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6 देश, 30 फ्लाइट और हजारों करोड़ खर्च... सैन्य विमान से अवैध प्रवासियों को भेजना अमेरिका को पड़ा महंगा!

फ्लाइट ट्रैकिंग डेटा के अनुसार, अमेरिकी सरकार ने लगभग 30 निर्वासन उड़ानें C-17 विमानों से और करीब एक दर्जन उड़ानें C-130 विमानों से संचालित कीं. इन उड़ानों के जरिए प्रवासियों को 6 देश भारत, ग्वाटेमाला, इक्वाडोर, पेरू, होंडुरास, पनामा भेजा गया. इसके अलावा कई प्रवासी ग्वांतानामो बे भी भेजे गए

अमेरिका से हजारों अवैध प्रवासी डिपोर्ट कर वापस भेजे गए (फाइल फोटो) अमेरिका से हजारों अवैध प्रवासी डिपोर्ट कर वापस भेजे गए (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 07 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 6:34 AM IST

डोनाल्ड ट्रंप ने 20 जनवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति का पदभार ग्रहण करने के बाद अवैध प्रवासियों पर कड़ा एक्शन लिया. इस क्रम में अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर सख्त जांच शुरू करने के साथ ही निर्वासन की प्रक्रिया को तेज कर दिया. ट्रंप ने पद संभालने के पहले महीने में ही 37,660 अवैध प्रवासियों को देश से बाहर निकाल दिया. डिपोर्ट लोगों को अमेरिका के सैन्य विमानों से वापस भेजा गया. हालांकि अब बताया जा रहा है कि इस पर आने वाले खर्च को देखते हुए निर्वासित लोगों को वापस भेजने के लिए सैन्य विमान का इस्तेमाल रोक दिया गया है.

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वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप प्रशासन ने उन अवैध प्रवासियों को ग्वांतानामो बे या अन्य स्थानों पर भेजने के लिए सैन्य विमानों के उपयोग को बंद कर दिया है. रिपोर्ट में कहा गया कि निर्वासन के लिए सैन्य विमानों पर निर्भरता महंगी और गैर-व्यवहारिक साबित हुई. हालांकि प्रशासन ने अभी विस्तृत निर्वासन आंकड़े जारी नहीं किए हैं. इससे यह स्पष्ट नहीं है कि कितने लोगों को अमेरिकी आंतरिक सुरक्षा एजेंसी (ICE) ने देश के भीतर से पकड़ा और कितने को सीमा पर ही हिरासत में लेकर बाहर भेज दिया गया.

महंगे पड़े सैन्य विमानों से निर्वासन

फ्लाइट ट्रैकिंग डेटा के अनुसार, अमेरिकी सरकार ने लगभग 30 निर्वासन उड़ानें C-17 विमानों से और करीब एक दर्जन उड़ानें C-130 विमानों से संचालित कीं. इन उड़ानों के जरिए प्रवासियों को 6 देश भारत, ग्वाटेमाला, इक्वाडोर, पेरू, होंडुरास, पनामा भेजा गया. इसके अलावा कई प्रवासी ग्वांतानामो बे भी भेजे गए. इस दौरान सैन्य विमानों ने लंबी दूरी तय की, कम यात्रियों को ले जाया और नागरिक विमानों की तुलना में अधिक लागत उठानी पड़ी.

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निर्वासन की लागत कितनी?

वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के लिए भेजी गई तीन निर्वासन उड़ानों की लागत 3 मिलियन डॉलर (लगभग 30 करोड़ रुपये) आई. वहीं, कुछ उड़ानों में केवल एक दर्जन लोगों को ग्वांतानामो बे भेजा गया, जिसकी लागत प्रति व्यक्ति कम से कम 20,000 डॉलर थी. अमेरिका ने अब तक तीन उड़ानों में 332 भारतीयों को वापस भेजा, जिन पर प्रति व्यक्ति लगभग 27,108 रुपये खर्च हुए.

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, एक मानक ICE निर्वासन उड़ान की लागत लगभग 8,500 डॉलर प्रति उड़ान घंटे होती है, लेकिन पूर्व ICE अधिकारियों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की वास्तविक लागत करीब 17,000 डॉलर प्रति घंटा होती है. इसके विपरीत, भारी कार्गो और सैनिक परिवहन के लिए डिज़ाइन किए गए C-17 विमान का संचालन प्रति उड़ान घंटे 28,500 डॉलर में किया जाता है, जैसा कि अमेरिकी ट्रांसपोर्टेशन कमांड ने बताया.

मैक्सिको के हवाई क्षेत्र से बचकर लंबी दूरी तय की

इसके अलावा, C-17 विमानों ने मैक्सिकन हवाई क्षेत्र से बचते हुए लंबी दूरी तय की, जिससे मध्य और दक्षिण अमेरिका के लिए उड़ान का समय बढ़ गया. कुछ लैटिन अमेरिकी देशों, जिनमें मैक्सिको भी शामिल है, ने अमेरिकी सैन्य विमानों को उतरने की अनुमति देने से इनकार कर दिया और इसके बजाय या तो व्यावसायिक विमानों से निर्वासन करवाया या खुद अपने विमानों का उपयोग किया.

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