Advertisement

तालिबान राज में बढ़ सकता ISIS का खतरा, अमेरिका भी चिंतित, बाइडेन ने की बैठक

IS का खतरा भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है जो अभी के लिए अफगानिस्तान में कम जरूर है लेकिन कब सक्रिय हो जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता. इसी वजह से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शनिवार को एक अहम मीटिंग बुलाई. उन्होंने अपने तमाम अधिकारियों संग इस मुद्दे पर विस्तार से बात की.

अफगानिस्तान में सक्रिय हो जाएगा IS? बाइडेन ने की बैठक अफगानिस्तान में सक्रिय हो जाएगा IS? बाइडेन ने की बैठक
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 7:38 AM IST
  • तालिबान राज में IS का खतरा
  • बाइडेन ने की अहम बैठक

अफगानिस्तान में तालिबान राज के आने से खाड़ी देश पर कई दूसरे खतरे भी मंडराने लगे हैं. IS का खतरा भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है जो अभी के लिए अफगानिस्तान में कम जरूर है लेकिन कब सक्रिय हो जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता. इसी वजह से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शनिवार को एक अहम मीटिंग बुलाई. उन्होंने अपने तमाम अधिकारियों संग इस मुद्दे पर विस्तार से बात की.

Advertisement

अफगानिस्तान में सक्रिय हो जाएगा IS?

जानकारी मिली है कि बाइडेन को बैठक के दौरान अफगानिस्तान की वर्तमान स्थिति के बारे में बताया गया है. जोर देकर कहा गया है कि IS हमेशा से ही अमेरिका पर हमला करना चाहता है. अफगानिस्तान में भी वो कई सालों से सक्रिय है. अब डर इस बात का है कि अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार बन सकती है. इस वजह से IS को फिर खुद को मजबूत करने का मौका मिल सकता है. और अगर IS मजबूत हुआ तो ये अमेरिका के लिए खतरे की घंटी साबित होगी.

बाइडेन की अहम बैठक

इन्हीं सब चिंताओं को दूर करने के लिए राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ये अहम बैठक बुलाई थी. इस बैठक में उप राष्ट्रपति कमला हैरिस भी मौजूद रहीं. उनके साथ डिफेंस सेक्रेटरी Lloyd Austin भी शामिल हुए. बैठक के दौरान IS खतरे पर तो बात की ही गई, इस बात पर भी विचार रहा कि अमेरिका किस तरह की कार्रवाई करेगा. भविष्य में आने वाले इस संकट से कैसे निपटा जाएगा, इस पर भी सुझाव मांगे गए.

Advertisement

विवादों में अमेरिका की रणनीति

अब अमेरिका की तरफ से ये बैठक उस समय बुलाई गई है जब पूरी दुनिया में अफगानिस्तन स्थिति को लेकर उसकी आलोचना की जा रही है. कहा जा रहा है कि अमेरिका ने बिना सोचे समझे अपनी सेना को वापस बुलाने का फरमान सुना दिया जिस वजह से तालिबान को फिर मजबूत होने का मौका मिल गया और उसने इस देश पर फिर अपना कब्जा जमा लिया. अभी के लिए राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने उस फैसले पर कई मौकों पर सफाई पेश कर दी है. कहा गया है कि अफगानिस्तान को अपनी जंग खुद लड़नी होगी. ये भी कह दिया गया है कि अफगानी सेना ने तालिबान के आगे हथियार डाल दिए.

ये भी पढ़ें

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement