
बुधवार सुबह करीब 06:38 बजे तुर्की के अंकारा से 186 किमी पश्चिम-उत्तर-पश्चिम में 6.0 तीव्रता का भूकंप आया. भूकंप की गहराई जमीन से 10 किमी नीचे थी. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने ये जानकारी दी है. यहां अभी तक किसी जानमाल के नुकसान की खबर नहीं आई है.
बता दें कि बीते एक हफ्ते में देश और दुनिया में भूकंप की कई खबरें आई हैं. मंगलवार को ही लद्दाख के लेह और करगिल में भूकंप के झटके महसूस किए गए. रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 4.3 रही. भूकंप का केंद्र करगिल से 191 किमी दूर उत्तर में था. इससे पहले मंगलवार सुबह ही सोलोमन आइलैंड पर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.3 तीव्रता थी. तेज भूकंप के बाद सोलोमन आइलैंड पर सुनामी का अलर्ट जारी कर दिया गया. बता दें कि दो दिन पहले ही भूकंप ने इंडोनेशिया में तबाही मचाई है. इंडोनेशिया में भूकंप से 162 लोगों की मौत हो गई, जबकि 300 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं.
इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में सोमवार को भूकंप के एक झटके में कई बड़ी इमारतें धराशाही हो गईं. भूकंप से अब तक यहां 162 लोगों की मोत हो गई. सैकड़ों लोग घायल हुए. भूकंप की तीव्रता 5.6 रही थी. यहां कई लोग अभी भी इमारतों के मलबे में दबे हैं. इन्हें बचाने के लिए रेस्क्यू अभियान जारी है.
भूकंप का केंद्र इंडोनेशिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले प्रांत के एक पहाड़ी क्षेत्र में सियानजुर शहर के करीब था. सोमवार दोपहर भूकंप के झटके से लोग घबरा गए और घरों से निकलकर सड़कों पर भागने के लिए मजबूर हो गए. भूकंप से इमारतें गिर गईं. सियांजुर में अस्पताल की पार्किंग रात भर पीड़ितों से भरी रही. कुछ का अस्थायी टेंट में इलाज किया गया. अन्य को फुटपाथ पर ड्रिप लगाई गई. जबकि हेल्थ वर्कर्स ने टॉर्च की रोशनी में मरीजों को टांके लगाए.