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अंतरिक्ष में भारत का टेस्ट करना सही, यह रक्षात्मक तरीका: पेंटागन

27 मार्च को भारत ने अंतरिक्ष के लोअर ऑर्बिट में अपनी ही एक मिसाइल को मार गिराया और यह एक सफल परीक्षण था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित कर इसकी जानकारी दी थी. इसको लेकर पाकिस्तान और चीन की तरफ से अच्छा रिस्पॉन्स नहीं मिला था.

भारत के मिशन शक्ति के पक्ष में पेंटागन भारत के मिशन शक्ति के पक्ष में पेंटागन
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 अप्रैल 2019,
  • अपडेटेड 10:13 AM IST

अंतरिक्ष में भारत की ताकत लगातार बढ़ रही है, इससे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान और चीन परेशान दिख रहे हैं. हाल ही में भारत ने अंतरिक्ष में उपग्रह मार गिराने का सफल परीक्षण किया था, जिससे हर कोई बैचेन था. लेकिन इस मामले में अमेरिका हिंदुस्तान के साथ खड़ा है. अमेरिका के पेंटागन (रक्षा मंत्रालय) ने भारत के A-SAT मिसाइल टेस्ट को सही ठहराया है.

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27 मार्च को भारत ने अंतरिक्ष के लोअर ऑर्बिट में अपनी ही एक मिसाइल को मार गिराया और एक सफल परीक्षण था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित कर इसकी जानकारी दी थी, तब पाकिस्तान और चीन की तरफ से अच्छा रिस्पॉन्स नहीं मिला था.

अब पेंटागन ने कहा कि भारत को अंतरिक्ष में बढ़ते तनाव की चिंता है, इसलिए उसने अपनी सुरक्षा में इस तरह का A-SAT मिसाइल टेस्ट किया है, जो बिल्कुल जायज है.

अमेरिका स्ट्रेटेजिक कमांड के कमांडर जनरल जॉन ई. हैटन ने कहा कि हमें सबसे पहले ये समझना होगा कि हिंदुस्तान को ऐसा क्यों करना पड़ा, इस पर कमेटी जांच कर रही है लेकिन सबसे बड़ी बात ये है कि उन्हें ये भी अंतरिक्ष में दूसरी शक्तियों से खतरा है. इसलिए वह रक्षात्मक तरीका अपना रहे हैं.

बता दें कि भारत के सफल परीक्षण के बाद अमेरिकी एजेंसी NASA ने इसे खतरनाक बताया था और कहा था कि इससे अंतरिक्ष में 400 कचरे के टुकड़े पैदा हुए थे. जो सभी के लिए खतरा है. हालांकि भारत ने इस तर्क को नकारते हुए कहा था कि सभी कचरा कुछ ही समय में खत्म हो जाएगा.

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भारत के इस फैसले पर सिर्फ चीन और पाकिस्तान ने ही खुलकर आपत्ति दर्ज की थी. इसके अलावा अमेरिका, यूरोपीय देशों ने भारत को बधाई दी थी. इससे उलट जब चीन ने कुछ साल पहले ऐसा ही टेस्ट किया था तो दुनिया के कई देशों ने चीन पर दबाव बनाया था.

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