर इस्तेमाल होने वाली दशकों पुरानी दवाइयों पर लगे प्रतिबंधों में ढील दी थी, जिससे यह आसानी से लोगों तक पहुंच जाए.   

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सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कई राज्यों में गर्भपात बंद 
अमेरिका में गर्भपात को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जबसे  Roe v. Wade केस में पुराने फैसले को पलटते हुए नया फैसला सुनाया है. तबसे कई अमेरिकी राज्यों ने गर्भपात पर रोक लगानी शुरू कर दी है. हालांकि, बर्नाड कॉलेज, कुछ स्कूल और कुछ संस्थाएं गर्भपात को आसान करने की कोशिश कर रहे हैं.

जनवरी साल 2023 से यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया और कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी कैंपसों में भी गर्भपात के लिए ऐसी ही दवाइयों को पहुंच छात्राओं तक की जाएगी. वहीं कुछ कंपनियों ने सार्वजनिक तौर पर भी ऐलान कर दिया है कि अगर उनकी किसी कर्मचारी को गर्भपात के लिए राज्य से बाहर जाना पड़ेगा तो उसका ट्रैवलिंग का खर्चा भी कंपनी ही उठाएगी.

सुप्रीम कोर्ट के फैसला पलटने पर लगातार विवाद
गर्भपात को लेकर कई इलाकों में अमेरिकी महिलाएं सड़कों पर भी उतरकर भी प्रदर्शन कर रही हैं. हाल ही में राजधानी वॉशिंगटन डीसी में सैंकड़ों लोगों की भीड़ ने इसके खिलाफ नारेबाजी की. सिर्फ राजधानी ही नहीं बल्कि अन्य बड़े शहरों में भी हजारों लोग सड़क पर उतरे और प्रदर्शन किया. 

प्रदर्शन में शामिल हुईं 18 साल की एमिली बोबल ने कहा कि यह बहुत अजीब है कि हमें साल 2022 में यह करना पड़ रहा है. एमिली ने डर जताया कि कोर्ट का अगला निशाना समलैंगिक शादियां हो सकती हैं. वहीं प्रदर्शन में 70 साल की किम्बर्ली एलन भी शामिल हुईं. उन्होंने कहा कि हम में से अधिकतर लोग लोकतंत्र के लिए लड़ाई करने के लिए तैयार हैं. 

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सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यूएस क्लीनिकों में गर्भपात बंद 
अमेरिका में गर्भपात को लेकर सुप्रीम कोर्ट के नए फैसले को लेकर जहां एक तरफ लोगों में गुस्सा और नाराजगी है तो वहीं अस्पतालों और मेडिकल क्लीनिकों में गर्भपात नहीं किया जा रहा है. अंग्रेजी अखबार द गार्जियन के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के फैसले का असर इतना हुआ कि 15 अमेरिकी राज्यों के 60 क्लीनिकों में गर्भपात की सेवा बंद कर दी गई हैं.  

बता दें कि अमेरिका के Guttmacher इंस्टीट्यूट की नई स्टडी में यह दावा किया गया है. स्टडी में पाया गया कि पहले अमेरिका के 15 राज्यों में ऐसे 79 क्लीनिक थे, जिनमें गर्भपात की सुविधा दी जाती थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हो रहे बदलावों के बाद उन क्लीनिकों की संख्या में 13 रह गई है, जिनमें गर्भपात कराया जा सकता है.

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